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रोटी के लिए तरसा पूरा परिवार, मरने लगे तो जागी सरकार... - परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक परिवार जो गरीबी और भुखमरी का शिकार हो रहा था. पड़ोसी के ट्वीट करने पर प्रशासनिक अमला जागा और उसकी मदद करने को आगे आया है.

पाण्डेय परिवार
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Published : Nov 2, 2019, 1:32 AM IST

कौशांबी : यह खबर सरकार के उन दावों की पोल खोलती है, जिसको लेकर सरकारें अपना पीठ थपथपाती हैं. जनपद के मंझनपुर तहसील स्थित गोपसाहसा गांव में रहने वाले बलराम पाण्डेय का परिवार, जिनके पास रहने के लिए न पक्का मकान है और न ही पेट भरने के लिए दो वक्त की रोटी. बलराम पाण्डेय का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुया तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया.

कौशांबी का पाण्डेय परिवार की कहानी.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
बलराम पाण्डेय अपनी बीवी और पांच बच्चों के साथ एक झोपड़ीनुमा मकान में रहते हैं. मकान ऐसा कि कभी भी तेज बारिश के चलते धराशाई हो सकता है. परिवार इतना बड़ा कि बूढ़े पिता की दिन भर की कमाई उनका पेट नहीं भर सकती. इतना सब कुछ तो ठीक था, लेकिन कुछ महीने पहले ही अचानक बलराम की तबीयत खराब हुई और जांच कराने पर पता चला कि उन्हें टीबी है. इलाज में पैसे खर्च होने के बाद भी जब बलराम को कोई आराम नहीं मिला तो परिजनों पैसे के अभाव में उन्हें अस्पताल से घर लेकर आ गए.

इसे भी पढ़ें - प्रयागराज: जीवनदायिनी साबित हो रही आयुष्मान योजना, हजारों मरीजों का हुआ मुफ्त इलाज

बच्चे भूखों सोने को मजबूर
पिता की खराब हालत के चलते बच्चे भी भूखे पेट रहने को मजबूर हैं. ऐसा भी नहीं कि उनके परिवार में कोई नहीं है, लेकिन किसी ने उनकी मदद करनी की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने परिवार के लोगों से मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन किसी ने न तो आर्थिक मदद की और न ही अनाज आदि की व्यवस्था.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
बलराम की बीमारी और परिवार की भुखमरी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन अब अपनी साख बचने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आया है. प्रशासन ने बीमार बलराम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया और उन्हें खाने की सामग्री के अलावा अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई.

बलराम का परिवार भुखमरी से जूझ रहा था. कई बार प्रधान और अधिकारियों से कहने के बाद भी कोई मदद नहीं कर रहा था. तभी उन्होंने भाई की मदद से इस पूरी खबर को ट्वीट किया. जिसके बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और अब बलराम की मदद की जा रही है.
- सोमदत्त, पड़ोसी


मामले की जानकारी मिलते ही सीडीओ, सीएमओ समेत कई अधिकारियों को मौके पर भेजा गया. बलराम बीमार अवस्था मे मिले हैं. उनका इलाज जिला अस्पताल में करवाया जा रहा है. उनके परिवार को आवास व अन्य सहायता जल्द से जल्द दिलाई जाएगी.
- मनीष कुमार, जिलाधिकारी

कौशांबी : यह खबर सरकार के उन दावों की पोल खोलती है, जिसको लेकर सरकारें अपना पीठ थपथपाती हैं. जनपद के मंझनपुर तहसील स्थित गोपसाहसा गांव में रहने वाले बलराम पाण्डेय का परिवार, जिनके पास रहने के लिए न पक्का मकान है और न ही पेट भरने के लिए दो वक्त की रोटी. बलराम पाण्डेय का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुया तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया.

कौशांबी का पाण्डेय परिवार की कहानी.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
बलराम पाण्डेय अपनी बीवी और पांच बच्चों के साथ एक झोपड़ीनुमा मकान में रहते हैं. मकान ऐसा कि कभी भी तेज बारिश के चलते धराशाई हो सकता है. परिवार इतना बड़ा कि बूढ़े पिता की दिन भर की कमाई उनका पेट नहीं भर सकती. इतना सब कुछ तो ठीक था, लेकिन कुछ महीने पहले ही अचानक बलराम की तबीयत खराब हुई और जांच कराने पर पता चला कि उन्हें टीबी है. इलाज में पैसे खर्च होने के बाद भी जब बलराम को कोई आराम नहीं मिला तो परिजनों पैसे के अभाव में उन्हें अस्पताल से घर लेकर आ गए.

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बच्चे भूखों सोने को मजबूर
पिता की खराब हालत के चलते बच्चे भी भूखे पेट रहने को मजबूर हैं. ऐसा भी नहीं कि उनके परिवार में कोई नहीं है, लेकिन किसी ने उनकी मदद करनी की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने परिवार के लोगों से मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन किसी ने न तो आर्थिक मदद की और न ही अनाज आदि की व्यवस्था.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
बलराम की बीमारी और परिवार की भुखमरी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन अब अपनी साख बचने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आया है. प्रशासन ने बीमार बलराम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया और उन्हें खाने की सामग्री के अलावा अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई.

बलराम का परिवार भुखमरी से जूझ रहा था. कई बार प्रधान और अधिकारियों से कहने के बाद भी कोई मदद नहीं कर रहा था. तभी उन्होंने भाई की मदद से इस पूरी खबर को ट्वीट किया. जिसके बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और अब बलराम की मदद की जा रही है.
- सोमदत्त, पड़ोसी


मामले की जानकारी मिलते ही सीडीओ, सीएमओ समेत कई अधिकारियों को मौके पर भेजा गया. बलराम बीमार अवस्था मे मिले हैं. उनका इलाज जिला अस्पताल में करवाया जा रहा है. उनके परिवार को आवास व अन्य सहायता जल्द से जल्द दिलाई जाएगी.
- मनीष कुमार, जिलाधिकारी

Intro:खबर रैप से भेजी गई है।

Anchor - यूपी के कौशाम्बी में जिला प्रशासन में उस समय हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति की अर्थिक तंगी को खबर सोशल मीडिया में वाइरल हो गई ।आर्थिक तंग के चलते मौत के मुहाने पर खड़े एक व्यक्ति की खबर जब शोसल मीडिया पर वाइरल हुई तो प्रसानिक अमले में हड़कंप मच गया। अपना दामन बचाने के लिए प्रशासनिक अमले ने टीबी से ग्रसित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही 6 दिन से भूख से बेहाल परिजनों को राशन के अलावा अन्य जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराई। इस मामले में जिलाधिकारी के मुताबिक व्यक्ति को हर सम्भव मदद दी जाएगी।



Body:Vo-01 - देश की केंद्र और प्रदेश की सरकार गरीबों की हर कदम पर मदद करने का भले दम भर रही हैं। पर, शायद उनका यह दावा सिर्फ कागजी कोरम तक ही पूरा है। मामला मंझनपुर तहसील के गोपसाहसा गांव का है। जहाँ गांव के ही रहने वाले बलराम पांडेय अपने बीवी और पांच बच्चों के साथ एक झोपड़ीनुमा मकान में रहते हैं। मकान ऐसा कि कभी भी तेज बारिश के चलते धराशाई हो सकता है। परिवार इतना बड़ा कि बूढ़े पिता की दिन भर की कमाई उनका पेट नहीं भर सकती। इतना सबकुछ तो ठीक था, लेकिन कुछ महीने पहले ही अचानक बलराम की तबीयत खराब हुई। जांच कराने पर पता चला कि उन्हें टीबी है। पिता की तबियत बिगड़ के बाद परिवार के पास पेट भरने के लिए पैसे थे, ऐसे में उनके सामने इलाज कराने का टेंशन आ गया। इलाज में पैसे खर्च होने के बाद भी जेब बलराम को कोई आराम नही लगा तो परिजनों ने पैसे के अभाव उसे घर लेकर आ गए। पिता की खराब हालत के चलते बच्चे भी भूखे पेट रहने को मजबूर थे। ऐसा भी नहीं कि उनके परिवार में कोई नहीं है। लेकिन किसी ने उनकी मदद करनी की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने परिवार के लोगों से मदद की गुहार भी लगाई। बावजूद इसके किसी ने न तो आर्थिक मदद की और न ही अनाज आदि की व्यवस्था। बीमारी और भूख से बेहाल बलराम चारपाई पर पड़ा सिर्फ कराह ही रहा था। बलराम की बीमारी और परिवार की भुखमरी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन अब अपनी साख बचने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आ गया। बीमार बलराम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। और उन्हें खाने की सामग्री के अलावा अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई।

बाइट- अर्चना देवी, पीड़ित की बेटी

Conclusion:पड़ोसी सोमदत्त शर्मा के मुताबिक बलराम का परिवार भुखमरी से जूझ रहा था। कई बार प्रधान और अधिकारियों से कहने के बाद भी कोई मदद नही कर रहा था। तभी उन्होंने भाई की मदद से इस पूरी खबर को ट्यूटर पर ट्वीट किया। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और बलराम की मदद किया।

बाइट-- सोमदत्त पड़ोसी युवक

जिलाधिकारी मनीष वर्मा के मुताबिक आज जैसे ही उनको इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने सीडीओ सीएमओ समेत कई अधिकारियों को मौके पर भेजा। बलराम बीमार अवस्था मे मिले हैं उनका इलाज जिला अस्पताल में करवाया जा रहा है। साथ ही उनको आवास व अन्य सहायता जल्द से जल्द दिलाई जाएगी।


बाइट- मनीष कुमार, डीएम कौशाम्बी।

बलराम तो महज एक बानगी है। जिले में बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिनके पर सिर छुपाने के लिए एक अदद पक्का मकान नहीं है। लेकिन प्रशासन आंख पर पट्टी बांधकर बैठा है। यदि प्रशासनिक अमला जमीनी स्तर से गरीबों की मदद करे तो शायद किसी की अकाल मौत न हो, कोई दो जून की रोटी के लिए किसी के सामने मदद के लिए हाथ न फैलाए।
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