कासगंज : शिक्षक लगातार प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे हैं. जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने धरना देते हुए प्रेरणा ऐप के विरोध में नारेबाजी की. ऐसे में शिक्षकों को समझाने पहुंचीं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रेरणा ऐप की विशेषताओं के बारे में शिक्षकों को बताया. धरनारत शिक्षकों ने बीएसए की एक न सुनी, जिससे उनको मायूस होकर लौटना पड़ा.
बेसिक शिक्षा अधिकारी पहुंचीं शिक्षकों को मनाने
- शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर शिक्षक प्रेरणा ऐप के विरोध में धरना दे रहे थे.
- बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को मनाने पहुंचीं. उन्होंने कहा कि प्रेरणा ऐप आपका शत्रु नहीं बल्कि मित्र है.
- लाख समझाने के बाद भी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी की बात नहीं सुनी और प्रेरणा ऐप का विरोध कर धरना जारी रखा.
बीएसए ने कही ये बात
- बीएसए ने कहा कि शिक्षकों की बहुत सारी समस्याएं इस ऐप के माध्यम से हल हो सकेंगी.
- इस ऐप में एक मॉड्यूल दिया हुआ है, जिसका नाम कायाकल्प है, जिसके माध्यम से विद्यालय की स्थिति को शासन को अवगत कराया जा सकेगा.
- शिक्षकों की समस्याएं भी एप के माध्यम से सुनी जाएंगी, शिक्षक अपनी अवकाश संबंधी समस्याएं ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे.
- बेसिक शिक्षा अधिकारी की बाध्यता होगी कि तीन दिन के अंदर शिक्षकों की समस्याओं पर एक्शन लें.
शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है. उन पर कोई नजर नहीं रखी जा रही है. शासन की तरफ से संदेश में साफ लिखा गया है कि अगर कोई शिक्षक किसी कारणवश विद्यालय पहुंचने में देर कर देता है तो उसके कारण को देखा जाएगा. साथ ही अध्यापकों को अपनी बात कहने का का पूरा मौका दिया जायेगा.
-अंजली अग्रवाल, बीएसए