कौशांबी: जिले में बर्खास्त एंबुलेंस कर्मचारी गुरुवार को धरना-प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित 5 सूत्री ज्ञापन डीएम को सौपा. एंबुलेंस कर्मचारियों ने बर्खास्त कर्मचारियों की दोबारा बहाली की मांग की.
एंबुलेंस कर्मचारियों के धरना-प्रदर्शन का समर्थन भारतीय मजदूर संघ के लोगों ने भी किया है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सरकार 2022 के चुनाव के पहले बर्खास्त कर्मियों की दोबारा बहाली नहीं करती तो वह सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे. इसका खामियाजा सरकार को 2022 के चुनाव में भुगतना पड़ेगा.
गौरतलब है कि कौशांबी जिले में कोरोना आपदा के समय जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में कदम से कदम मिलाकर चलने वाले 900 एंबुलेंस कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. इन एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि उन्होंने हक की आवाज उठाई तो सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया.
इसे लेकर बृहस्पतिवार को बर्खास्त कर्मचारियों और भारतीय मजदूर संघ के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया. वे कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित पांच सूत्री ज्ञापन डीएम सुजीत कुमार को सौंपा.
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एंबुलेंस कर्मचारियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि कोरोना योद्धा का सम्मान देने के बाद सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया. बर्खास्तगी के बाद अब परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है.
एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सत्या गुप्ता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए सरकार से मांग की कि सभी बर्खास्त कर्मचारियों की जल्द से जल्द बहाली की जाए. यदि सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती तो वह सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो सरकार को 2022 के विधानसभा चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
वहीं, मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि एंबुलेंस कर्मियों के साथ सरकार नाइंसाफी कर रही है. जब तक उनकी बहाली नहीं होती, तब तक भारतीय मजदूर संघ एंबुलेंस कर्मियों के साथ कदम से कदम मिलाकर धरना प्रदर्शन करता रहेगा.