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कोर्ट ने पति को 14 साल, सास और ससुर को 7-7 साल की सुनाई सजा

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Published : Jan 17, 2022, 10:26 PM IST

न्यायालय के एडीजे ने दहेज हत्या के आरोपी पति को 14 साल और दोषी सास और ससुर को 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. एफटीसी फस्ट के अपर सत्र न्यायाधीश कीर्ति कुणाल ने अपने न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरू की.

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अपर सत्र न्यायाधीश कीर्ति कुणाल

कौशांबी: जनपद न्यायालय के एडीजे ने दहेज हत्या के आरोपी पति को 14 साल और दोषी सास और ससुर को 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 48 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट ने इस पूरे मामले मैं फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि दोषियों द्वारा जमा किए गए 48 हजार रुपये में से मृतिका के पिता को 30 हजार रुपये प्रतिकार के रूप में प्रदान किया जाएगा.

मामला करारी थाना क्षेत्र के लहना गांव का है, जहां चरवा थाना क्षेत्र के रहने वाले केशव प्रसाद कुशवाहा ने 16 फरवरी 2014 को अपनी बेटी प्रतिष्ठा उर्फ रेनू की शादी लहंगा गांव के रहने वाले रामखेलावन के लड़के द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू कुशवाहा के साथ किया था. पीड़ित सोहनलाल ने करारी थाने की पुलिस को शिकायती पत्र देते बताया कि द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू कुशवाहा को पीड़ित ने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी में डेढ़ लाख रुपये नकद, एक मोटरसाइकिल, फ्रिज कूलर, टीवी आदि घरेलू सामान दिए थे.

इसे भी पढ़ेंः कौशांबी: जिला प्रशासन ने जनपद न्यायालय के पास से हटवाया अतिक्रमण

उन्होंने आरोप लगाया था कि बेटी प्रतिष्ठा के ससुर केशव प्रसाद स्वास ज्ञानमती व पति द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू आए दिन दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे. 14 अक्टूबर 2014 को पीड़ित सोहनलाल ने पुलिस को बताया कि दहेज की मांग न पूरी होने पर ससुरालियों ने बेटी प्रतिष्ठा को फांसी लगाकर मार डाला. इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सास ससुर और पति के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया.

इस पूरे मामले में एफटीसी फस्ट के अपर सत्र न्यायाधीश कीर्ति कुणाल ने अपने न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरू की. मामले में अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा ने गवाहों को परीक्षण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया, जिस पर अपर असत्य न्यायाधीश कीर्ति कुमार ने पूरे मामले में सुनवाई करते हुए पाती द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू कुशवाहा ससुर केशव प्रसाद व सास ज्ञानमती को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

न्यायालय ने आरोपी पति को 14 साल और आरोपी सास और ससुर को 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही न्यायालय ने सभी दोषियों पर कुल 48 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने अर्थदंड दंड की राशि से 30 हजार मृतका के पिता सोहनलाल को प्रतिकर के रूप में दिए जाने का फैसला सुनाया है.

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कौशांबी: जनपद न्यायालय के एडीजे ने दहेज हत्या के आरोपी पति को 14 साल और दोषी सास और ससुर को 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट ने तीनों दोषियों पर 48 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट ने इस पूरे मामले मैं फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि दोषियों द्वारा जमा किए गए 48 हजार रुपये में से मृतिका के पिता को 30 हजार रुपये प्रतिकार के रूप में प्रदान किया जाएगा.

मामला करारी थाना क्षेत्र के लहना गांव का है, जहां चरवा थाना क्षेत्र के रहने वाले केशव प्रसाद कुशवाहा ने 16 फरवरी 2014 को अपनी बेटी प्रतिष्ठा उर्फ रेनू की शादी लहंगा गांव के रहने वाले रामखेलावन के लड़के द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू कुशवाहा के साथ किया था. पीड़ित सोहनलाल ने करारी थाने की पुलिस को शिकायती पत्र देते बताया कि द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू कुशवाहा को पीड़ित ने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी में डेढ़ लाख रुपये नकद, एक मोटरसाइकिल, फ्रिज कूलर, टीवी आदि घरेलू सामान दिए थे.

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उन्होंने आरोप लगाया था कि बेटी प्रतिष्ठा के ससुर केशव प्रसाद स्वास ज्ञानमती व पति द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू आए दिन दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे. 14 अक्टूबर 2014 को पीड़ित सोहनलाल ने पुलिस को बताया कि दहेज की मांग न पूरी होने पर ससुरालियों ने बेटी प्रतिष्ठा को फांसी लगाकर मार डाला. इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सास ससुर और पति के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया.

इस पूरे मामले में एफटीसी फस्ट के अपर सत्र न्यायाधीश कीर्ति कुणाल ने अपने न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरू की. मामले में अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा ने गवाहों को परीक्षण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया, जिस पर अपर असत्य न्यायाधीश कीर्ति कुमार ने पूरे मामले में सुनवाई करते हुए पाती द्वारिका प्रसाद उर्फ राजू कुशवाहा ससुर केशव प्रसाद व सास ज्ञानमती को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

न्यायालय ने आरोपी पति को 14 साल और आरोपी सास और ससुर को 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही न्यायालय ने सभी दोषियों पर कुल 48 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने अर्थदंड दंड की राशि से 30 हजार मृतका के पिता सोहनलाल को प्रतिकर के रूप में दिए जाने का फैसला सुनाया है.

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