कौशाम्बी: जीएसटी चोरी की जांच करने चार सदस्य टीम कौशांबी पहुंची. इस दौरान उन्होंने जिले में विद्युतीकरण करने वाली एक फर्म की गहनता से छानबीन की. इस फर्म पर हरियाणा और दिल्ली की एक फर्जी फार्म के बिल द्वारा जीएसटी चोरी करने का आरोप है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच के प्रमुख के मुताबिक फर्म के खिलाफ फर्जी बिल बाउचर लगाकर जीएसटी चोरी करने का आरोप है. फर्म ने फर्जी बिल के आधार पर लगभग 50 लाख रुपए जीएसटी चोरी की गई है. जिसकी जांच जीएसटी विभाग के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच कर रही है.
कौशाम्बी जिले स्थित प्रकाशन में हैवी इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक फर्म काम कर रही थी. यह फर्म उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग में सामान की सप्लाई करने का काम करती है. इस फर्म ने दिल्ली और हरियाणा की एक फर्जी कम्पनी का बिल बाउचर लगाकर लगभग 50 लाख रुपये की जीएसटी चोरी करने का आरोप है. फार्म द्वारा जिस कंपनी का बिल वाउचर लगाया गया है, वह कंपनी दिल्ली और हरियाणा में है ही नहीं.
वहीं हरियाणा और दिल्ली राज्य सरकार द्वारा मिली सूचना के अनुसार पर प्रयागराज की जीएसटी डिपार्टमेंट की 4 सदस्यीय टीम कौशांबी पहुंची और टीम ने जीएसटी चोरी की जांच की. वहीं जिस समय जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर हेमवन्त गौतम व डिप्टी कमिश्नर मुकेश कुमार सिंह के साथ फर्म के कार्यालय पहुंचे, तो वहां फर्म के लोग नहीं मिले, जिसके बाद टीम ने लिखा-पढ़ी करके वापस लौट गई. टीम में 2 डिप्टी कमिश्नर के साथ 2 एडिशनल कमिश्नर लल्लन यादव और जितेंद्र कुमार शामिल थे.
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जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर हेमवंत गौतम के मुताबिक प्रकाशन हैवी इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दिल्ली और हरियाणा की फर्जी कंपनी का बिल लगाकर 50 लाख की जीएसटी चोरी की गई है. जिसकी जांच जीएसटी विभाग के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच द्वारा की गई है.