कौशांबीः गंगा के पानी को अमृत माना जाता है, लेकिन उसकी मात्रा अब काफी घटती जा रही है. गंगा से जुड़ी परियोजनाओं में लापरवाही और अनदेखी के चलते स्थिति खराब हो रही है. जीवनदायिनी मां गंगा को अविरल और निर्मल बनाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई "नमामि गंगे योजना" को कौशांबी के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. गंगा को स्वच्छ और निर्मल होने में जिले के नाले बाधक बन रहे हैं. इससे पानी प्रदूषित हो रहा है. घाटों में फैली गंदगी की वजह से स्नानार्थियों को दिक्कतें होती हैं. वहीं जलीय जीवों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. प्रदूषण के इस मामले से प्रभारी मंत्री अनजान बने हुए हैं.
नाले से प्रदूषण हो रही गंगा, स्नान करने से कतराते हैं लोग
गंगा घाट के किनारे दो नाले गंगा नदी में गिराए जा रहे हैं. जिसके कारण गंगा नदी प्रदूषित हो रही है. गंगा नदी में प्रदूषण होने के कारण यहां आने वाले श्रद्धालु अब यहां स्नान करने से कतरा ने लगे हैं. इतना ही नहीं कड़ा धाम स्थित गंगा घाट के किनारे काफी गंदगी फैली रहती है. जिसके कारण यहां के स्थानीय नागरिकों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है.
कागजों में गंगा नदी को प्रशासन बना रहा अविरल और स्वच्छ
गंगा नदी में साफ सफाई रखने के लिए गंगा एक्शन प्लान के तहत एक कमेटी का भी गठन किया गया है. गंगा कमेटी के सदस्य विनय कुमार पांडे के मुताबिक प्रशासन केवल कागजी कोरम पूरा कर रहा है. मीटिंग में उन्होंने कई बार गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए कई प्रस्ताव रखे, लेकिन उस प्रस्ताव पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. जबकि उत्तर प्रदेश शासन में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यहां के घाट को स्वच्छ और साफ रखने के लिए 5 करोड़ से ज्यादा की लागत पर पक्के घाट का निर्माण भी करवाया है, लेकिन घाटों पर सफाई न होने की वजह से गंदगी फैली रहती है. साथ ही 14 कूड़ा घर का निर्माण कराने का प्रस्ताव था, लेकिन एक भी कूड़ा घर अभी तक नहीं बना है.
पौराणिक महत्व रखता है कड़ा धाम
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद में सिराथू तहसील के कड़ा धाम में मां शीतला का मंदिर स्थित है. पुराणों के अनुसार भगवान शिव की भार्या सती के मृत शरीर के 51 टूकड़ों से एक हाथ कराकोटम जंगल में गिरा. जिसे एक शक्ति पीठ के रुप में स्थापित कर दिया गया और इस करा नाम दिया गया. जो बाद में अपभ्रंश होकर कड़ा हो गया. कड़ा धाम में लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए नवरात्रि में आते हैं.
आषाढ़ मास में लगता है भव्य मेला
कड़ा धाम स्थित मां शीतला के मंदिर में नवरात्रि के साथ-साथ आषाढ़ मास का मेला भी लगता है. यह आषाढ़ मास का मेला 15 दिनों तक भव्य रुप से चलता है. इस भव्य मेले में दूरदराज से दर्शनार्थी दर्शन और गंगा स्नान करने आते हैं, लेकिन गंगा नदी में फैली गंदगी के चलते अब लोग गंगा स्नान से कतराने लगे हैं.
नाला बन्द नहीं होने से कुंभ में पड़ेगा असर
कौशांबी जिले में स्थित कड़ा धाम में जहां नाला गिराया जा रहा है. वह स्थान प्रयागराज में होने वाले कुंभ से 50 किलोमीटर दूर स्थित है. इस नाले के पानी से गंगा नदी प्रदूषित हो रही है. जिससे आने वाले समय में लोगों को कुंभ स्नान के समय गंगा का स्वच्छ पानी मिल पाना असंभव सा लगता है. यदि इस नाले का प्रदूषित पानी गंगा नदी में गिरने से बंद नहीं कराया गया तो इसका असर कुंभ में भी देखने को मिलेगा.
मंत्री हैं मामले से अंजान
गंगा नदी में गंदे नाले का पानी गिराए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग के राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के मुताबिक उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी नहीं है. वह प्रशासन से इस पूरे मामले की जानकारी लेंगे. साथ ही जल्द से जल्द गंगा नदी में गिरने वाले नाले को बंद कराया जाएगा और घाटों की साफ-सफाई करवाई जाएगी.