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कासगंज : प्रेरणा ऐप का शिक्षकों ने किया विरोध, मनाने पहुंचीं बीएसए - teacher protest bsa in office

प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों की सेल्फी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराए जाने के लिए जारी किए जा रहे प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए समस्याओं के निदान की मांग की.

प्रेरणा एप का शिक्षकों ने किया विरोध.
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Published : Sep 20, 2019, 9:43 AM IST

कासगंज : शिक्षक लगातार प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे हैं. जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने धरना देते हुए प्रेरणा ऐप के विरोध में नारेबाजी की. ऐसे में शिक्षकों को समझाने पहुंचीं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रेरणा ऐप की विशेषताओं के बारे में शिक्षकों को बताया. धरनारत शिक्षकों ने बीएसए की एक न सुनी, जिससे उनको मायूस होकर लौटना पड़ा.

प्रेरणा एप का शिक्षकों ने किया विरोध.

बेसिक शिक्षा अधिकारी पहुंचीं शिक्षकों को मनाने

  • शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर शिक्षक प्रेरणा ऐप के विरोध में धरना दे रहे थे.
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को मनाने पहुंचीं. उन्होंने कहा कि प्रेरणा ऐप आपका शत्रु नहीं बल्कि मित्र है.
  • लाख समझाने के बाद भी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी की बात नहीं सुनी और प्रेरणा ऐप का विरोध कर धरना जारी रखा.

बीएसए ने कही ये बात

  • बीएसए ने कहा कि शिक्षकों की बहुत सारी समस्याएं इस ऐप के माध्यम से हल हो सकेंगी.
  • इस ऐप में एक मॉड्यूल दिया हुआ है, जिसका नाम कायाकल्प है, जिसके माध्यम से विद्यालय की स्थिति को शासन को अवगत कराया जा सकेगा.
  • शिक्षकों की समस्याएं भी एप के माध्यम से सुनी जाएंगी, शिक्षक अपनी अवकाश संबंधी समस्याएं ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे.
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी की बाध्यता होगी कि तीन दिन के अंदर शिक्षकों की समस्याओं पर एक्शन लें.

शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है. उन पर कोई नजर नहीं रखी जा रही है. शासन की तरफ से संदेश में साफ लिखा गया है कि अगर कोई शिक्षक किसी कारणवश विद्यालय पहुंचने में देर कर देता है तो उसके कारण को देखा जाएगा. साथ ही अध्यापकों को अपनी बात कहने का का पूरा मौका दिया जायेगा.
-अंजली अग्रवाल, बीएसए

कासगंज : शिक्षक लगातार प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे हैं. जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने धरना देते हुए प्रेरणा ऐप के विरोध में नारेबाजी की. ऐसे में शिक्षकों को समझाने पहुंचीं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रेरणा ऐप की विशेषताओं के बारे में शिक्षकों को बताया. धरनारत शिक्षकों ने बीएसए की एक न सुनी, जिससे उनको मायूस होकर लौटना पड़ा.

प्रेरणा एप का शिक्षकों ने किया विरोध.

बेसिक शिक्षा अधिकारी पहुंचीं शिक्षकों को मनाने

  • शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर शिक्षक प्रेरणा ऐप के विरोध में धरना दे रहे थे.
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को मनाने पहुंचीं. उन्होंने कहा कि प्रेरणा ऐप आपका शत्रु नहीं बल्कि मित्र है.
  • लाख समझाने के बाद भी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी की बात नहीं सुनी और प्रेरणा ऐप का विरोध कर धरना जारी रखा.

बीएसए ने कही ये बात

  • बीएसए ने कहा कि शिक्षकों की बहुत सारी समस्याएं इस ऐप के माध्यम से हल हो सकेंगी.
  • इस ऐप में एक मॉड्यूल दिया हुआ है, जिसका नाम कायाकल्प है, जिसके माध्यम से विद्यालय की स्थिति को शासन को अवगत कराया जा सकेगा.
  • शिक्षकों की समस्याएं भी एप के माध्यम से सुनी जाएंगी, शिक्षक अपनी अवकाश संबंधी समस्याएं ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे.
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी की बाध्यता होगी कि तीन दिन के अंदर शिक्षकों की समस्याओं पर एक्शन लें.

शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है. उन पर कोई नजर नहीं रखी जा रही है. शासन की तरफ से संदेश में साफ लिखा गया है कि अगर कोई शिक्षक किसी कारणवश विद्यालय पहुंचने में देर कर देता है तो उसके कारण को देखा जाएगा. साथ ही अध्यापकों को अपनी बात कहने का का पूरा मौका दिया जायेगा.
-अंजली अग्रवाल, बीएसए

Intro:शिक्षक लगातार प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे हैं ऐसे में जनपद कासगंज के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर सैकड़ों शिक्षक शिक्षिकाओं ने धरना देते हुए प्रेरणा ऐप के विरोध में नारेबाजी की एवं वक्तव्य दिए। ऐसे में शिक्षकों को समझाने पहुंची बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रेरणा ऐप की विशेषताओं के बारे में शिक्षकों को बताया एवं ईटीवी भारत से बात की।


Body:वीओ-1-दरअसल विशेष शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर शिक्षक प्रेरणा लोकेशन ऐप के विरोध में धरना कर रहे थे। काफी देर की नारेबाजी के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल शिक्षकों को मनाने पहुंची। उन्होंने कहां कि प्रेरणा ऐप आपका शत्रु नहीं बल्कि मित्र है। इसके द्वारा कोई आपकी निगरानी नहीं की जा रही। लाख समझाने के बाद भी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी की बात को ना मानते हुए प्रेरणा एप का विरोध और धरना जारी रखा। हार कर बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय वापस आ गई इसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत को प्रेरणा ऐप के विषय में विस्तार से बताया।

वीओ-2-बीएसए ने कहा की बहुत सारी समस्याएं जो शिक्षकों की रहती थी वह इस ऐप के माध्यम से हल हो सकेंगी। इस ऐप में एक मॉड्यूल दिया हुआ है जिसका नाम है कायाकल्प जिसके अंतर्गत हमारे विद्यालय का जो भी स्ट्रक्चर है चाहे वह स्कूल की बाउंड्रीवाल हो, शौचालय हो, जर्जर भवन हो या फिर टूटा चटका फर्श हो यह सब शासन की मंशा है कि अध्यापक स्वयं अपने विद्यालय की स्थिति को शासन को अवगत कराएं जिसके चलते अन्य विभाग के सहयोग से वह स्कूल की समस्याओं को दूर कर सकें।
पहले शिक्षकों की अवकाश संबंधी समस्याएं हुआ करती थी जिसके चलते अब इस ऐप के माध्यम से अपने अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा जिसके चलते बेसिक शिक्षा अधिकारी की बाध्यता होगी कि 3 दिन के अंदर उसे रिजेक्ट करना है या फिर अप्रूव करना है। अब अब तक शिक्षकों को अपने अवकाश की फाइल को पास कराने के लिए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे वह सब बंद हो जाएगा।
वहीं एक मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों की समस्त सेवा पंजिका ओं को अपडेट कराया जा रहा है जिसके चलते शिक्षकों को यह लाभ होगा कि जो शिक्षक अपनी पेंशन औए जीपीएफ को लेकर रिटायरमेंट के बाद कार्यालय के चक्कर काटते थे उनके लिए इस ऐप के माध्यम से फायदा होने वाला है। दर्शन विभाग को पहले से ही पता होगा कि कौन सा शिक्षक कब रिटायरमेंट ले रहा है जिसके चलते उसका पहले से ही उसकी पेंशन और जीपीएफ की तैयारी कर ली जाएगी कि जिस दिन वह रिटायर हो तो उसकी विदाई सत सम्मान पेंशन और जीपीएफ के साथ की जाए।

वीओ-3- बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों का भ्रम है कि उन पर कोई निगरानी रखी जा रही है। केवल शासन की मंशा इतनी है कि शिक्षा की गुणवत्ता अच्छी हो।
इस ऐप के माध्यम से क्या शिक्षकों पर निगरानी रखी जाएगी के सवाल पर बीएसए ने बताया कि शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है उन पर कोई नजर नहीं रखी जा रही है। शासन की तरफ से संदेश में साफ लिखा गया है कि अगर कोई शिक्षक किसी कारणवश विद्यालय पहुंचने में देर कर देता है तो उसके कारण को देखा जाएगा आखिर देर क्यों पहुंचा ना कि उसके ऊपर तुरंत कार्यवाही कर दी जाएगी अध्यापक को पूरा मौका दिया जाएगा अपनी बात कहने का। इसी भ्रम की स्थिति से उबरने के लिए शिक्षकों से लगातार संपर्क किया जा रहा है।

बाइट-अंजली अग्रवाल(बीएसए-कासगंज)


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