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पुलिस का अनोखा कारनामा, पीड़ितों को बना दिया आरोपी तो आरोपियों के नाम FIR से गायब - Case of writing wrong FIR in Kasganj

कासगंज के अमांपुर थाने में सीसीटीएनएस पर तैनात मुंशी ने एफआईआर लिखते समय पीड़ितों को आरोपी बना दिया और आरोपियों के नाम गायब कर दिए. इस मामले में आरोपी मुंशी को सस्पेंड कर दिया गया है.

अमापुर कोतवाली क्षेत्र
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Published : Nov 14, 2022, 6:31 PM IST

कासगंज: जनपद में पुलिस का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया है. यहां पुलिस ने मुकदमा लिखाने वाले पीड़ित को ही मुकदमे में आरोपी बना दिया. हैरान कर देने वाली बात यह है कि आरोपियों के नाम एफआईआर से गायब कर दिए. मामला एसपी के संज्ञान में आने के बाद एफआईआर को दुरुस्त किया गया है तो वहीं, एफआईआर में गलत तथ्य दर्ज करने वाले सीसीटीएनएस पर तैनात मुंशी को सस्पेंड कर दिया गया है.

जानकारी देते हुए एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति

कासगंज जनपद के अमापुर कोतवाली क्षेत्र (Amapur Kotwali Area) के ग्राम आनंदपुर के रहने वाले जितेंद्र और उसके साथियों सतेंद्र ,सर्वेश,जुगेंद्र के साथ 8 नवंबर को गांव के ही रहने वाले मानव पुत्र आर्येन्द्र सिंह, प्रशांत कुमार, निशांत कुमार, रवि ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. इस पूरे मामले में पीड़ित जितेंद्र ने अमापुर कोतवाली में एससीएसटी एक्ट में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी. लेकिन अमापुर थाने में सीसीटीएनएस पर तैनात मुंशी रवि गौतम ने एक ऐसा अनोखा कारनामा कर दिखाया, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए है.

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एफआईआर की कॉपी
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एफआईआर की कॉपी

आरोप है कि, अमांपुर थाने में सीसीटीएनएस पर तैनात एफआईआर लेखक रवि गौतम ने पीड़ित शिकायतकर्ता जितेंद्र सत्येंद्र सर्वेश जोगेंद्र को ही आरोपी बना दिया और एफआईआर से सभी आरोपियों के नाम ही गायब कर दिए. इस पूरे मामल में कासगंज एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि उन्होंने तत्काल एफआईआर लेखक रवि गौतम को सस्पेंड करते हुए एफआईआर को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.

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यह भी पढ़ें- आयुष अस्पतालों पर विश्वास बरकरार, गठिया इलाज के लिए दूरदराज से आ रहे मरीज

कासगंज: जनपद में पुलिस का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया है. यहां पुलिस ने मुकदमा लिखाने वाले पीड़ित को ही मुकदमे में आरोपी बना दिया. हैरान कर देने वाली बात यह है कि आरोपियों के नाम एफआईआर से गायब कर दिए. मामला एसपी के संज्ञान में आने के बाद एफआईआर को दुरुस्त किया गया है तो वहीं, एफआईआर में गलत तथ्य दर्ज करने वाले सीसीटीएनएस पर तैनात मुंशी को सस्पेंड कर दिया गया है.

जानकारी देते हुए एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति

कासगंज जनपद के अमापुर कोतवाली क्षेत्र (Amapur Kotwali Area) के ग्राम आनंदपुर के रहने वाले जितेंद्र और उसके साथियों सतेंद्र ,सर्वेश,जुगेंद्र के साथ 8 नवंबर को गांव के ही रहने वाले मानव पुत्र आर्येन्द्र सिंह, प्रशांत कुमार, निशांत कुमार, रवि ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. इस पूरे मामले में पीड़ित जितेंद्र ने अमापुर कोतवाली में एससीएसटी एक्ट में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी. लेकिन अमापुर थाने में सीसीटीएनएस पर तैनात मुंशी रवि गौतम ने एक ऐसा अनोखा कारनामा कर दिखाया, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए है.

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आरोप है कि, अमांपुर थाने में सीसीटीएनएस पर तैनात एफआईआर लेखक रवि गौतम ने पीड़ित शिकायतकर्ता जितेंद्र सत्येंद्र सर्वेश जोगेंद्र को ही आरोपी बना दिया और एफआईआर से सभी आरोपियों के नाम ही गायब कर दिए. इस पूरे मामल में कासगंज एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि उन्होंने तत्काल एफआईआर लेखक रवि गौतम को सस्पेंड करते हुए एफआईआर को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.

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