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अजब शादी की गजब कहानी : लकड़ी की दुल्हन, 65 साल  का दूल्हा - कौशाम्बी न्यूज

कौशाम्बी में एक 65 साल के वृद्ध की शादी इन दिनों खासी चर्चा का विषय बनी हुई है. वृद्ध की शादी हिंदू रिति रिवाज के साथ बड़े धूमधाम से की गई. जानिए इस अजब शादी की गजब कहानी.

हिंदू मान्यता के अनुसार शादी की सारी रस्में पूरी हुई.
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Published : Apr 24, 2019, 1:33 PM IST

कौशाम्बी : यूं तो आपने तरह-तरह की शादियां देखी होंगी, लेकिन कौशांबी के बसेड़ी गांव में एक 65 साल के वृद्ध की शादी इन दिनों खासी चर्चा का विषय बनी हुई है. वैसे तो यह शादी हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से आम शादियों की तरह ही थी, लेकिन शादी में वृद्ध के साथ सात फेरे लेने वाली दुल्हन कोई इंसान नहीं बल्कि लकड़ी का एक टुकड़ा है, जिसे दुल्हन की शक्ल में तैयार कर विवाह की सारी रस्में पूरी कराई गई.

हिंदू मान्यता के अनुसार शादी की सारी रस्में पूरी हुई.


अजब-गजब शादी की पूरी कहानी

  • स्थानीय लोग ने एक 65 साल के वृद्ध झल्लर को दूल्हा बनाकर उनकी बारात पूरे धूमधाम से निकाली.
  • बारात अपने तय समय पर दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची और हिंदू परंपरा के अनुसार दूल्हे का स्वागत किया गया.
  • इसके बाद शादी की सारी रस्में निभाई गई, जैसे आम विवाह समारोह में होता है.
  • लेकिन इस शादी में दुल्हन की जगह कपास की लकड़ी को रख उसे दुल्हन के रूप में तैयार किया गया था.
  • इतना ही नहीं घर को भी बकायदा सजाया गया था.
  • इससे शादी के होने के बाद गांव में ही नहीं पूरे कौशांबी में चर्चा का विषय बनी हुई है.

झल्लर की बहू आशा देवी के मुताबिक उनके चचिया ससुर की शादी की जा रही है. 65 साल की उम्र में उनकी शादी की जा रही है. जिस समय उनके मां-बाप शादी कर रहे थे, तब उन्होंने शादी नहीं की. पर अब लोगों ने उन्हें सलाह दी यदि वह विवाह संस्कार नहीं करेंगे तो उनको मुखाग्नि नहीं दी जा सकेगी. जिसके बाद लेकिन अब शादी कर रहे हैं. शादी में पैपुजी, गठबंधन, लावा परछाई अन्य सारी चीजें की जा रही है जैसा कि आम शादियों में होता है.

राजाराम दूल्हे के रिश्तेदार हिंदू मान्यता के अनुसार यदि किसी शख्स की शादी न हो और उसकी मौत हो जाती है तो उसके मृत शरीर को मुखाग्नि न दिए जाने की परंपरा है. इसलिए वृद्ध झल्लर ने विवाह करके विवाह के संस्कार पूरे करने की ठानी और विवाह संस्कार पूरा किया. जिससे उनके भी मृत शरीर को मुखाग्नि दी जा सके.

कौशाम्बी : यूं तो आपने तरह-तरह की शादियां देखी होंगी, लेकिन कौशांबी के बसेड़ी गांव में एक 65 साल के वृद्ध की शादी इन दिनों खासी चर्चा का विषय बनी हुई है. वैसे तो यह शादी हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से आम शादियों की तरह ही थी, लेकिन शादी में वृद्ध के साथ सात फेरे लेने वाली दुल्हन कोई इंसान नहीं बल्कि लकड़ी का एक टुकड़ा है, जिसे दुल्हन की शक्ल में तैयार कर विवाह की सारी रस्में पूरी कराई गई.

हिंदू मान्यता के अनुसार शादी की सारी रस्में पूरी हुई.


अजब-गजब शादी की पूरी कहानी

  • स्थानीय लोग ने एक 65 साल के वृद्ध झल्लर को दूल्हा बनाकर उनकी बारात पूरे धूमधाम से निकाली.
  • बारात अपने तय समय पर दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची और हिंदू परंपरा के अनुसार दूल्हे का स्वागत किया गया.
  • इसके बाद शादी की सारी रस्में निभाई गई, जैसे आम विवाह समारोह में होता है.
  • लेकिन इस शादी में दुल्हन की जगह कपास की लकड़ी को रख उसे दुल्हन के रूप में तैयार किया गया था.
  • इतना ही नहीं घर को भी बकायदा सजाया गया था.
  • इससे शादी के होने के बाद गांव में ही नहीं पूरे कौशांबी में चर्चा का विषय बनी हुई है.

झल्लर की बहू आशा देवी के मुताबिक उनके चचिया ससुर की शादी की जा रही है. 65 साल की उम्र में उनकी शादी की जा रही है. जिस समय उनके मां-बाप शादी कर रहे थे, तब उन्होंने शादी नहीं की. पर अब लोगों ने उन्हें सलाह दी यदि वह विवाह संस्कार नहीं करेंगे तो उनको मुखाग्नि नहीं दी जा सकेगी. जिसके बाद लेकिन अब शादी कर रहे हैं. शादी में पैपुजी, गठबंधन, लावा परछाई अन्य सारी चीजें की जा रही है जैसा कि आम शादियों में होता है.

राजाराम दूल्हे के रिश्तेदार हिंदू मान्यता के अनुसार यदि किसी शख्स की शादी न हो और उसकी मौत हो जाती है तो उसके मृत शरीर को मुखाग्नि न दिए जाने की परंपरा है. इसलिए वृद्ध झल्लर ने विवाह करके विवाह के संस्कार पूरे करने की ठानी और विवाह संस्कार पूरा किया. जिससे उनके भी मृत शरीर को मुखाग्नि दी जा सके.

Intro:feed ftp me folder name 23APRIL-UP-KAUSHAMBI-SATYENDRA- ANOKHI SHADI me bhej diya hai यूं तो आपने तरह-तरह की शादियां देखी होंगी लेकिन कौशांबी के बसेड़ी गांव में एक 65 साल के बाद की शादी इन दिनों खासी चर्चा का विषय बनी हुई है । वैसे तो यह शादी हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से आम शादियों की तरह ही थी। लेकिन शादी में वृद्धि के साथ सात फेरे लेने वाली दुल्हन कोई इंसान नहीं लकड़ी का एक टुकड़ा था । जिसे दुल्हन की शक्ल में तैयार कर विवाह की सारी रस्में पूरी कराई गई । तो फिर आइए आपको कौशांबी में हुई इस अजब गजब शादी की पूरी कहानी को दिखाते हैं। और आपको बताते हैं कि आखिर 65 साल की उम्र में वृद्ध को शादी रचाने की इस अनोखे तरीके की जरूरत क्यों पड़ी।


Body: सबसे पहले तो हम आपको कौशांबी के बसेड़ी गांव की अजब गजब शादी के कुछ वीडियो दिखाते हैं। जिसमें स्थानीय लोग ने एक 65 साल के बृद्ध झुललर को दूल्हा बना कर उनकी बारात पूरे धूमधाम से निकाली। और नाच गाकर मौज मस्ती की। बरात अपने तय समय पर दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची और हिंदू परंपरा के अनुसार दूल्हे का स्वागत किया गया। इसके बाद शादी की सारी रस्में निभाई गई जैसे आम विवाह समारोह में होता है। लेकिन इस शादी में दुल्हन की जगह कपास की लकड़ी को रख उसे दुल्हन रूप में तैयार किया गया था। इतना ही नहीं घर को भी बकायदा पूरा रंगीन झालरों से सजाया गया था । इससे शादी के होने के बाद गांव में ही नहीं पूरे कौशांबी में चर्चा बनी हुई है।


Conclusion: झल्लर की बहू आशा देवी के मुताबिक उनके चचिया ससुर की शादी की जा रही है। 65 साल की उम्र में उनकी शादी की जा रही है । जिस समय उनके मां-बाप शादी कर रहे थे तब उन्होंने शादी नहीं की। पर अब लोगों ने उन्हें सलाह दी यदि वह विवाह संस्कार नहीं करेंगे तो मैं तो उनको मुखाग्नि नहीं दी जा सकेगी। जिसके बाद लेकिन अब शादी कर रहे हैं। शादी में पैपुजी, गठबंधन लावा परछाई अन्य सारी चीजें की जा रही है जैसा कि आप शादियों में होता है। बाइट - आशा देवी दूल्हे की चचेरी बहु बाइट - राजाराम दूल्हे के रिश्तेदार हिंदू मान्यता के अनुसार यदि किसी शख्स की शादी ना हो और उसकी मौत हो जाती है तो उसके मृत शरीर को मुखाग्नि ना दिए जाने की परंपरा है। इसलिए बृद्ध झुललर ने विवाह करके विवाह के संस्कार पूरे करने की ठानी और विवाह संस्कार पूरा किया। जिससे उनके भी मृत शरीर को मुखाग्नि दी जा सके।
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