कौशांबी : यह खबर सरकार के उन दावों की पोल खोलती है, जिसको लेकर सरकारें अपना पीठ थपथपाती हैं. जनपद के मंझनपुर तहसील स्थित गोपसाहसा गांव में रहने वाले बलराम पाण्डेय का परिवार, जिनके पास रहने के लिए न पक्का मकान है और न ही पेट भरने के लिए दो वक्त की रोटी. बलराम पाण्डेय का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुया तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
बलराम पाण्डेय अपनी बीवी और पांच बच्चों के साथ एक झोपड़ीनुमा मकान में रहते हैं. मकान ऐसा कि कभी भी तेज बारिश के चलते धराशाई हो सकता है. परिवार इतना बड़ा कि बूढ़े पिता की दिन भर की कमाई उनका पेट नहीं भर सकती. इतना सब कुछ तो ठीक था, लेकिन कुछ महीने पहले ही अचानक बलराम की तबीयत खराब हुई और जांच कराने पर पता चला कि उन्हें टीबी है. इलाज में पैसे खर्च होने के बाद भी जब बलराम को कोई आराम नहीं मिला तो परिजनों पैसे के अभाव में उन्हें अस्पताल से घर लेकर आ गए.
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बच्चे भूखों सोने को मजबूर
पिता की खराब हालत के चलते बच्चे भी भूखे पेट रहने को मजबूर हैं. ऐसा भी नहीं कि उनके परिवार में कोई नहीं है, लेकिन किसी ने उनकी मदद करनी की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने परिवार के लोगों से मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन किसी ने न तो आर्थिक मदद की और न ही अनाज आदि की व्यवस्था.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
बलराम की बीमारी और परिवार की भुखमरी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन अब अपनी साख बचने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आया है. प्रशासन ने बीमार बलराम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया और उन्हें खाने की सामग्री के अलावा अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई.
बलराम का परिवार भुखमरी से जूझ रहा था. कई बार प्रधान और अधिकारियों से कहने के बाद भी कोई मदद नहीं कर रहा था. तभी उन्होंने भाई की मदद से इस पूरी खबर को ट्वीट किया. जिसके बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और अब बलराम की मदद की जा रही है.
- सोमदत्त, पड़ोसी
मामले की जानकारी मिलते ही सीडीओ, सीएमओ समेत कई अधिकारियों को मौके पर भेजा गया. बलराम बीमार अवस्था मे मिले हैं. उनका इलाज जिला अस्पताल में करवाया जा रहा है. उनके परिवार को आवास व अन्य सहायता जल्द से जल्द दिलाई जाएगी.
- मनीष कुमार, जिलाधिकारी