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कौशांबी: स्वास्थ्य रैकिंग गिरने पर डीएम ने सीएमओ व 8 सीएचसी प्रभारियों का वेतन रोका

जिले की स्वास्थ्य रैकिंग 23वें नंबर से 60वें नंबर पर पहुंचने पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में डीएम ने सीएमओ और आठ सीएचसी प्रभारियों का जून महीने का वेतन रोक दिया है. यह कार्रवाई डीएम ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के बाद की.

मनीश कुमार वर्मा, जिलाधिकारी.
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Published : Jun 24, 2019, 7:33 PM IST

कौशांबी: जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने पर करारा झटका लगा है. खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण जिले की रैंकिंग 23वें नंबर से हटकर 60वें रैकिंग पर पहुंच गई है. समीक्षा बैठक के बाद जिलाधिकारी ने रैंकिंग में गिरावट के मामले पर सीएमओ और 8 सीएचसी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है. जिलाधिकारी की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है.

मामले की जानकारी देते जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा.

डीएम की बड़ी कार्रवाई:

  • कौशांबी जिले में ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है.
  • डॉक्टर महीनों तक सीएचसी से गायब रहते हैं. यह मामला कई बार उठाया जा चुका है.
  • डॉक्टरों के अस्पताल में न रहने से स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं पर इसका असर पड़ा है.
  • योजनाओं की कोई प्रगति न होने पर स्वास्थ्य हेल्थ डेक्स पर किसी भी तरह का डाटा फीड नहीं किया जा रहा था.
  • जिलाधिकारी ने इसकी समीक्षा की तो स्थिति चौंकाने वाली थी
  • कौशाम्बी जनपद की रैंकिंग की स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी.

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई है. स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यक्रम पर जिन-जिन अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई है. उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसमें कई एमवाईसी व अधिकारी शामिल है. अगर इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग में सुधार नहीं होता है तो उनके खिलाफ आगे विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
- मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी, कौशांबी

समीक्षा के दौरान पता चला कि मॉनीटरिंग न होने पर ऐसी स्थिति हुई है. जिले की रैंकिंग से नाराज डीएम मनीष कुमार वर्मा ने सीएमओ समेत 8 सीएचसी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है. इस कार्रवाई से संदेश दिया गया है कि शासन की प्राथमिकता वाले योजनाओं पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

कौशांबी: जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने पर करारा झटका लगा है. खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण जिले की रैंकिंग 23वें नंबर से हटकर 60वें रैकिंग पर पहुंच गई है. समीक्षा बैठक के बाद जिलाधिकारी ने रैंकिंग में गिरावट के मामले पर सीएमओ और 8 सीएचसी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है. जिलाधिकारी की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है.

मामले की जानकारी देते जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा.

डीएम की बड़ी कार्रवाई:

  • कौशांबी जिले में ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है.
  • डॉक्टर महीनों तक सीएचसी से गायब रहते हैं. यह मामला कई बार उठाया जा चुका है.
  • डॉक्टरों के अस्पताल में न रहने से स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं पर इसका असर पड़ा है.
  • योजनाओं की कोई प्रगति न होने पर स्वास्थ्य हेल्थ डेक्स पर किसी भी तरह का डाटा फीड नहीं किया जा रहा था.
  • जिलाधिकारी ने इसकी समीक्षा की तो स्थिति चौंकाने वाली थी
  • कौशाम्बी जनपद की रैंकिंग की स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी.

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई है. स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यक्रम पर जिन-जिन अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई है. उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसमें कई एमवाईसी व अधिकारी शामिल है. अगर इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग में सुधार नहीं होता है तो उनके खिलाफ आगे विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
- मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी, कौशांबी

समीक्षा के दौरान पता चला कि मॉनीटरिंग न होने पर ऐसी स्थिति हुई है. जिले की रैंकिंग से नाराज डीएम मनीष कुमार वर्मा ने सीएमओ समेत 8 सीएचसी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है. इस कार्रवाई से संदेश दिया गया है कि शासन की प्राथमिकता वाले योजनाओं पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Intro:कौशांबी जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने पर जनपद को करारा झटका लगा है। जिले में खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण जिले की रैंकिंग प्रभावित हुई है। कौशाम्बी जिला खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण जिले का नाम 23वें रैंकिंग से हटकर 60वे रैकिंग में पहुच गया है। समीक्षा बैठक के बाद जिलाधिकारी ने रैंकिंग में गिरावट के मामले पर सीएमओ व 8 सीएससी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है। जिलाधिकारी की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है।


Body:कौशांबी जिले में ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। महीनों तक डॉक्टर सीएससी से गायब रहते हैं। यह मामला कई बार उठाया जा चुका है। डॉक्टरों की अस्पताल में न रहने से स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं पर इसका असर पड़ा है । योजनाओं की कोई प्रगति न होने पर स्वास्थ्य हेल्थ डेक्स पर किसी भी तरह का डाटा नहीं फिड नही किया जा रहा था। जिला अधिकारी ने इसकी समीक्षा की तो स्थिति चौकाने वाली थी। प्रदेश के जनपदों में कौशाम्बी जनपद की रैंकिंग की स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी। समीक्षा के दौरान पता चला कि मानीटरिंग न होने पर ऐसी स्थिति हुई है। जिसके कारण रैंकिंग में 23वे नंबर पर चलने वाला जिला 60 वे स्थान पर पहुंच गया। जिससे नाराज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने सीएमओ समेत 8 सीएससी प्रभारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।


Conclusion:जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की गई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यक्रम पर जिन-जिन अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई है उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें कई एमवाईसी व अधिकारी शामिल है । अगर इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग में सुधार नहीं होता है तो उनके खिलाफ आगे विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस कार्यवाही से लोगों को संदेश दिया गया है कि शासन की प्राथमिकता वाले योजनाओं पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बाइट -- मनीष शर्मा वर्मा जिलाधिकारी कौशाम्बी
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