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गौशालाओं में नेपियर घास दूर करेगी गायों के हरे चारे का संकट - napier grass will remove fodder problem in gaushalas

यूपी के कासगंज में हरे चारे की समस्या को देखते हुए नेपियर घास लगाने की तैयारी की जा रही है. जिससे गौशालाओं में गायों को हरे चारे से महरूम नहीं होना पड़ेगा.

गौशाला.
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Published : Feb 23, 2021, 7:55 AM IST

कासगंज: प्रदेश भर की सरकारी गौशालाओं में गायों के लिए हरे चारे का अभाव देखने को मिलता है. गायों को खाने के लिये पर्याप्त मात्रा में हरा चारा नहीं मिल पाता है. यूपी के कासगंज में अब गौशालाओं में गायों को हरे चारे से महरूम नहीं होना पड़ेगा. ईटीवी भारत की खबर का प्रशासन ने संज्ञान लिया है और जिले भर की 14 गौशालाओं में विशेष प्रकार की नेपियर घास लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बता दें कि ईटीवी भारत ने अपनी खबर में नेपिरयर घास से संबंधित जानकारी दी थी, जो प्रशासन के मन को भा गई. इस मामले पर मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र ने ईटीवी भारत से बात की.

जानकारी देते मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र.

कासगंज के मुख्य विकास तेज प्रताप मिश्र ने बताया कि जिले के सभी 14 गौशालाओं में खण्ड विकास अधिकारियों के द्वारा नेपियर घास लगवाई जा रही है. जिसमें सिढ़पुरा ब्लॉक की पिथनपुर गौशाला में 20 बीघे में नेपियर घास लगाई जा चुकी है. अभी 30 बीघे में घास लगना बाकी है. इस तरह पिथनपुर गौशाला में 50 बीघे में नेपियर घास लगाई जाएगी.

वहीं पटियाली ब्लॉक में नवदा ग्राम में स्थित गौशाला में 10 हेक्टेयर भूमि पर नेपियर घास लगवाने की तैयारी चल रही है. इस कार्य में मनरेगा मजदूरों से कार्य लिया जा रहा है. नेपियर घास लगाने से गौशालाओं में जो बंजर भूमि पड़ी है वो भी उपजाऊ बनेगी. जो शहरीय क्षेत्र की 10 गौशालाएं हैं वहां गायों के लिए हरा चारा बाजार से मंगाते हैं. ग्रामीण अंचल की 4 गौशालाओं में जब नेपियर घास लगेगी तो यहां से शहरीय गौशालाओ में गायों को भी हरे चारे की आपूर्ति की जा सकेगी.

नेपियर घास की विशेषता के बारे में मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र ने बताया कि इस घास को एक बार लगाने के बाद इसकी कटिंग लगभग 8 वर्षों तक की जा सकती है और लागत भी कम आती है.

इसे भी पढ़ें- गोशालाओं में नहीं रहेगी भूसे की समस्या, फसलों का अवशेष बनेगा मवेशियों का आहार

कासगंज: प्रदेश भर की सरकारी गौशालाओं में गायों के लिए हरे चारे का अभाव देखने को मिलता है. गायों को खाने के लिये पर्याप्त मात्रा में हरा चारा नहीं मिल पाता है. यूपी के कासगंज में अब गौशालाओं में गायों को हरे चारे से महरूम नहीं होना पड़ेगा. ईटीवी भारत की खबर का प्रशासन ने संज्ञान लिया है और जिले भर की 14 गौशालाओं में विशेष प्रकार की नेपियर घास लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बता दें कि ईटीवी भारत ने अपनी खबर में नेपिरयर घास से संबंधित जानकारी दी थी, जो प्रशासन के मन को भा गई. इस मामले पर मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र ने ईटीवी भारत से बात की.

जानकारी देते मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र.

कासगंज के मुख्य विकास तेज प्रताप मिश्र ने बताया कि जिले के सभी 14 गौशालाओं में खण्ड विकास अधिकारियों के द्वारा नेपियर घास लगवाई जा रही है. जिसमें सिढ़पुरा ब्लॉक की पिथनपुर गौशाला में 20 बीघे में नेपियर घास लगाई जा चुकी है. अभी 30 बीघे में घास लगना बाकी है. इस तरह पिथनपुर गौशाला में 50 बीघे में नेपियर घास लगाई जाएगी.

वहीं पटियाली ब्लॉक में नवदा ग्राम में स्थित गौशाला में 10 हेक्टेयर भूमि पर नेपियर घास लगवाने की तैयारी चल रही है. इस कार्य में मनरेगा मजदूरों से कार्य लिया जा रहा है. नेपियर घास लगाने से गौशालाओं में जो बंजर भूमि पड़ी है वो भी उपजाऊ बनेगी. जो शहरीय क्षेत्र की 10 गौशालाएं हैं वहां गायों के लिए हरा चारा बाजार से मंगाते हैं. ग्रामीण अंचल की 4 गौशालाओं में जब नेपियर घास लगेगी तो यहां से शहरीय गौशालाओ में गायों को भी हरे चारे की आपूर्ति की जा सकेगी.

नेपियर घास की विशेषता के बारे में मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र ने बताया कि इस घास को एक बार लगाने के बाद इसकी कटिंग लगभग 8 वर्षों तक की जा सकती है और लागत भी कम आती है.

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