कासगंज: पुलिस कस्टडी में अल्ताफ की मौत के प्रकरण में सोमवार को हाईकोर्ट के कथित आदेश पर अल्ताफ के माता-पिता का ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया. वहीं पीड़ित के वकील का कहना है कि हाईकोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था. कासगंज की सदर कोतवाली में नवंबर 2021 में नगला सैयद निवासी अल्ताफ की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई थी. इसके बाद से मामला हाई कोर्ट में चल रहा है. हाईकोर्ट के आदेश पर दफन शव को निकाल कर दिल्ली के एम्स में दोबारा पोस्टमार्टम भी कराया गया था.
सोमवार को भी हाई कोर्ट के कथित निर्देश पर अल्ताफ के माता-पिता का ब्लड सैंपल लिया गया और जांच के लिए लेबोरेटरी भेजा गया. इस मामले की जांच कर रहे क्षेत्राधिकारी पटियाली रामकृष्ण तिवारी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग से एक पत्र अल्ताफ के माता-पिता के ब्लड सैंपल लेने के लिए आया था. सोमवार को पुलिस की देखरेख में अल्ताफ के माता-पिता का ब्लड सैंपल लेकर पुलिस को सौंप दिया गया.
अल्ताफ के पिता चांद मियां ने बताया कि क्षेत्राधिकारी पटियाली राम कृष्ण तिवारी का रविवार को फोन आया था. मुझे और मेरी पत्नी को ब्लड सैंपल देने के लिए बुलाया गया था. मैंने और मेरी पत्नी ने कासगंज के अशोकनगर सरकारी अस्पताल में ब्लड सैंपल दिया और हमसे दस्तखत करवाए गए.
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चांद मियां ने कहा कि इस बारे में कोई लिखित नोटिस मुझे नहीं दिया गया था. वहां पहुंचने पर जब मेरे पूछने पर मुझे बताया गया कि हाईकोर्ट का आदेश है. पुलिस बार-बार जांच के नाम पर परेशान कर रही है. कागजों पर अंगूठे के निशान लिए जा रहे हैं. सोमवार को भी 4-5 कागजों पर हमारे और हमारी पत्नी से अंगूठा लगवाया गया. वहीं इस मामले में पीड़ित पक्ष के वकील कुमैल हैदर ने बताया कि ब्लड सैंपल लेने का हाई कोर्ट की तरफ से कोई आदेश नहीं दिया गया है.
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