कौशाम्बी : जिले में झोलाछाप डॉक्टर पर मरीज की मौत के बाद उसके घर और जायदाद पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगा है. यह आरोप मरीज के रिश्तेदारों ने डॉक्टर पर लगाया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने झोलाछाप की क्लीनिक को सीज कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
- मामला सैनी थाना इलाके के अझुआ कस्बे का है.
- अस्थमा से पीड़ित दिव्यांग बचई लाल की बुधवार सुबह क्लीनिक में मौत हो गई.
- इसके बाद मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर ने उसकी जायदाद पर कब्जा करने की नीयत से खुद का ताला लगा दिया.
- वहीं डॉक्टर ने दावा किया कि मरीज ने मरने से पहले उनको अपने जायदाद का रजिस्टर्ड वसीयतनामा लिखा है.
- मृतक के परिजनों ने जब पोस्टमार्टम कराने की बात कही तब जाकर डॉक्टर ने परिजनों को शव सौंपा.
जो आरोप लगाए गए हैं सभी झूठे हैं. सच यह है कि 30 मार्च को उसने स्वेच्छा से वसीयत नामा किया था. जो दो-तीन दिन पहले वसीयत कराने की बात कह रहे हैं, वह झूठ है. वह मेरे छोटे भाई के समान रहा है. हम उसके पिता के जमाने से उसके फैमिली डॉक्टर हैं. उसके पीछे तीन-चार लाख रुपए हमारा लग चुका है. वह समझ गया था कि अब उसकी अंतिम अवस्था है, उसके पिताजी के जमाने से इलाज का पैसा पड़ा हुआ है. तो इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने वसीयत कर दी.
- डॉ. जीएस चौहान, आरोपी डॉक्टर
अझुआ के डॉ. जीएस चौहान के बारे में सीएमओ साहब को शिकायत मिली थी. इसकी क्लीनिक में मरीज की मौत हुई है. सीएमओ के निर्देशन में क्लीनिक की जांच की, जिसमें क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन 2017 तक ही वैध मिला. इस पर कार्रवाई करते हुए क्लीनिक को सीज कर दिया गया है.
- डॉ. हिन्द मणि मिश्रा, एडिशनल सीएमओ