कासंगज: जिले में पंचायत चुनाव के लिए जारी की गई आरक्षण सूची से कहीं खुशी तो कहीं मायूसी है. आरक्षण अनुकूल नहीं होने के चलते कई प्रत्याशियों का राजनीतिक कैरियर दांव पर लग गया है. जनपद में ऐसे कई प्रत्याशी हैं जो आरक्षण अनुकूल नहीं होने के चलते चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. आरक्षण की वजह से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. महिला सीट होने के चलते उन्होंने अपनी भाभी को चुनावी मैदान में उतारा है.
महिला आरक्षित हो गई सीट
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य अब्दुल हफीज गांधी कासगंज की गंजडुंडवारा ब्लॉक के वार्ड संख्या 7 से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए तैयारी कर रहे थे. यह सीट महिला आरक्षित कर दी गई. लिहाजा उन्होंने अपनी भाभी आशमा बेगम को चुनाव मैदान में उतारा है.
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पंचायत चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी
अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि पंचायत चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी है. यही वजह है कि उन्होंने इन चुनावों में रुचि दिखाई. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की पहली सीढ़ी वर्ष 2015 में जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव जीतकर चढ़ी थी. इस बार भी अपने पिछले कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों के आधार पर वह जनता के बीच जा रहे हैं. अपने नेतृत्व में वह भाभी आशमा बेगम के लिए क्षेत्रवासियों से वोट मांग रहे हैं.
'सरकार का अंग बनकर कार्य कर रहा चुनाव आयोग'
इस बार समाजवादी पार्टी ने वार्ड संख्या एक से अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. ये सीट सपा ने रिक्त रखी है. आखिर ऐसा क्यों किया गया. इस सवाल पर अब्दुल हफीज गांधी ने बात घुमाते हुए कहा कि यह निर्णय हाईकमान का है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सहमति से ही निर्णय लिया गया होगा. अब्दुल हफीज गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल पहले भी खड़े हुए हैं. चुनाव आयोग सरकार का अंग बन कर कार्य कर रहा है.
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बीजेपी सरकार पर बोला हमला
बीजेपी और टीएमसी नेताओं के यहां ईवीएम मिलने के मामले में अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि ईवीएम किसी भी नेता के यहां मिली ही क्यों. इलेक्शन कमीशन क्या कर रहा है. यही कारण है कि इलेक्शन कमीशन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से सपा को कोई नुकसान नहीं होगा. ओवैसी और आम आदमी पार्टी सिर्फ वोट काट सकते हैं, जीतना उनके वश में नहीं है. अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि मैं उनसे यही कहूंगा कि वे यूपी में चुनाव न लड़ें. समाजवादी पार्टी यूपी के छोटे-छोटे दलों से ही गठबंधन करेगी.
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सरकार की नीतियों पर जताया असंतोष
हफीज गांधी ने कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य की योगी सरकार की नीतियों प्रयासों पर असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने कोरोना काल में आपदा में अवसर तलाशने वाली बीजेपी पर घोटाले का आरोप लगाया. शामली में कोरोना के टीके की जगह एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने के मामले पर उन्होंने कहा कि सरकार जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.