कासगंज: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला के नाम से अध्यापन कार्य कर रही फर्जी शिक्षिका प्रिया को बीएसए ने शनिवार को गिरफ्तार करवा दिया. सोरों कोतवाली में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर प्रिया को जेल भेजने की कार्रवाई की गई है.
इस तरह गिरफ्तार हुई प्रिया
दरअसल, प्रिया ने शनिवार को अपने साथी को बीएसए कार्यालय में त्यागपत्र देने भेजा था और खुद सड़क पर गाड़ी में बैठी रही. बीएसए कार्यालय के कर्मचारियों ने फर्जी शिक्षिका के साथी को कार्यालय में बैठाकर पूछताछ की तो उसके कार्यालय से बाहर होने की जानकारी मिली. इस पर कर्मचारियों ने उसे सड़क पर से ही पकड़वाया और सोरों पुलिस को सौंप दिया.
बैंक खाता सीज
बताया जा रहा है कि इससे पूर्व प्रिया कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी गई थी. यहां से उसने अपने कपड़े आदि लिए थे. इसके बाद वह अपने साथी के साथ बैंक से पैसे निकालने भी पहुंची थी. जबकि बीएसए ने चार जून को ही बैंक में उसका खाता सीज करवा दिया था. इसकी सूचना बीएसए कार्यालय के अधिकारियों को लग गई थी. बस उसके पकड़ में आने का वे इंतजार कर रहे थे.
पुलिस ने की पूछताछ
बीएसए अंजली अग्रवाल को जैसे ही प्रिया के साथी ने त्यागपत्र सौंपा तो उसे वहीं पकड़कर बैठा लिया गया. पुलिस पूछताछ में प्रिया का कहना है कि वह वर्तमान में गोंडा से बीएड कर रही है. मैनपुरी के किसी राज नाम के व्यक्ति ने उसे नौकरी दिलाई थी.
कई फर्जी शिक्षिकाएं कर रहीं नौकरी
माना जा रहा है कि सूबे में एक ही अभिलेख से अलग-अलग शिक्षिकाएं नौकरी कर रही हैं. शैक्षिक अभिलेखों पर चस्पा फोटो भी काफी धुंधला है, जिससे अभ्यर्थी की पहचान मुश्किल है. इसका लाभ ही फर्जीवाड़ा करने वालों ने उठाया है. शिक्षिका के इलाहाबाद बैंक के खाते में हर महीने वेतन का भुगतान भी होता रहा है.
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एडी बेसिक अलीगढ़ कर रहे मामले की जांच
बीएसए अंजली अग्रवाल का कहना है कि मार्च में लॉकडाउन में शिक्षिका अपने घर गई थी. दूसरे के अभिलेख प्रयोग करने के मामले में उसे नोटिस भेज कर जांच कमेटी का गठन किया गया है. मंडल स्तर पर इस मामले की जांच एडी बेसिक अलीगढ़ कर रहे हैं.
बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के द्वारा दी गई लिखित तहरीर में कहा गया है कि राज्य परियोजना निदेशक के उक्त पत्र के क्रम में अनामिका शुक्ला पुत्री सुभाष चंद्र शुक्ला प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत होती हैं. यह भी संकेत होता है कि उन्होंने 9 फर्जी अभिलेखों के आधार पर विभाग को गुमराह करते हुए नियुक्ति प्राप्त की है. इसलिए अध्यापिका अधोहस्ताक्षरी द्वारा निर्गत किए गए दिनांक 4 जून 2020 के नोटिस के क्रम में अपना त्याग पत्र प्रस्तुत करने के लिए कार्यालय में उपस्थित हुई, जहां बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल पुलिस को सूचित कर उनको गिरफ्तार करवाया, जिसके बाद पुलिस ने सोरों कोतवाली में संबंधित धाराओं में प्रिया को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही की है.