कासगंज: जनपद में जिलाधिकारी की भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई सामने आई है. जिलाधिकारी कासगंज हर्षिता माथुर ने ग्राम पंचायत सचिव को 43 लाख के गबन के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही मामले की गहनता से जांच के निर्देश दिए हैं.
पूरा मामला कासगंज जनपद के पटियाली ब्लॉक की ग्राम पंचायत थाना दरियावगंज का है. जहां पर तैनात ग्राम पंचायत सचिव विनोद भदौरिया की शिकायत जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को मिली थी कि विकास के लिए आई 45 लाख की धनराशि को ग्राम पंचायत सचिव विनोद भदौरिया ने फर्जी तरीके से निकाल लिया है और ग्राम पंचायत में विकास कार्य नहीं कराया है.
इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच जिला पंचायत राज अधिकारी देवेंद्र सिंह को सौंपी थी. जिला पंचायत राज अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में पंचायत सचिव विनोद भदौरिया को दोषी पाया. इस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए थाना दरियावगंज ग्राम पंचायत सचिव विनोद भदौरिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं.
पूर्व में थाना दरियावगंज ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं के चलते जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान के अधिकार सीज कर दिए थे. हरिओम शर्मा की अध्यक्षता में 3 सदस्य टीम बनाई थी. इस टीम के अनुमोदन के बाद ही विकास कार्यों के लिए कोई धनराशि आहरित की जा सकती थी. लेकिन, ग्राम पंचायत सचिव विनोद भदौरिया ने टीम को विश्वास में न ले कर फर्जी तरीके से 45 लाख की धनराशि बिना विकास कार्य कराए निकाल ली थी. जिस पर जिलाधिकारी ने यह कार्रवाई की है.
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