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कौशांबी: रामगंगा माइनर का तटबंध टूटने से किसानों की फसल हुई जलमग्न - रामगंगा माइनर का तटबंध

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में रामगंगा माइनर का तटबंध टूटने से किसानों की फसल जलमग्न हो गई है. इससे किसान काफी मायूस हैं. वहीं जब किसानों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी फरियाद सुनानी चाही तो जिलाधिकारी अपने ऑफिस में बैठकर मीटिंग करते रहे.

crops immersed in water in kaushambi
कौशांबी में पानी में डूबी किसानों की फसलें.
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Published : Sep 28, 2020, 4:29 PM IST

Updated : Sep 28, 2020, 4:38 PM IST

कौशांबी: जिले में रामगंगा माइनर का तटबंध कई जगह से टूटने के कारण किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई. इतना ही नहीं, नहर का पानी घरों में घुसने से किसानों की गृहस्थी भी खराब हुई है. जिम्मेदार अधिकारी पड़ोसी जनपद फतेहपुर में बैठते हैं. इसलिए किसानों का हाल जनने के लिए कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे किसानों में अधिकारियों के प्रति आक्रोश व्याप्त है. वहीं अधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते नजर आए.

पड़ोसी जनपद फतेहपुर से निकली रामगंगा माइनर में अचानक रात पानी देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई. उनकी चिंता इस बात को लेकर थी कि नहर का तटबंध बनाए बिना ही पानी छोड़ दिया गया. वो भी तब, जब ज्यादातर फसल पककर तैयार हो चुकी है. देखते ही देखते पानी नहर के बांध को तोड़कर खेतों में भरने लगा.

किसानों ने पानी रोकने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके. पानी भरने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई. किसान इसकी शिकायत करने जब सिंचाई ऑफिस गए तो उनको फतेहपुर जनपद जाकर शिकायत करने की बात कही गई. इसके अलावा किसानों ने जिलाधिकारी से भी मुलाकात कर अपनी फरियाद सुनानी चाही, लेकिन जिलाधिकारी अपने ऑफिस में बैठकर मीटिंग करते रहे.

अधिकारियों के रवैये से मायूस किसान हर पल खेतों में बढ़ रहे पानी से अपनी बर्बादी का मंजर देखने को मजबूर हैं. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. महिला किसान इमामुन निशा के मुताबिक उनकी फसल पक चुकी थी. वे उसे एक-दो दिन में काटने वाली थीं, लेकिन नहर के पानी में डूबकर उनकी फसल बर्बाद हो रही है.

ये भी पढ़ें: कौशांबी: 24 घंटे के अंदर हुई मां-बेटी की मौत, जांच के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

रामगंगा नहर में सफाई, मरम्मत और अन्य कई सुधार करने के लिए शासन ने 23 करोड़ रुपये भी जारी किया था. अधिकारियों ने थोड़ा बहुत सफाई कार्य करवाने के बाद ही नहर में पानी छोड़ दिया, जिससे नहर जगह-जगह से टूट गई और किसानों की फसल खराब हो रही है. यही कारण है कि मीडिया के सामने इस घोटाले की पोल न खुल जाए, इस डर से अधिकारी कैमरे के सामने आने से कतरा रहे हैं. अधिकारियों की इस लापरवाही से मोदी सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने की बात भी बेकार सी लगती है.

कौशांबी: जिले में रामगंगा माइनर का तटबंध कई जगह से टूटने के कारण किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई. इतना ही नहीं, नहर का पानी घरों में घुसने से किसानों की गृहस्थी भी खराब हुई है. जिम्मेदार अधिकारी पड़ोसी जनपद फतेहपुर में बैठते हैं. इसलिए किसानों का हाल जनने के लिए कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे किसानों में अधिकारियों के प्रति आक्रोश व्याप्त है. वहीं अधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते नजर आए.

पड़ोसी जनपद फतेहपुर से निकली रामगंगा माइनर में अचानक रात पानी देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई. उनकी चिंता इस बात को लेकर थी कि नहर का तटबंध बनाए बिना ही पानी छोड़ दिया गया. वो भी तब, जब ज्यादातर फसल पककर तैयार हो चुकी है. देखते ही देखते पानी नहर के बांध को तोड़कर खेतों में भरने लगा.

किसानों ने पानी रोकने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके. पानी भरने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई. किसान इसकी शिकायत करने जब सिंचाई ऑफिस गए तो उनको फतेहपुर जनपद जाकर शिकायत करने की बात कही गई. इसके अलावा किसानों ने जिलाधिकारी से भी मुलाकात कर अपनी फरियाद सुनानी चाही, लेकिन जिलाधिकारी अपने ऑफिस में बैठकर मीटिंग करते रहे.

अधिकारियों के रवैये से मायूस किसान हर पल खेतों में बढ़ रहे पानी से अपनी बर्बादी का मंजर देखने को मजबूर हैं. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. महिला किसान इमामुन निशा के मुताबिक उनकी फसल पक चुकी थी. वे उसे एक-दो दिन में काटने वाली थीं, लेकिन नहर के पानी में डूबकर उनकी फसल बर्बाद हो रही है.

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रामगंगा नहर में सफाई, मरम्मत और अन्य कई सुधार करने के लिए शासन ने 23 करोड़ रुपये भी जारी किया था. अधिकारियों ने थोड़ा बहुत सफाई कार्य करवाने के बाद ही नहर में पानी छोड़ दिया, जिससे नहर जगह-जगह से टूट गई और किसानों की फसल खराब हो रही है. यही कारण है कि मीडिया के सामने इस घोटाले की पोल न खुल जाए, इस डर से अधिकारी कैमरे के सामने आने से कतरा रहे हैं. अधिकारियों की इस लापरवाही से मोदी सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने की बात भी बेकार सी लगती है.

Last Updated : Sep 28, 2020, 4:38 PM IST
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