कौशाम्बी: जिले की जनपद न्यायालय ने नगर पंचायत अध्यक्ष सराय अकिल के निर्वाचन को रद घोषित कर दिया है. दरअसल नगर पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर एक याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी. आरोप था कि निर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष को सत्ता पक्ष के दबाव में जबरन जीता गया था. जिसमें काउंटिंग के समय 572 वोट गायब कर दिए गए थे, जिसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. जिस पर गुरुवार को अपर जिला जज ने फैसला सुनाते हुए निर्वाचित अध्यक्ष के निर्वाचन को रद घोषित कर दिया है.
बता दें कि, नगर पंचायत सराय अकिल के अध्यक्ष पद के लिए 2017 में चुनाव हुआ था. इस चुनाव में करीब एक दर्जन से अधिक लोगों ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की थी, जिसमें भाजपा प्रत्याशी शिव दानी को 199 वोटों से विजेता घोषित किया गया था. वहीं इस पूरे मामले के बाद कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप था कि जिला स्तरीय अधिकारियों ने सत्ता पक्ष के दबाव पर गड़बड़झाला किया, क्योंकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 22 नवंबर 2017 को हुए मतदान के डाटा के हिसाब से सराय अकिल में कुल 14,325 वोटरों में से 8309 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जबकि काउंटिंग के समय 7737 मतों की गणना कराई गई. जिसमे 572 वोट गायब कर दिए गए थे, इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी रोहित आजाद ने पूरे मामले में जनपद न्यायालय में वाद दाखिल किया.
अपर जिला जज ने पूरे मामले में सुनवाई करने के बाद सराय अकिल के चेयरमैन शिवदानी का चुनाव रद कर दिया और चुनाव आयोग से इस पूरे मामले में हुई गड़बड़ी के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
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कांग्रेस प्रत्याशी के अधिवक्ता कुलदीप शुक्ला के मुताबिक न्यायालय ने सराय अकिल नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर हुए चुनाव की सुनवाई करते हुए चुनाव को रद कर दिया है. न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्देशित किया है कि वह जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.