ETV Bharat / state

कासगंज: कच्ची शराब के साथ ही अवैध खनन भी बन सकता है दुर्घटना की वजह - kasganj news

कासगंज जनपद में जुआ, सट्टा, कच्ची शराब, अवैध बालू खनन का कारोबार जोरों पर है. कासगंज के कई गांवों में सैकड़ों की संख्या में अवैध शराब की भट्ठियां धधकतीं हैं. जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही की जान ले ली. वहीं काली नदी में अवैध रूप से चल रहा अवैध बालू खनन भी इस तरह की दुर्घटनाओं की वजह बन सकता है.

नगला धीमर में कच्ची शराब के साथ अवैध खनन का धंधा
नगला धीमर में कच्ची शराब के साथ अवैध खनन का धंधा
author img

By

Published : Feb 13, 2021, 1:43 PM IST

कासगंजः यूपी के कासगंज में सिपाही हत्याकांड के बाद भले ही पुलिस और प्रशासन सख्त नजर आ रहा हो, लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रशासन को जिले में कई अवैध धंधों पर लगाम लगाने की जरूरत है. जिनमें कच्ची शराब का कारोबार, सट्टा और अवैध बालू खनन विशेष हैं. नगला धीमर गांव की स्थिति भी कुछ ऐसी है. ईटीवी भारत ने आज गांव के उस पहलू को आप तक पहुंचाने की कोशिश की है जो अभी तक किसी को नहीं पता.

यूं तो पूरे कासगंज जनपद में जुआ, सट्टा, कच्ची शराब, अवैध बालू खनन का कारोबार जोरों पर है. कासगंज के कई गांवों में सैकड़ों की संख्या में अवैध शराब की भट्ठियां धधकतीं हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे उस जगह की जहां कच्ची शराब के कारोबारियों ने खाकी को न सिर्फ लहूलुहान किया बल्कि उसका खून भी कर दिया. इस इस घटना की जड़ बनी नगला धीमर में धधक रहीं अवैध कच्ची शराब की भट्ठियां.

कासगंज में अवैध खनन भी बन सकता है दुर्घटना का कारण, देखें रिपोर्ट
अगर आप यह सोच रहे हैं कि नगला धीमर में सिर्फ कच्ची शराब का ही कारोबार फल फूल रहा है तो आप गलत हैं. यहां गांव से सटी काली नदी पर जहां एक आरोपी का पुलिस द्वारा एनकाउंटर किया गया है, ठीक उसी जगह पर अवैध बालू का खनन भी जोरों पर है. यहां से बालू माफिया ट्रैक्टर ट्रॉलियों में बालू भरकर ले जाते हैं वो भी बिना किसी रोक-टोक के. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बालू खनन का न तो कोई सरकारी ठेका है और न ही प्रशासन की कोई अनुमति, अगर कुछ है तो सिर्फ मिलीभगत. जिसके चलते अवैध बालू खनन का कारोबार यहां धड़ल्ले से चल रहा है.
काली नदी में जारी है अवैध बालू खनन
काली नदी में जारी है अवैध बालू खनन
सबसे बड़ी बात यह है कि सिपाही हत्याकांड के बाद इस काली नदी के तट पर डीएम, कमिश्नर, एडीजी, आईजी जैसे अला अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन नदी किनारे माफियों द्वारा बनाया गया बालू का डंपिंग ग्राउंड उन्हें नज़र नहीं आया. अभी तक खनन के माफियाओं ने न जाने कितनी बार प्रशासनिक अधिकारियों पर खनन रोकने के दौरान हमले किये हैं. यहां तक कि अधिकारियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने तक के प्रयास किये जा चुके हैं.


बात तब और बड़ी हो जाती है जब नदी के एक किनारे पर अवैध बालू खनन का धंधा और दूसरे किनारे पर अवैध कच्ची शराब का कारोबार फलफूल रहा हो और दोनों तरफ यह गोरखधंधा पुलिस और प्रशासन की मेहरबानी से चल रहा हो. क्योंकि इसे रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, बल्कि इन धंधेबाजों की सरपस्ती की गई. इसी की परिणीति है कि एक सिपाही की हत्या. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जिले के आला अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में सुधार करते हुए इस तरह के गोरखधंधों को जड़ से खत्म करना होगा.

कासगंजः यूपी के कासगंज में सिपाही हत्याकांड के बाद भले ही पुलिस और प्रशासन सख्त नजर आ रहा हो, लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रशासन को जिले में कई अवैध धंधों पर लगाम लगाने की जरूरत है. जिनमें कच्ची शराब का कारोबार, सट्टा और अवैध बालू खनन विशेष हैं. नगला धीमर गांव की स्थिति भी कुछ ऐसी है. ईटीवी भारत ने आज गांव के उस पहलू को आप तक पहुंचाने की कोशिश की है जो अभी तक किसी को नहीं पता.

यूं तो पूरे कासगंज जनपद में जुआ, सट्टा, कच्ची शराब, अवैध बालू खनन का कारोबार जोरों पर है. कासगंज के कई गांवों में सैकड़ों की संख्या में अवैध शराब की भट्ठियां धधकतीं हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे उस जगह की जहां कच्ची शराब के कारोबारियों ने खाकी को न सिर्फ लहूलुहान किया बल्कि उसका खून भी कर दिया. इस इस घटना की जड़ बनी नगला धीमर में धधक रहीं अवैध कच्ची शराब की भट्ठियां.

कासगंज में अवैध खनन भी बन सकता है दुर्घटना का कारण, देखें रिपोर्ट
अगर आप यह सोच रहे हैं कि नगला धीमर में सिर्फ कच्ची शराब का ही कारोबार फल फूल रहा है तो आप गलत हैं. यहां गांव से सटी काली नदी पर जहां एक आरोपी का पुलिस द्वारा एनकाउंटर किया गया है, ठीक उसी जगह पर अवैध बालू का खनन भी जोरों पर है. यहां से बालू माफिया ट्रैक्टर ट्रॉलियों में बालू भरकर ले जाते हैं वो भी बिना किसी रोक-टोक के. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बालू खनन का न तो कोई सरकारी ठेका है और न ही प्रशासन की कोई अनुमति, अगर कुछ है तो सिर्फ मिलीभगत. जिसके चलते अवैध बालू खनन का कारोबार यहां धड़ल्ले से चल रहा है.
काली नदी में जारी है अवैध बालू खनन
काली नदी में जारी है अवैध बालू खनन
सबसे बड़ी बात यह है कि सिपाही हत्याकांड के बाद इस काली नदी के तट पर डीएम, कमिश्नर, एडीजी, आईजी जैसे अला अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन नदी किनारे माफियों द्वारा बनाया गया बालू का डंपिंग ग्राउंड उन्हें नज़र नहीं आया. अभी तक खनन के माफियाओं ने न जाने कितनी बार प्रशासनिक अधिकारियों पर खनन रोकने के दौरान हमले किये हैं. यहां तक कि अधिकारियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने तक के प्रयास किये जा चुके हैं.


बात तब और बड़ी हो जाती है जब नदी के एक किनारे पर अवैध बालू खनन का धंधा और दूसरे किनारे पर अवैध कच्ची शराब का कारोबार फलफूल रहा हो और दोनों तरफ यह गोरखधंधा पुलिस और प्रशासन की मेहरबानी से चल रहा हो. क्योंकि इसे रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, बल्कि इन धंधेबाजों की सरपस्ती की गई. इसी की परिणीति है कि एक सिपाही की हत्या. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जिले के आला अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में सुधार करते हुए इस तरह के गोरखधंधों को जड़ से खत्म करना होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.