कासगंजः विश्व के साथ-साथ देश में भी कोरोना ने तीन चरणों में आकर जमकर तबाही मचाई थी. इस दौरान लगे लॉकडाउन के समय हजारों लोगों के काम धंधे चौपट हो गये. जिसकी वजह से लोगों ने अपने गांव और शहरों की ओर पलायन किया. हालांकि स्थितियां अनूकुल होने के बाद लोग अपने काम धंधों पर भी लौट गये. लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने अपने गांव में ही रोजगार का अवसर ढूढ लिया. ऐसे ही एक शख्स हैं ओमवीर, जिनके बारे में हम चर्चा करने जा रहे हैं.
कासगंज जिले की पटियाली तहसील के ग्राम खरगातीपुर के रहने वाले ओमवीर कोरोना काल में लगे लॉक डाउन में पंजाब से वापस घर आ गए. जिसके बाद उन्होंने पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल से प्रभावित होकर गांव में ही रहकर स्वयं का रोजगार करना शुरू कर दिया. अब समस्या थी पूंजी की, जो ओमवीर के पास नहीं थी. लेकिन उसे परिवार का भरण पोषण तो करना ही था. ओमवीर ने साइकिल पर ही एक चलता फिरता रेस्टोरेंट बनाया. जिस पर उन्होंने छोले, खस्ता, कचौड़ी, चावल बेचना शुरू किया.
छोले गर्मागर्म रहें, इसके लिए साइकिल के करियर पर छोटी गैस और उसके ऊपर छोला तैयार करने का सामान फिट कराया. वहीं साइकिल के हैंडल पर खस्ता, कचौड़ी और चावल रखने के लिए बॉक्स लगवाये. उम्रदराज होने के बावजूद ओमवीर साइकिल पर गांव-गांव, घर-घर चलता फिरता रेस्टोरेंट लेकर लोगों को अनूठा स्वाद दे रहे हैं. वे ये काम कर स्वरोजगार से जुड़कर अपने परिवार का भरण पोषण भी अच्छे से कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- इस वित्तीय वर्ष में रोडवेज खरीदेगा 1000 बसें, गर्मी में जनरथ बनेगी यात्रियों का सहारा
ओमवीर ने बताया कि वो इस काम से प्रतिदिन 350 से 400 रुपये तक की बचत कर लेते हैं. ओमवीर ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लोकल फॉर वोकल और पकौड़े वाले बयान से प्रभावित होकर साइकिल पर चलता-फिरता रेस्टोरेंट तैयार किया है और अब अपने परिवार के साथ रहकर रोजी रोटी कमा रहे हैं. उन्होंने शहरों में काम कर रहे लोगों से भी लोकल फॉर वोकल अपनाने का आह्वान किया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप