कौशांबी: सिराथू थाना क्षेत्र के मलाक भायल गांव में 70 फीट गहरे कुएं में 48 घंटों से जिंदगी और मौत जूझ रहे 7 साल के मासूम को आखिर बचा लिया गया. बताया जा रहा है कि दो दिन पहले बच्चा कुआं में गिर गया था. दो दिनों तक उस पर किसी की नजर नहीं पड़ी. लेकिन दो दिनों बाद भूख-प्यास बर्दाश्त न होने पर जब मासूम की चीख निकली तो वो चीख उसके लिए जीवनदान साबित हुई. बच्चे की चीख पास गुजर रहे किसी राहगीर को सुनाई दी, जिसके बाद उसे बचा लिया गया.
राहगीर के मुताबिक चीख-पुकार सुनकर पहले तो वह भयभीत हो गया, लेकिन जब उसने गौर किया तो समझ आया कि शायद कोई बच्चा रो रहा है और पानी मांग रहा है. आसपास देखा तो कुंए से बच्चे की आवाज आ रही थी. उसने इसकी जानकारी ग्रामीणों काे दी. देखते ही देखते पूरा गांव कुएं के पास एकजुट हो गया. इसके बाद ग्रामीणों ने रस्सी और बाल्टी की मदद से 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कुएं में उतरकर बच्चे को बाहर निकाला. इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया दिया है.
बता दें कि मामला सिराथू थाना क्षेत्र के मलाक भायल गांव की है. बीते मंगलवार की रात यहां जयकरन की बेटी की बारात आई थी. गांव के ही राधेश्याम का बेटा राज(7) अपने दोस्तों के साथ आया था. घर वापस लौटते वक्त राज अपने दोस्तों से बिछड़ गया. अंधेरे में घर का रास्ता खोजते-खोजते वह गांव के बाहर बने 70 फीट गहरे कुएं में गिर गया. कुंए में पानी नहीं था और कचरा पड़ा था, इसलिए उसके सिर और पैर में ही चोट आई.
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उधर, देर रात तक जब राज घर नहीं पहुंचा तो उसके परिजन बच्चे को खोजते रहे. काफी खोजबीन के बाद जब राज का मिला तो उन्होंने कोखराज पुलिस में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस भी राज की खोजबीन में जुट गई थी. इसके बाद गुरुवार की शाम कुंए में राहगीर की सूचना पर ग्रामीणों ने 48 घंटे बाद बच्चे की जान बचा ली.
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