कौशांबी: जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने पर करारा झटका लगा है. खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण जिले की रैंकिंग 23वें नंबर से हटकर 60वें रैकिंग पर पहुंच गई है. समीक्षा बैठक के बाद जिलाधिकारी ने रैंकिंग में गिरावट के मामले पर सीएमओ और 8 सीएचसी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है. जिलाधिकारी की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है.
डीएम की बड़ी कार्रवाई:
- कौशांबी जिले में ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है.
- डॉक्टर महीनों तक सीएचसी से गायब रहते हैं. यह मामला कई बार उठाया जा चुका है.
- डॉक्टरों के अस्पताल में न रहने से स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं पर इसका असर पड़ा है.
- योजनाओं की कोई प्रगति न होने पर स्वास्थ्य हेल्थ डेक्स पर किसी भी तरह का डाटा फीड नहीं किया जा रहा था.
- जिलाधिकारी ने इसकी समीक्षा की तो स्थिति चौंकाने वाली थी
- कौशाम्बी जनपद की रैंकिंग की स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी.
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई है. स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यक्रम पर जिन-जिन अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई है. उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसमें कई एमवाईसी व अधिकारी शामिल है. अगर इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग में सुधार नहीं होता है तो उनके खिलाफ आगे विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
- मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी, कौशांबी
समीक्षा के दौरान पता चला कि मॉनीटरिंग न होने पर ऐसी स्थिति हुई है. जिले की रैंकिंग से नाराज डीएम मनीष कुमार वर्मा ने सीएमओ समेत 8 सीएचसी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है. इस कार्रवाई से संदेश दिया गया है कि शासन की प्राथमिकता वाले योजनाओं पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.