कासगंज: जिले के समस्त थानों में महिला हेल्प डेस्क का निर्माण कराया गया है. ईटीवी भारत की टीम ने जनपद के दो थानों में बने महिला हेल्प डेस्क का रियलिटी टेस्ट किया. जिसमें योगी सरकार के महिला सुरक्षा हेतु तैयार किए गए हेल्प डेस्कों की पोल खुलती नजर आई. महिला हेल्प डेस्क में कहीं पुलिसकर्मी नदारद थे तो कहीं कक्ष अंधेरे में डूबे हुए थे.
ईटीवी भारत की टीम ने बुधवार शाम को सबसे पहले कासगंज जनपद के थाना सिकन्दरपुर वैश्य का रियलिटी टेस्ट किया. इसमें महिलाओं की सहायता के लिए बनाए गए महिला हेल्प डेस्क कक्ष में कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी. जबकि महिला हेल्पडेस्क पर शासन के द्वारा 3 पालियों में 24 घण्टे ड्यूटी के निर्देश महिला पुलिसकर्मियों को दिए गए हैं. वहीं सीसीटीएनएस कक्ष में भी कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. पूरा कक्ष खाली पड़ा हुआ था. मात्र दो होमगार्ड उस समय परिसर में ड्यूटी करते नजर आ रहे थे. वहीं इंस्पेक्टर दशरथ सिंह उस समय लधौली चौराहे पर गश्त कर रहे थे.
ईटीवी भारत की टीम ने पटियाली महिला हेल्पडेस्क कक्ष का रियलिटी टेस्ट किया. जहां पर महिला पुलिसकर्मी मोबाईल टॉर्च की रोशनी में कार्य करतीं नजर आईं. महिला हेल्प डेस्क कक्ष बनने के कई दिन बीतने के बाद भी कक्ष में लाइट की कोई व्यवस्था नहीं थी. कुल मिला कर महिला हेल्प डेस्क कक्ष रात्रि के समय महिलाओं की सहायता के लिए ईटीवी भारत के रियलिटी टेस्ट में फेल साबित हुए हैं.
वहीं इस पूरे मामले में क्षेत्राधिकारी गवेन्द्र पाल गौतम ने लापरवाही पर पुलिसकर्मियों की जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित करने की बात कही. पटियाली थाना में महिला हेल्पडेस्क कक्ष में लाइट न होने के सवाल पर क्षेत्राधिकारी हास्यास्पद बात कहते नजर आए कि शायद कोई मिस्त्री न मिला हो इस लिए लाईट की फिटिंग नहीं हो पाई हो. अब देखने वाली बात होगी कि कासगंज एसपी मनोज कुमार सोनकर लापरवाह गैर जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई करते हैं.