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बेटे की तरह बकरे को पाला...मरने पर हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार, पढ़िए पूरी खबर

सिराथू के एक गांव में रहने वाले एक शख्स को अपने बकरे से बेटे की तरह प्रेम था. बकरे की मौत पर उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया. पढ़िए पूरी खबर...

बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.
बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.
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Published : Dec 3, 2021, 5:18 PM IST

Updated : Dec 3, 2021, 7:19 PM IST

कौशांबीः आपने सन् 1971 में आई फिल्म हाथी मेरे साथी जरूर देखी होगी. उसमें राजेश खन्ना हाथी से बेहद प्रेम करते हैं और हाथी की मौत पर बहुत दुखी होते हैं. फिल्मी पर्दे पर इंसान और जानवर के प्रेम की ये कहानी हकीकत में भी कई जगह नजर आती है. ताजा मामला कौशांबी जिले के सिराथू के गांव निहालपुर का है. यहां रहने वाले राम प्रकाश को एक बकरे से बेटे की तरह प्रेम था. उसकी मौत पर उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से उसका दाह संस्कार किया. इसमें गांव के ग्रामीण और पुरोहित भी शामिल हुए. 16 दिसंबर को बकरे की तेहरवीं है.

बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.
बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.

सिराथू तहसील के गांव निहालपुर के रहने वाले राम प्रकाश की शादी नहीं हुई है. उन्होंने एक बकरी पाल रखी थी. छह साल पहले बकरी ने एक बकरे को जन्म दिया था. बकरी की मौत हो गई थी. इसके बाद रामप्रकाश ने उस बकरे को बेटे की तरह पाला पोसा. रामप्रकाश ने बकरे का नामकरण भी करवाया. उसका नाम कल्लू रखवाया.

बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.

ग्रामीणों की माने तो रामप्रकाश बकरे कल्लू को बेटे की तरह पालता पोसता रहा. दो दिसंबर को अचानक बकरे कल्लू की मौत हो गई. तीन दिसंबर को रामप्रकाश ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार बकरे की अंतिम यात्रा निकाली. पुरोहित ने विधि-विधान से अंत्येष्टि कर्म कराया.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर होगी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी

अब 16 दिसंबर को बकरे कल्लू की तेहरवीं होगी. रामप्रकाश ने ईटीवी भारत को बताया कि बकरे से उन्हें बेहद लगाव था. उन्होंने बेटे की तरह उसको पाला था. उधर. बकरे के प्रति उनका ऐसा लगाव देखकर हर कोई उनके इस प्रेम की तारीफ करते नहीं थक रहा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

कौशांबीः आपने सन् 1971 में आई फिल्म हाथी मेरे साथी जरूर देखी होगी. उसमें राजेश खन्ना हाथी से बेहद प्रेम करते हैं और हाथी की मौत पर बहुत दुखी होते हैं. फिल्मी पर्दे पर इंसान और जानवर के प्रेम की ये कहानी हकीकत में भी कई जगह नजर आती है. ताजा मामला कौशांबी जिले के सिराथू के गांव निहालपुर का है. यहां रहने वाले राम प्रकाश को एक बकरे से बेटे की तरह प्रेम था. उसकी मौत पर उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से उसका दाह संस्कार किया. इसमें गांव के ग्रामीण और पुरोहित भी शामिल हुए. 16 दिसंबर को बकरे की तेहरवीं है.

बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.
बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.

सिराथू तहसील के गांव निहालपुर के रहने वाले राम प्रकाश की शादी नहीं हुई है. उन्होंने एक बकरी पाल रखी थी. छह साल पहले बकरी ने एक बकरे को जन्म दिया था. बकरी की मौत हो गई थी. इसके बाद रामप्रकाश ने उस बकरे को बेटे की तरह पाला पोसा. रामप्रकाश ने बकरे का नामकरण भी करवाया. उसका नाम कल्लू रखवाया.

बकरे का हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार.

ग्रामीणों की माने तो रामप्रकाश बकरे कल्लू को बेटे की तरह पालता पोसता रहा. दो दिसंबर को अचानक बकरे कल्लू की मौत हो गई. तीन दिसंबर को रामप्रकाश ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार बकरे की अंतिम यात्रा निकाली. पुरोहित ने विधि-विधान से अंत्येष्टि कर्म कराया.

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अब 16 दिसंबर को बकरे कल्लू की तेहरवीं होगी. रामप्रकाश ने ईटीवी भारत को बताया कि बकरे से उन्हें बेहद लगाव था. उन्होंने बेटे की तरह उसको पाला था. उधर. बकरे के प्रति उनका ऐसा लगाव देखकर हर कोई उनके इस प्रेम की तारीफ करते नहीं थक रहा है.

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Last Updated : Dec 3, 2021, 7:19 PM IST
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