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कासगंज: बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन, SDM रख रहे नजर - पटियाली तहसील

यूपी के कासगंज में गंगा नदी के जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. जनपद की पटियाली तहसील में हर साल गंगा का पानी तबाही मचाता है. ऐसे में प्रशासन ने इन इलाकों में बाढ़ से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है.

कासगंज में बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन.
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Published : Aug 14, 2019, 8:24 PM IST

कासगंज: जनपद के दर्जनों गांव प्रति वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं. इसके चलते हजारों लोग बेघर हो जाते हैं और सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो जाती है. इस बार बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां कर ली हैं. उपजिलाधिकारी स्टीमर से बाढ़ क्षेत्र के गांवों का दौरा कर रहे हैं. साथ ही बांध की मरम्मत का कार्य भी कराया जा रहा है. इस दिशा में मनरेगा से पहले ही काम कराया जा चुका है. इसके साथ ही बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए गांवों में नावों का इंतजाम भी कर दिया गया है.

कासगंज में बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन.
उपजिलाधिकारी कर रहे बाढ़ संभावित गांवों का दौरा

जनपद की पटियाली तहसील क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांव गंगा में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ की जद में आते हैं. सर्वाधिक प्रभावित गांवों में रिकैरा, गठैरा, कादरगंज, तरसी नगला, नगला मुंशी आदि गांव हैं. उपजिलाधिकारी पटियाली शिव कुमार एवं तहसीलदार शिवराज सिंह सहित लेखपाल, कानूनगो ने गंगा के तटीय इलाकों का दौरा किया. साथ ही इस प्रशासनिक टीम ने बाढ़ से बचाने के लिए बनाए जा रहे बांध का भी निरीक्षण किया.

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कासगंज में बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन.
गंगा की स्थिति पर रखी जा रही नजर ईटीवी भारत से खास बातचीत में उपजिलाधिकारी ने बताया कि लगभग 4 किलोमीटर लंबे बांध की मरम्मत का कार्य पूर्ण होने वाला है. बांध की ऊंचाई लगभग 8 फुट है. तटबंध को बालू की बोरियों से मजबूत किया जा रहा है. गंगा के कटान पर पूरी निगाह रखी जा रही है. लेखपाल और कानूनगो स्थिति पर लगातार निगाह बनाये हुए हैं. इस वक्त गंगा में 1 लाख 65 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है जो बाढ़ की स्थिति पैदा नहीं कर रहा है. साथ ही फसलों को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है.

कासगंज: जनपद के दर्जनों गांव प्रति वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं. इसके चलते हजारों लोग बेघर हो जाते हैं और सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो जाती है. इस बार बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां कर ली हैं. उपजिलाधिकारी स्टीमर से बाढ़ क्षेत्र के गांवों का दौरा कर रहे हैं. साथ ही बांध की मरम्मत का कार्य भी कराया जा रहा है. इस दिशा में मनरेगा से पहले ही काम कराया जा चुका है. इसके साथ ही बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए गांवों में नावों का इंतजाम भी कर दिया गया है.

कासगंज में बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन.
उपजिलाधिकारी कर रहे बाढ़ संभावित गांवों का दौरा

जनपद की पटियाली तहसील क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांव गंगा में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ की जद में आते हैं. सर्वाधिक प्रभावित गांवों में रिकैरा, गठैरा, कादरगंज, तरसी नगला, नगला मुंशी आदि गांव हैं. उपजिलाधिकारी पटियाली शिव कुमार एवं तहसीलदार शिवराज सिंह सहित लेखपाल, कानूनगो ने गंगा के तटीय इलाकों का दौरा किया. साथ ही इस प्रशासनिक टीम ने बाढ़ से बचाने के लिए बनाए जा रहे बांध का भी निरीक्षण किया.

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कासगंज में बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन.
गंगा की स्थिति पर रखी जा रही नजर ईटीवी भारत से खास बातचीत में उपजिलाधिकारी ने बताया कि लगभग 4 किलोमीटर लंबे बांध की मरम्मत का कार्य पूर्ण होने वाला है. बांध की ऊंचाई लगभग 8 फुट है. तटबंध को बालू की बोरियों से मजबूत किया जा रहा है. गंगा के कटान पर पूरी निगाह रखी जा रही है. लेखपाल और कानूनगो स्थिति पर लगातार निगाह बनाये हुए हैं. इस वक्त गंगा में 1 लाख 65 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है जो बाढ़ की स्थिति पैदा नहीं कर रहा है. साथ ही फसलों को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है.
Intro:जनपद कासगंज में दर्जनों गांव प्रति वर्ष बाढ़ की विभीषिका
झेलते हैं जिसके चलते सैकड़ों लोग बेघर हो जाते हैं और सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो जाती हैं जिसके चलते गंगा के किनारे रहने वाले किसानों की कमर टूट जाती है।चूंकि नरौरा बांध से लगभग 65000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसके चलते गंगा में थोड़ा जलस्तर बढ़ गया।लेकिन इस बार बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पहले से तैयारियां कर रखी हैं ।आज ईटीवी भारत ने स्टीमर के द्वारा संभावित बाढ़ क्षेत्र गांवों का दौरा किया।


Body:वीओ-1- कासगंज जनपद की पटियाली तहसील क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांव गंगा में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ की जद में आते हैं
सर्वाधिक प्रभावित गांवों में रिकैरा,गठैरा, कादरगंज,तरसी नगला,नगला मुंशी,आदि गांव हैं। आज उपजिलाधिकारी पटियाली शिवकुमार एवं तहसीलदार शिवराज सिंह सहित लेखपाल कानूनगो ने गंगा के तट बंदी इलाकों का एवं बाढ़ से गावों को बचाने के लिए बनाए जा रहे बांध का निरीक्षण किया।

वीओ-2- उप जिला अधिकारी शिव कुमार ने बताया कि लगभग 4 किलोमीटर लंबे बांध की मरम्मत का कार्य पूर्ण होने वाला है। बांध की ऊंचाई लगभग 8 फुट है। तटबंध को बालू की बोरियों से मजबूत किया जा रहा है। गंगा के कटान पर पूरी निगाह है।लेखपाल और कानूनगो स्थिति पर लगातार निगाह बनाये हुए हैं। अभी 1 लाख 65 हज़ार क्यूसेक पानी चल रहा है जो अभी बाढ़ की स्थिति पैदा नहीं कर रहा है। अभी इस पानी से फसलों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

वन टू वन -शिव कुमार -उपजिलाधिकारी पटियाली


Conclusion:प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित इन गांवों के ग्रामीणों को बेघर होना पड़ता है। प्रशासन प्रति वर्ष बाढ़ से निपटने के लिए तमाम इंतजाम करता है जो नाकाफी होते हैं। लेकिन अब जरूरत है किसी ठोस योजना की जिसके चलते इन गांवों को बाढ़ के खतरे से निजात मिल सके और यहां के ग्रामीण भयमुक्त वातावरण मैं रह सके।
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