कासगंजः जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत उन किसानों के खातों में भी धनराशि पहुंच रही थी, जिनकी योजना का लाभ लेते लेते मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा ढाई हजार ऐसे किसान हैं, जो योजना के लिए अपात्र पाए गए हैं. अपात्रों में 250 पति पत्नी शामिल हैं. कृषि विभाग के भूलेख अंकन के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ है. अब इन लोगों से रिकवरी की जा रही है. इस विषय मे जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने ईटीवी भारत को जानकारी दी.
कासगंज में कृषि विभाग के द्वारा लगातार गांव-गांव चौपाल लगाकर किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत जनसेवा केंद्रों पर ई केवाईसी और आधार सीडिंग के लिए कहा जा रहा था, जिससे कि किसानों के जीवित रहने की जानकारी के साथ-साथ पात्र किसानों को योजना का लाभ सुचारू रूप से मिलता रहे और किसानों के खातों में राशि समय से पहुंचती रहे. बावजूद इसके हज़ारों किसानों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई. इसी की परिणिति रही कि कृषि विभाग के भूलेख अंकन में 5,500 किसान ऐसे निकले जिनकी मौत हो गयी थी और मौत के बाद भी किसान सम्मान निधि योजना की राशि उनके खातों में लगातार जा रही थी.
वहीं, लगभग ढाई हजार ऐसे किसान हैं जो या तो भूमिहीन हैं या फिर अन्य कारणों से अपात्र घोषित किये गए हैं. इनमें 250 ऐसे भी अपात्र हैं, जो पति पत्नी हैं और दोनों के ही खातों में योजना की राशि पहुंच रही थी. जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि भूलेख अंकन के दौरान यह जानकारी सामने आते ही मृतकों के खातों में किसान सम्मान निधि योजना की राशि भेजे जाने पर तत्काल रोक लगा दी गयी है. मृतकों के खातों से अथवा तो उनके परिवारीजनों से और योजना के लिए अपात्र पाए गए. लोगों से रिकवरी की शुरुआत हो चुकी है. अब तक हमने 25 लाख रुपये की रिकवरी भी कर ली है.
जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने बताया कि सभी किसानों से यही कहना है कि जनसेवा केंद्रों पर पहुंच कर अपनी ई केवाईसी और आधार सीडिंग का कार्य करा लेंस, जिससे निर्बाध रूप से योजना की राशि उनके खातों में पहुंचती रहे. गौरतलब है कि लगभग 2.10 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है. पात्र किसानों के खातों में दो-दो हजार रुपये की किस्त हर तीसरे माह भेजी जाती है, जिससे किसान बीज, खाद आदि की जरूरत पूरी कर सकें.
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