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कौशाम्बी: झोलाछाप पर लगा मृतक मरीज की संपत्ति हड़पने का आरोप - कौशाम्बी समाचार

जिले में एक डॉक्टर पर मृतक मरीज की संपत्ति हड़पने का आरोप लगा है. वहीं आरोपी डॉक्टर ने दावा किया कि मरीज ने कर्जा चुकाने के लिए अपनी मर्जी से संपत्ति उसके नाम कर दी है.

डॉक्टर की क्लिनिक सीज की गई.
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Published : May 30, 2019, 7:26 PM IST

कौशाम्बी : जिले में झोलाछाप डॉक्टर पर मरीज की मौत के बाद उसके घर और जायदाद पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगा है. यह आरोप मरीज के रिश्तेदारों ने डॉक्टर पर लगाया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने झोलाछाप की क्लीनिक को सीज कर दिया है.

डॉक्टर की क्लिनिक सीज की गई.

क्या है पूरा मामला?

  • मामला सैनी थाना इलाके के अझुआ कस्बे का है.
  • अस्थमा से पीड़ित दिव्यांग बचई लाल की बुधवार सुबह क्लीनिक में मौत हो गई.
  • इसके बाद मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर ने उसकी जायदाद पर कब्जा करने की नीयत से खुद का ताला लगा दिया.
  • वहीं डॉक्टर ने दावा किया कि मरीज ने मरने से पहले उनको अपने जायदाद का रजिस्टर्ड वसीयतनामा लिखा है.
  • मृतक के परिजनों ने जब पोस्टमार्टम कराने की बात कही तब जाकर डॉक्टर ने परिजनों को शव सौंपा.

जो आरोप लगाए गए हैं सभी झूठे हैं. सच यह है कि 30 मार्च को उसने स्वेच्छा से वसीयत नामा किया था. जो दो-तीन दिन पहले वसीयत कराने की बात कह रहे हैं, वह झूठ है. वह मेरे छोटे भाई के समान रहा है. हम उसके पिता के जमाने से उसके फैमिली डॉक्टर हैं. उसके पीछे तीन-चार लाख रुपए हमारा लग चुका है. वह समझ गया था कि अब उसकी अंतिम अवस्था है, उसके पिताजी के जमाने से इलाज का पैसा पड़ा हुआ है. तो इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने वसीयत कर दी.
- डॉ. जीएस चौहान, आरोपी डॉक्टर


अझुआ के डॉ. जीएस चौहान के बारे में सीएमओ साहब को शिकायत मिली थी. इसकी क्लीनिक में मरीज की मौत हुई है. सीएमओ के निर्देशन में क्लीनिक की जांच की, जिसमें क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन 2017 तक ही वैध मिला. इस पर कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सीज कर दिया गया है.
- डॉ. हिन्द मणि मिश्रा, एडिशनल सीएमओ

कौशाम्बी : जिले में झोलाछाप डॉक्टर पर मरीज की मौत के बाद उसके घर और जायदाद पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगा है. यह आरोप मरीज के रिश्तेदारों ने डॉक्टर पर लगाया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने झोलाछाप की क्लीनिक को सीज कर दिया है.

डॉक्टर की क्लिनिक सीज की गई.

क्या है पूरा मामला?

  • मामला सैनी थाना इलाके के अझुआ कस्बे का है.
  • अस्थमा से पीड़ित दिव्यांग बचई लाल की बुधवार सुबह क्लीनिक में मौत हो गई.
  • इसके बाद मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर ने उसकी जायदाद पर कब्जा करने की नीयत से खुद का ताला लगा दिया.
  • वहीं डॉक्टर ने दावा किया कि मरीज ने मरने से पहले उनको अपने जायदाद का रजिस्टर्ड वसीयतनामा लिखा है.
  • मृतक के परिजनों ने जब पोस्टमार्टम कराने की बात कही तब जाकर डॉक्टर ने परिजनों को शव सौंपा.

जो आरोप लगाए गए हैं सभी झूठे हैं. सच यह है कि 30 मार्च को उसने स्वेच्छा से वसीयत नामा किया था. जो दो-तीन दिन पहले वसीयत कराने की बात कह रहे हैं, वह झूठ है. वह मेरे छोटे भाई के समान रहा है. हम उसके पिता के जमाने से उसके फैमिली डॉक्टर हैं. उसके पीछे तीन-चार लाख रुपए हमारा लग चुका है. वह समझ गया था कि अब उसकी अंतिम अवस्था है, उसके पिताजी के जमाने से इलाज का पैसा पड़ा हुआ है. तो इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने वसीयत कर दी.
- डॉ. जीएस चौहान, आरोपी डॉक्टर


अझुआ के डॉ. जीएस चौहान के बारे में सीएमओ साहब को शिकायत मिली थी. इसकी क्लीनिक में मरीज की मौत हुई है. सीएमओ के निर्देशन में क्लीनिक की जांच की, जिसमें क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन 2017 तक ही वैध मिला. इस पर कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सीज कर दिया गया है.
- डॉ. हिन्द मणि मिश्रा, एडिशनल सीएमओ

Intro:ANCHOR-- कौशाम्बी में एक झोलाछाप डाक्टर पर मरीज की मौत के बाद उसकी घर और जायदाद पर कब्ज़ा करने का गंभीर आरोप लगा है | यह आरोप मरीज के रिस्तेदारो ने डाक्टर पर लगाया है | डाक्टर और मरीज के निःस्वार्थ रिश्ते को कलंकित करने का यह मामला सैनी थाना इलाके के अझुआ कसबे का है, जहाँ एस्थमा से पीड़ित शख्स की क्लीनिक में मौत के बाद उसकी जायदाद पर उसका इलाज करने वाले डाक्टर ने कब्ज़ा करने की नियत से खुद का ताला लगा दिया | आरोपों के घेरे में आने वाले डाक्टर ने इस बात का भी दावा किया है कि मरीज ने मौत से पहले उनको अपने जायदाद का रजिस्टर्ड वसीयत नामा लिखा है | डाक्टर की इस करतूत और खुलासे से कसबे में स्थानीय लोग बेहद हैरान है | मामले की जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य महकमे के अफसरों ने डाक्टर की क्लीनिक सीज़ कर ही अपनी कार्यवाही से तौबा कर लिया है | 


 




Body: मृत मरीज बचई लाल के रिस्तेदार अनुराग कुमार के मुताबिक बचई लाल की 8 दिन पहले तबियत खराब हुयी | वह दिव्यांग था | डाक्टर के भर्ती होने के बाद बुधवार की सुबह पता चला कि उनकी मौत हो गई है | बचई लाल की मौत से 3 - 4 पहले डाक्टर ने अपना कुछ सामान उसके घर में रख और अपना ताला बंद कर चले गए | जब बचई की मृत्यु हुयी तो परिवार के लोगो को जानकारी हुयी | पहले तो डाक्टर चौहान ने बचई के परिवार के लोगो से कहा कि लाश का अंतिम संस्कार उनके घर से ही होगा | बचई के परिजनों ने शक जाहिर करते हुए लाश को पोस्ट-मार्टम कराने की बात कही | तब जाकर डाक्टर चौहान ने लाश परिवार वालो को सौपी |  परिजनों ने बचई के घर की चाभी जब उनसे मांगी तो उन्होंने घर की चाभी नहीं दी | उन्होंने घर की वसीयत खुद के नाम होने का दावा किया है |


अनुराग कुमार, बचई का रिस्तेदार




Conclusion:
आरोपित डाक्टर जीएस चौहान ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं | सभी झूठे हैं | सच यह है कि 30 मार्च को उसने उसने स्वेच्छा से वसीयत किया था । जो दो-तीन दिन पहले वसीयत कराने की बात कह रहे हैं | वह झूठी है | मेरे छोटे भाई के समान रहा है | हम उसके पिता के जमाने से उसके फैमली डॉक्टर हैं | उसको देखने वाला और कोई था नहीं | मां समझो चाहे बाप समझो वह हम ही हैं उसके लिए | खाना-पीना जब भी वह होता था वह मेरे यहां खाता था | मेरे यहां रहता था | एक्सीडेंट हुआ 2011 में स्वरुपरानी से भाग कर वह मेरे यहां आया महीनों मेरे यहाँ इलाज होता रहा | वास्तव में वह अस्थमा का पेशेंट था और शराब बहुत पीता था | दिसंबर में काफी सीरियस हुआ था हमने उसका इलाज किया | जब भी सीरियस हुआ करता था, किराना गली के लोग मेरे यहां पर छोड़ जाते थे | यह मर रहा है कि, जी रहा है डॉक्टर साहब आप देखो आपकी जिम्मेदारी है आप इसको देखो हम लोगों से कोई मतलब नहीं | इसके पीछे तीन चार लाख रुपए हमारा लग चुका है | वह मरीज नहीं था | वह वसीयत इसलिए कर गया कि उसके आगे पीछे उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था | वह समझ गया था कि अब उसकी अंतिम अवस्था है, उसके पिताजी के जमाने से इलाज का पैसा पड़ा हुआ है तो इस कर्ज से वह कैसे बाहर निकलेगा इसलिए उसने वसीयत कर दी | वही बात वसीयत में लिखी हुई है | हमने उसके घर में ताला लगाया ही नहीं हम उसके घर गए ही नहीं | जो कुछ भी बताया और दिखाया जा रहा है वह 420 पर आधारित है | स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों द्वारा क्लीनिक सीज किए जाने के सवाल पर डॉ चौहान ने बताया कि उनका क्लीनिक 2017 के बाद से रिन्यू नहीं हुआ था | जिसकी फ़ाइल सीएमओ दफ्तर में पेंडिंग पड़ी है | डॉक्टर हिंदप्रकाश उनके पास आए और उन्होंने उनसे हमने बताया कि हमारी फ़ाइल सीएमओ दफ्तर में गणेश प्रसाद के पास पड़ी है|  उन्होंने हमें फ़ाइल नहीं दी इसलिए हम आगे कोई कार्रवाई नहीं कर सके | उन्होंने इस बात की तस्दीक भी गणेश प्रसाद से की है | 

 

डॉ जीएस चौहान, झोला छाप आरोपित डाक्टर


स्वास्थ्य महकमे में एडिश्नल सीएमओ डॉ हिन्द मणि मिश्रा के मुताबिक अझुआ के डॉ जीएस चौहान के बारे में सीएमओ साहब को शिकायत मिली थी कि इसके क्लीनिक में मरीज की मौत हुयी है | सीएमओ सर के निर्देशन में उन्होंने क्लीनिक की जाँच की जिसमे क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन 2017 तक ही वैध मिला | जिस पर कार्यवाही करते हुए क्लीनिक को सीज़ कर दिया गया है | 


BYTE-- डॉ हिन्द मणि मिश्रा, एडिशनल सीएमओ, कौशाम्बी   



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SATYENDRA KHARE
      KAUSHAMBI
     09726405658   
   


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