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कानपुर की सुचेता ने कोरोना काल में महिलाओं को दिया था रोजगार, मुफ्त में बांटे थे मास्क

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Published : Mar 8, 2021, 9:16 AM IST

कानपुर की सुचेता वाही ने कोरोनासंक्रमण काल में न सिर्फ बीमारी से बचाव का रास्ता दिखाया बल्कि रोजगार देकर घरों के चूल्हे भी जलाए. उन्होंने इस दौरान मास्क बनवाकर एक तरफ महिलाओं को रोजगार दिया तो वहीं उन मास्क को मुफ्त में समाज में बटवा कर कोरोना से लोगों की सुरक्षा के लिए भी अपना योगदान दिया. पढ़िए महिला उद्यमी सुचेता की कहानी...

कानपुर की सुचेता वाही.
कानपुर की सुचेता वाही.

कानपुर: हमारे देश में महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में इतना बढ़ावा नहीं मिल पाता है वह घर के कामों में सिमट कर रह जाती हैं. वहीं कानपुर की रहने वाली सुचेता वाही महिलाओं को रोजगार देने के लिए कई वर्षों से काम कर रही हैं. इतना ही नहीं वह अब तक सैकड़ों महिलाओं को रोजगार दे चुकी हैं. वहीं जब लॉकडाउन में लोगों के सामने रोजगार का संकट आ गया, ऐसे वक्त में भी उन्होंने हार न मानी और महिलाओं को अपने घर में ही रोजगार और समाज की सुरक्षा के लिए एक नया कार्य शुरू कर दिया. उन्होंने इस दौरान मास्क बनाकर एक तरफ महिलाओं को रोजगार दिया तो वहीं उन मास्क को मुफ्त में समाज में बटवा कर कोरोना से लोगों की सुरक्षा के लिए भी अपना योगदान दिया.

कानपुर की सुचेता ने कोरोना काल में महिलाओं को दिया था रोजगार

महिला उद्यमी है सुचेता वाही
सुचेता वाही पहले विद्यालय में महिला अध्यापक के रूप में कार्य करती थी. वहीं उनके पति द्वारा सेफ्टी शू की फैक्ट्री डालने के बाद वह उनके साथ कदम ताल करके फैक्ट्री का काम संभाल रहीं है. फैक्ट्री का पूरा प्रोडक्शन और मैनेजमेंट वह खुद संभालती है.

महिलाओं को रोजगार देने के लिए रहती हैं प्रयासरत
सुचेता वाही ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह कई वर्षों से महिलाओं को रोजगार देने के लिए कार्य कर रही हैं. वह अपनी फैक्ट्री में भी ज्यादा महिलाओं को वरीयता देती है, ताकि महिलाएं रोजगार पाकर अपने घरों को संभाल सके.

इसे भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: चुनौतियों से नहीं हारी, हम हैं आज की नारी

लॉकडाउन में भी दिया महिलाओं को रोजगार
सुचेता वाही ने बताया कि लॉकडाउन में जब सारी फैक्ट्रियां बंद हो गई ऐसे में लोगों के पास रोजगार भी खत्म हो गए. वहीं जब उनके यहां काम करने वाली महिलाओं ने लॉकडाउन में कोई काम न होने पर किसी नए कार्य करने के लिए उनसे कहा. तब उनके मन में यह विचार आया कि घर में ही मास्क बनाकर लोगों को मुफ्त में बांटे जाए. ऐसे में महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा और लोगों को मास्क भी मिल जाएगा.

घर में ही बनाए मास्क
कोविड-19 में जहां एक तरफ सारे उद्योगों में ताला लगा हुआ था फैक्ट्रियां बंद थी ऐसे में सुचेता ने अपने घर में ही एक कमरा तैयार किया. जहां उन्होंने मास्क बनाने के सारे उपकरण लगाए और महिलाओं को अपने घर में ही बुला कर वहीं पर मास्क बनाने के कार्य में लगाया. घर में मौजूद कपड़ों से ही उन्होंने मास्क बनवाए. क्योंकि लॉकडाउन में सारी फैक्ट्रियां बाजार बंद थे, ऐसे में कपड़ा मिलना भी मुश्किल था. ऐसे में उन्होंने अपने घर में मौजूद नए कपड़े भी मास्क बनाने में इस्तेमाल किए.

महिला सशक्तिकरण के लिए दिया संदेश
सुचेता वाही ने ईटीवी भारत से महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि महिलाएं जो ठान लेती है उसको वह करके गुजरती हैं. महिलाओं के अंदर पुरुषों से ज्यादा कार्य करने की क्षमता और जज्बा होता है. महिला घर भी चलाना जानती है तो वही एक सफल उद्यमी भी महिलाएं आज है. महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं और देश नहीं दुनिया में अपना परचम लहरा रही है.

सफल महिला उद्यमी के तौर पर मिले हैं कई नेशनल अवार्ड
सुचेता वाही को न केवल महिलाओं को रोजगार देने बल्कि उनकी उद्यमिता के चलते कई नेशनल अवॉर्ड भी मिले हैं. उनको बेस्ट प्रोडक्शन के तहत कई अवार्ड मिले हैं. भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल के द्वारा उनको बेस्ट क्वालिटी प्रोडक्शन के लिए नेशनल अवार्ड भी मिल चुके हैं.

कानपुर: हमारे देश में महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में इतना बढ़ावा नहीं मिल पाता है वह घर के कामों में सिमट कर रह जाती हैं. वहीं कानपुर की रहने वाली सुचेता वाही महिलाओं को रोजगार देने के लिए कई वर्षों से काम कर रही हैं. इतना ही नहीं वह अब तक सैकड़ों महिलाओं को रोजगार दे चुकी हैं. वहीं जब लॉकडाउन में लोगों के सामने रोजगार का संकट आ गया, ऐसे वक्त में भी उन्होंने हार न मानी और महिलाओं को अपने घर में ही रोजगार और समाज की सुरक्षा के लिए एक नया कार्य शुरू कर दिया. उन्होंने इस दौरान मास्क बनाकर एक तरफ महिलाओं को रोजगार दिया तो वहीं उन मास्क को मुफ्त में समाज में बटवा कर कोरोना से लोगों की सुरक्षा के लिए भी अपना योगदान दिया.

कानपुर की सुचेता ने कोरोना काल में महिलाओं को दिया था रोजगार

महिला उद्यमी है सुचेता वाही
सुचेता वाही पहले विद्यालय में महिला अध्यापक के रूप में कार्य करती थी. वहीं उनके पति द्वारा सेफ्टी शू की फैक्ट्री डालने के बाद वह उनके साथ कदम ताल करके फैक्ट्री का काम संभाल रहीं है. फैक्ट्री का पूरा प्रोडक्शन और मैनेजमेंट वह खुद संभालती है.

महिलाओं को रोजगार देने के लिए रहती हैं प्रयासरत
सुचेता वाही ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह कई वर्षों से महिलाओं को रोजगार देने के लिए कार्य कर रही हैं. वह अपनी फैक्ट्री में भी ज्यादा महिलाओं को वरीयता देती है, ताकि महिलाएं रोजगार पाकर अपने घरों को संभाल सके.

इसे भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: चुनौतियों से नहीं हारी, हम हैं आज की नारी

लॉकडाउन में भी दिया महिलाओं को रोजगार
सुचेता वाही ने बताया कि लॉकडाउन में जब सारी फैक्ट्रियां बंद हो गई ऐसे में लोगों के पास रोजगार भी खत्म हो गए. वहीं जब उनके यहां काम करने वाली महिलाओं ने लॉकडाउन में कोई काम न होने पर किसी नए कार्य करने के लिए उनसे कहा. तब उनके मन में यह विचार आया कि घर में ही मास्क बनाकर लोगों को मुफ्त में बांटे जाए. ऐसे में महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा और लोगों को मास्क भी मिल जाएगा.

घर में ही बनाए मास्क
कोविड-19 में जहां एक तरफ सारे उद्योगों में ताला लगा हुआ था फैक्ट्रियां बंद थी ऐसे में सुचेता ने अपने घर में ही एक कमरा तैयार किया. जहां उन्होंने मास्क बनाने के सारे उपकरण लगाए और महिलाओं को अपने घर में ही बुला कर वहीं पर मास्क बनाने के कार्य में लगाया. घर में मौजूद कपड़ों से ही उन्होंने मास्क बनवाए. क्योंकि लॉकडाउन में सारी फैक्ट्रियां बाजार बंद थे, ऐसे में कपड़ा मिलना भी मुश्किल था. ऐसे में उन्होंने अपने घर में मौजूद नए कपड़े भी मास्क बनाने में इस्तेमाल किए.

महिला सशक्तिकरण के लिए दिया संदेश
सुचेता वाही ने ईटीवी भारत से महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि महिलाएं जो ठान लेती है उसको वह करके गुजरती हैं. महिलाओं के अंदर पुरुषों से ज्यादा कार्य करने की क्षमता और जज्बा होता है. महिला घर भी चलाना जानती है तो वही एक सफल उद्यमी भी महिलाएं आज है. महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं और देश नहीं दुनिया में अपना परचम लहरा रही है.

सफल महिला उद्यमी के तौर पर मिले हैं कई नेशनल अवार्ड
सुचेता वाही को न केवल महिलाओं को रोजगार देने बल्कि उनकी उद्यमिता के चलते कई नेशनल अवॉर्ड भी मिले हैं. उनको बेस्ट प्रोडक्शन के तहत कई अवार्ड मिले हैं. भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल के द्वारा उनको बेस्ट क्वालिटी प्रोडक्शन के लिए नेशनल अवार्ड भी मिल चुके हैं.

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