ETV Bharat / state

प्रधानमंत्री आवास योजना में मृतक के नाम आवास जारी कर धन का किया बंदरबांट, आरटीआई से हुआ खुलासा - kaushambi news

सरकारी फाइलों से गड़बड़ी उजागर होने के बाद मामले के जिम्मेदार अफसर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ खुद को साफ़ सुथरा साबित करने की कोशिश कर रहे हैं.

पीएम आवास योजना
author img

By

Published : Feb 20, 2019, 11:22 PM IST

कौशाम्बी : प्रधानमंत्री आवास योजना में एक मृत व्यक्ति के नाम पर आवास स्वीकृत कर रुपये के बन्दर-बांट का मामला सामने आया है. आरोप है कि ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक अधिकारियों और कर्मचारियों ने नियमों को ताक पर रखकरकाम किया है.सरकारी फाइलों से गड़बड़ी उजागर होने के बाद मामले के जिम्मेदार अफसर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ खुद को साफ़ सुथरा साबित करने की कोशिशकर रहे हैं. हालांकि इस पूरे मामले पर डीएम कौशाम्बी ने जांच कराकर कड़ी से कड़ी कार्रवाईका भरोसा दिया है.

देखें विशेष रिपोर्ट.
विकास भवन की दीवारों पर लगे इन बड़े बड़े पोस्टरों में लिखी बातो को ध्यान से पढ़िए.इसमें देश के प्रधानमंत्री की फोटो के साथ लिखा गया है बिना रिश्वत, बिना जुगाड़,बिना जान-पहचान, अब आपका भी होगा एक पक्का मकान . पर अफसोस ठीक इसके उलट मंझनपुर ब्लॉकमें आने वाले पाता ग्राम सभा के महुआ खाडा गांव में राम लखन नाम के मृत शख्स के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ स्वीकृत कर उसके खाते में योजना की दो किस्तें भेज कर उसे निकाल लिया गया.
undefined

मृत लाभार्थी राम लखन की विधवा चंद्रकली के मुताबिक उसके पास आज भी रहने और सिर छिपाने के लिए पक्की छत नहीं है. अपने बेटों के यहांकच्चे मकान में किसी तरह गुजारा करती है और उसे तो यह भी अशिक्षित होने के कारण नहीं पता कि उसके खाते में आवास योजना की दो किस्तें आ चुकी है और लोगों ने उसे निकाल भी लिया है.

मृत लाभार्थी राम लखन के मामले में आरोपों के घेरे में आये जिले के परियोजना निदेशक राजेश कुमार मिश्र ने अपनी सफाई देते हुए बताया है कि जब वह खंड विकास अधिकारी मंझनपुर के चार्ज पर थे तो उन्होंने ही इस लाभार्थी को स्थाई पात्रता सूची के आधार पर आवास का लाभ स्वीकृत किया था . इसके बाद वह ब्लॉकके चार्ज से हट गए हैं.नए खंड विकास अधिकारी ने उन्हें लाभार्थी के मृत होने की कोई जानकारी नहीं दी.

कुछ समय बाद उन्हें ब्लाक से एक लेटर प्राप्त हुआ जिसमे लाभार्थी के मृत्यु की बात लिखी गई थी.इसके बाद स्थाई पात्रता सूचि का अवलोकन किया गया जिसमें मृतक राम लखन की पत्नी चंद्रकली कोस्वीकृत किया गया, लेकिन दस्तावेजों में उसका नाम राजरानी होने के कारण उसे लाभ देना संभव नहीं था. वहींअब मृतक राम लखन के बालिग़ होने पर उसके नाम आवास स्वीकृत करने की कार्यवाही की जा रही है.

undefined

कौशाम्बी : प्रधानमंत्री आवास योजना में एक मृत व्यक्ति के नाम पर आवास स्वीकृत कर रुपये के बन्दर-बांट का मामला सामने आया है. आरोप है कि ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक अधिकारियों और कर्मचारियों ने नियमों को ताक पर रखकरकाम किया है.सरकारी फाइलों से गड़बड़ी उजागर होने के बाद मामले के जिम्मेदार अफसर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ खुद को साफ़ सुथरा साबित करने की कोशिशकर रहे हैं. हालांकि इस पूरे मामले पर डीएम कौशाम्बी ने जांच कराकर कड़ी से कड़ी कार्रवाईका भरोसा दिया है.

देखें विशेष रिपोर्ट.
विकास भवन की दीवारों पर लगे इन बड़े बड़े पोस्टरों में लिखी बातो को ध्यान से पढ़िए.इसमें देश के प्रधानमंत्री की फोटो के साथ लिखा गया है बिना रिश्वत, बिना जुगाड़,बिना जान-पहचान, अब आपका भी होगा एक पक्का मकान . पर अफसोस ठीक इसके उलट मंझनपुर ब्लॉकमें आने वाले पाता ग्राम सभा के महुआ खाडा गांव में राम लखन नाम के मृत शख्स के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ स्वीकृत कर उसके खाते में योजना की दो किस्तें भेज कर उसे निकाल लिया गया.
undefined

मृत लाभार्थी राम लखन की विधवा चंद्रकली के मुताबिक उसके पास आज भी रहने और सिर छिपाने के लिए पक्की छत नहीं है. अपने बेटों के यहांकच्चे मकान में किसी तरह गुजारा करती है और उसे तो यह भी अशिक्षित होने के कारण नहीं पता कि उसके खाते में आवास योजना की दो किस्तें आ चुकी है और लोगों ने उसे निकाल भी लिया है.

मृत लाभार्थी राम लखन के मामले में आरोपों के घेरे में आये जिले के परियोजना निदेशक राजेश कुमार मिश्र ने अपनी सफाई देते हुए बताया है कि जब वह खंड विकास अधिकारी मंझनपुर के चार्ज पर थे तो उन्होंने ही इस लाभार्थी को स्थाई पात्रता सूची के आधार पर आवास का लाभ स्वीकृत किया था . इसके बाद वह ब्लॉकके चार्ज से हट गए हैं.नए खंड विकास अधिकारी ने उन्हें लाभार्थी के मृत होने की कोई जानकारी नहीं दी.

कुछ समय बाद उन्हें ब्लाक से एक लेटर प्राप्त हुआ जिसमे लाभार्थी के मृत्यु की बात लिखी गई थी.इसके बाद स्थाई पात्रता सूचि का अवलोकन किया गया जिसमें मृतक राम लखन की पत्नी चंद्रकली कोस्वीकृत किया गया, लेकिन दस्तावेजों में उसका नाम राजरानी होने के कारण उसे लाभ देना संभव नहीं था. वहींअब मृतक राम लखन के बालिग़ होने पर उसके नाम आवास स्वीकृत करने की कार्यवाही की जा रही है.

undefined
Intro:ANCHOR-- कौशाम्बी में प्रधानमंत्री आवास योजना में एक मृत व्यक्ति के नाम पर आवास स्वीकृत कर रुपये के बन्दर-बाँट का मामला सामने आया है | आरोप है कि ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक अधिकारियों और कर्मचारियों ने नियमो को ताक पर रख काम किया है | सरकारी फाइलों से गड़बड़ी उजागर होने के बाद मामले के जिम्मेदार अफसर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ खुद को साफ़ सुथरा साबित करने की कोशिस कर रहे है | हालांकि इस पूरे मामले पर डीएम कौशाम्बी ने बिना कैमरे के सामने आए जाँच कराकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही का भरोसा दिया है | 





Body:कौशाम्बी में विकास भवन की दीवारों पर लगे इन बड़े बड़े पोस्टरों में लिखी बातो को ध्यान से पढ़िए। ...... इसमें देश के प्रधानमंत्री की फोटो के साथ लिखा गया है बिना रिश्वत, बिना जुगाड़,. बिना जान-पहचान, अब आपका भी होगा एक पक्का मकान | लेकिन इसके विपरीत मंझनपुर ब्लाक में आने वाले पाता ग्राम सभा के महुआ खाडा गांव में राम लखन नाम के मृत शख्स के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ स्वीकृत कर उसके खाते में योजना की दो किस्ते भेज कर उसे निकाल लिया गया | मृत लाभार्थी राम लखन की विधवा चंद्रकली के मुताबिक उसके पास आज भी रहने और सर छिपाने के लिए पक्की छत नहीं है | अपने बेटो के यहाँ कच्चे मकान में किसी तरह गुजारा करती है और उसे तो यह भी अशिक्षित होने के कारण नहीं पता कि उसके खाते में आवास योजना की दो किस्ते आ चुकी है और लोगो ने उसे निकाल भी लिया है | 


बाइट-- चंद्र कली , मृत लाभार्थी राम लखन की विधवा 





Conclusion:मंझनपुर ब्लाक के पाता ग्राम सभा के महुआ खाडा गांव में राम लखन के मामले को समझाने के लिए जब सूचना अधिकार अधिनियम का प्रयोग कर जानकारी मांगने वाले नीरज सिंह के पास पहुंचे | जहाँ उन्होंने हमें खंड विकास अधिकारी दफ्तर से लेकर विकास भवन के परियोजना निदेशक दफ्तर की फाइलों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को दिया | जिसमे पहला था लाभार्थी का मृत्यु प्रमाण पत्र, दूसरा ग्राम सभा का कार्यवाही रजिस्टर, व् तीसरा प्राथमिक जाँच रिपोर्ट जिसमे नियमो को ताक पर रख मृतक की पत्नी का बिना हलफनामा लिए मृतक के नाम का प्रस्ताव स्वीकृत करने की बात लिखी हुयी है | दास्तवेजो के आधार पर राम लखन ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री पाता ग्रामीण निवासी रामलखन पुत्र बलदेव की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। इस पर उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया। आवास योजना का लाभ उसे मिल पाता। इससे पहले की 30 जुलाई 2017 को सकी मौत हो गई। रामलखन की मौत के 22 दिन बाद उसके नाम से आवास स्वीकृत हो गया। तत्कालीन बीडीओ के तौर पर परियोजना निदेशक डीआरडीए राजेश कुमार मिश्र को प्रभार था। उन्होंने बीडीओ बनकर आवास स्वीकृत किया। इसके बाद पीडी के पद पर रहते हुए आवास निर्माण के लिए धनराशि भेजने का आदेश भी जारी कर दिया। ब्लाक व जिले में उनके रहने के कारण इस गड़बड़ी झाले को लेकर किसी ने आवाज भी नहीं उठाई। रामलखन के खाते में आवास निर्माण के लिए पहली किश्त 16 सितंबर 2017 व दूसरी किश्त 14 मार्च 2018 को भेजी गई। जो उसके खाते से निकाल भी गई। रामलखन की मौत के बाद उसके खाते से धनराशि कैसे निकली यह अधिकारियों की सक्रियता पर सवाल खड़ा करता है।आरटीआई कार्यकर्ता नीरज सिंह के मुताबिक पीएम आवास योजना में जिला स्तरीय अधिकारियो ने बड़ी गड़बड़ी की गई है | राम लखन की मौत के 21 दिन बाद उनका आवास स्वीकृत करना, उसके सरकारी लाभ के रुपये दो किस्तों में मृत लाभार्थी के खाते में भेजना और फिर उन्ही रुपयों को अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल कर मृत लाभार्थी के खाते से रुपये नियमो को ताक पर रख कर उसकी अनपढ़ पत्नी के खाते में भेजना और फिर वह से भी किसी शख्स द्वारा निकला जाना कई सवाल खड़े करता है | 


बाइट-- नीरज सिंह, आरटीआई कार्यकर्त्ता 


मृत लाभार्थी राम लखन के मामले में आरोपों के घेरे में आये जिले के परियोजना निदेशक राजेश कुमार मिश्र ने अपनी सफाई देते हुए बताया है कि जब वह खंड विकास अधिकारी मंझनपुर के चार्ज पर थे तो उन्होंने ही इस लाभार्थी को स्थाई पात्रता सूची के आधार पर आवास का लाभ स्वीकृत किया था | इसके बाद वह ब्लाक के चार्ज से हट गए | नए आये खंड विकास अधिकारी ने उन्हें लाभार्थी के मृत होने की कोई जानकारी नहीं दी | कुछ समय बाद उन्हें ब्लाक से एक लेटर प्राप्त हुआ जिसमे लाभार्थी के मृत्यु की बात लिखी गई थी | इसके बाद स्थाई पात्रता सूचि का अवलोकन किया गया जिसमे मृतक राम लखन की पत्नी चंद्रकली का स्वीकृत किया गया, लेकिन दस्तावेजों में उसका नाम राजरानी होने के कारण उसे लाभ देना संभव नहीं था, अब मृतक राम लखन के बालिग़ होने पर उसके नाम आवास स्वीकृत करने की कार्यवाही की जा रही है |   


बाइट-- राजेश कुमार मिश्र, परियोजना निदेशक, डीआरडीए कौशाम्बी 

thanks regards
satyendra khare
kaushambi
9726405658
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.