ETV Bharat / state

कौशाम्बी: नगर पंचायत अध्यक्ष मंझनपुर के निर्वाचन को न्यायालय ने किया शून्य घोषित

यूपी के कौशाम्बी जिले में नगर पंचायत अध्यक्ष मंझनपुर के निर्वाचन को जनपद न्यायालय ने शून्य घोषित कर दिया. नगर पंचायत के ऊपर नामांकन के समय अपने आपराधिक इतिहास को छुपाने का आरोप था, जिसके खिलाफ कोर्ट में सपा प्रत्याशी ने मुकदमा दायर किया था.

author img

By

Published : Feb 15, 2020, 3:29 AM IST

etv bharat
नगर पंचायत मंझनपुर के अध्यक्ष के निर्वाचन को कोर्ट ने किया शून्य घोषित.

कौशाम्बी: जिले की जनपद न्यायालय ने नगर पंचायत अध्यक्ष मंझनपुर के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया है. नगर पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर एक याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी. आरोप था कि निर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष ने नामांकन के समय शपथ पत्र में अपने आपराधिक इतिहास को छिपा लिया था, जिसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष पद के सपा पार्टी के प्रत्याशी ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया था.

जानकारी देते याचिकाकर्ता के वकील.

नगर पंचायत मंझनपुर के अध्यक्ष पद के लिए 2017 में चुनाव हुआ था. इस चुनाव में करीब 12 से अधिक लोगों ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की थी, जिसमें बसपा प्रत्याशी रहे महताब आलम की 37 वोट से जीत हुई थी. उनकी जीत को लेकर दूसरे नंबर पर रहे सपा प्रत्याशी शबीह हैदर उर्फ मीनू ने जिला जज के न्यायालय में चुनौती दिया. याचिकाकर्ता का आरोप था कि मंझनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष महताब आलम ने नामांकन के समय शपथ पत्र में अपने आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं दी थी.

मामले की 2 साल से अधिक समय तक चली सुनवाई में अपर जिला जज चतुर्थ कमलेश कुमार पाठक ने शुक्रवार को नगर पंचायत अध्यक्ष महताब आलम के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील कुलदीप शुक्ल के मुताबिक याचिकाकर्ता ने कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप था कि महताब आलम ने नामांकन के समय शपथ पत्र पर अपने अपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं दी, जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया है.

ये भी पढ़ें: कौशाम्बी: कोर्ट ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को किया तलब, दुष्कर्म की FIR नहीं की थी दर्ज

कौशाम्बी: जिले की जनपद न्यायालय ने नगर पंचायत अध्यक्ष मंझनपुर के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया है. नगर पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर एक याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी. आरोप था कि निर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष ने नामांकन के समय शपथ पत्र में अपने आपराधिक इतिहास को छिपा लिया था, जिसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष पद के सपा पार्टी के प्रत्याशी ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया था.

जानकारी देते याचिकाकर्ता के वकील.

नगर पंचायत मंझनपुर के अध्यक्ष पद के लिए 2017 में चुनाव हुआ था. इस चुनाव में करीब 12 से अधिक लोगों ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की थी, जिसमें बसपा प्रत्याशी रहे महताब आलम की 37 वोट से जीत हुई थी. उनकी जीत को लेकर दूसरे नंबर पर रहे सपा प्रत्याशी शबीह हैदर उर्फ मीनू ने जिला जज के न्यायालय में चुनौती दिया. याचिकाकर्ता का आरोप था कि मंझनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष महताब आलम ने नामांकन के समय शपथ पत्र में अपने आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं दी थी.

मामले की 2 साल से अधिक समय तक चली सुनवाई में अपर जिला जज चतुर्थ कमलेश कुमार पाठक ने शुक्रवार को नगर पंचायत अध्यक्ष महताब आलम के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील कुलदीप शुक्ल के मुताबिक याचिकाकर्ता ने कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप था कि महताब आलम ने नामांकन के समय शपथ पत्र पर अपने अपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं दी, जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया है.

ये भी पढ़ें: कौशाम्बी: कोर्ट ने तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को किया तलब, दुष्कर्म की FIR नहीं की थी दर्ज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.