कौशांबी : प्रयागराज में हुए दोहरे हत्याकांड के 4 दिन बीत जाने के बाद भी शार्पशूटरों की गिरफ्तारी नहीं हाे पाई है. इससे नाराज कौशाम्बी के अधिवक्ताओं ने साेमवार से हड़ताल शुरू कर दी. अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री काे पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की. बार एसोसिएशन के महामंत्री ने जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेम सराय इलाके में शुक्रवार को दिनदहाड़े बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल को हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर दिया था. इसके साथ ही हमलावरों ने दो पुलिस वालों पर भी फायरिंग की. उमेश पाल और सिपाही संदीप निषाद ने भी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
एक पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बताई जा रही है. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल व उनके गनर संदीप निषाद हत्याकांड में 4 दिन बीत जाने के बावजूद किसी की भी गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज कौशांबी डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने सोमवार को हड़ताल कर धरना-प्रदर्शन किया. जिला अधिकारी कौशांबी सुजीत कुमार को तीन सूत्री ज्ञापन दिया। जिसमे उन्होंने 50 लाख मुआवजा, परिवार के सदस्य को सरकारी, अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट और दोषियों को कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की है.
बार एसोसिएशन के महामंत्री लक्ष्मी कांत मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज में दोहरे हत्याकांड को लेकर अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है. इसी के विरोध में अधिवक्ता साथी न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया है. साथ ही सरकार से मांग की गई है कि सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करें और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दे. यदि सरकार जल्द इस पर फैसला नहीं लेती है और गिरफ्तारी नहीं होती है तो अधिवक्ता साथी उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
यह भी पढ़ें : उमेश पाल हत्याकांड को लेकर कौशांबी पुलिस अलर्ट, चलाया चेकिंग अभियान