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कानपुरः प्रसव के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा - मृतका के परिजनों ने किया हंगामा

कानपुर के बिल्हौर तहसील के एक अस्पताल में भर्ती महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई. महिला के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया. सूचना पर पहुंची पुलिस कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

कानपुर में स्थित अस्पताल.
कानपुर में स्थित अस्पताल.
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Published : Nov 4, 2020, 7:21 AM IST

कानपुरः जिले के बिल्हौर तहसील क्षेत्र के चौबेपुर स्थित हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान नवविवाहिता की मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामा बढ़ता देख प्रशासन हरकत में आया और वरिष्ठ लोगों की मध्यस्थता से परिजनों को समझा बुझाकर हर सम्भव मदद व उचित न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद पुलिस का सहयोग कर पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम भेजा गया.

सीएचसी के डॉक्टरों ने कहा-यहां नहीं होता सही इलाज
थाना महाराजपुर गांव कमालपुर निवासी रूपा यादव (22) वर्ष पुत्री जयपाल यादव का की शादी 28 फरवरी 2019 को चौबेपुर मकरंदापुर निवासी राम प्रकाश उर्फ राजू यादव पुत्र कन्हैया लाल यादव के साथ विवाह हुआ था. परिजनों का आरोप है कि मंगलवार को रूपा के प्रसव पीड़ा शुरू होने पर 102 नम्बर को फोन किया. 102 नम्बर गाड़ी आने के बाद बहु को सीएचसी ले गए लेकिन यहां डॉक्टरों ने सही उपचार न होने का हवाला देते हुए कहीं और ले जाने को बोला.

बार-बार आग्रह करने के बाद भी इलाज करने नहीं आया स्टाफ
सीएचसी डॉक्टर के कहीं और ले जाने के कहने पर मरखरा निवासी आशा बहू अनार द्वारा पास के ही प्राइवेट नर्सिग होम सद्गुरु अमिलिहा में भर्ती करा दिया गया. परिजनों का आरोप है कि हमारी बहु का सुबह 11 बजे सीजर ऑपरेशन किया गया, जिससे एक स्वस्थ्य बेटी ने जन्म दिया. रात्रि 2 बजे रूपा की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और बार-बार आग्रह करने के बावजूद डॉक्टर व नर्स अपने स्टॉप रूम में सोते रहे. अस्पताल स्टाफ द्वारा इलाज में घोर लापरवाही बरती गई, जिससे हमारी बहु की मृत्यु हो गयी.

अवैध रूप से संचालित हो रहा है अस्पताल
अब सवाल यह भी उठता है कि बगैर वैधता के अभी तक सद्गुरु हॉस्पिटल धड़ल्ले से संचालित कैसे होता रहा और इस पर किसी भी उच्च प्रशासनिक अधिकारी की नजर क्यों नही पड़ी. यदि पहले ही इस तरह से बिना मानक के चल रहे हॉस्पिटल पर कार्रवाई की गई होती तो आज एक मासूम बच्चे से उसकी मां नहीं छिनती.

अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी
इस मामले पर बात करने पर सीएमओ अनिल कुमार मिश्रा ने बताया मामला संज्ञान में नही है. आप लोगों के माध्यम से जानकारी हुई है. बिना लाइसेंस व नोटिस बोर्ड के संचालित क्लीनिक संचालकों पर कार्यवाही हेतु एडिशनल सीएमओ को मार्क कर दिया जाता है. जल्द ही ऐसे लोगों के खिलाफ़ अभियान चलाकर कार्रवाई की जायेगी.

कानपुरः जिले के बिल्हौर तहसील क्षेत्र के चौबेपुर स्थित हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान नवविवाहिता की मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामा बढ़ता देख प्रशासन हरकत में आया और वरिष्ठ लोगों की मध्यस्थता से परिजनों को समझा बुझाकर हर सम्भव मदद व उचित न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद पुलिस का सहयोग कर पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम भेजा गया.

सीएचसी के डॉक्टरों ने कहा-यहां नहीं होता सही इलाज
थाना महाराजपुर गांव कमालपुर निवासी रूपा यादव (22) वर्ष पुत्री जयपाल यादव का की शादी 28 फरवरी 2019 को चौबेपुर मकरंदापुर निवासी राम प्रकाश उर्फ राजू यादव पुत्र कन्हैया लाल यादव के साथ विवाह हुआ था. परिजनों का आरोप है कि मंगलवार को रूपा के प्रसव पीड़ा शुरू होने पर 102 नम्बर को फोन किया. 102 नम्बर गाड़ी आने के बाद बहु को सीएचसी ले गए लेकिन यहां डॉक्टरों ने सही उपचार न होने का हवाला देते हुए कहीं और ले जाने को बोला.

बार-बार आग्रह करने के बाद भी इलाज करने नहीं आया स्टाफ
सीएचसी डॉक्टर के कहीं और ले जाने के कहने पर मरखरा निवासी आशा बहू अनार द्वारा पास के ही प्राइवेट नर्सिग होम सद्गुरु अमिलिहा में भर्ती करा दिया गया. परिजनों का आरोप है कि हमारी बहु का सुबह 11 बजे सीजर ऑपरेशन किया गया, जिससे एक स्वस्थ्य बेटी ने जन्म दिया. रात्रि 2 बजे रूपा की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और बार-बार आग्रह करने के बावजूद डॉक्टर व नर्स अपने स्टॉप रूम में सोते रहे. अस्पताल स्टाफ द्वारा इलाज में घोर लापरवाही बरती गई, जिससे हमारी बहु की मृत्यु हो गयी.

अवैध रूप से संचालित हो रहा है अस्पताल
अब सवाल यह भी उठता है कि बगैर वैधता के अभी तक सद्गुरु हॉस्पिटल धड़ल्ले से संचालित कैसे होता रहा और इस पर किसी भी उच्च प्रशासनिक अधिकारी की नजर क्यों नही पड़ी. यदि पहले ही इस तरह से बिना मानक के चल रहे हॉस्पिटल पर कार्रवाई की गई होती तो आज एक मासूम बच्चे से उसकी मां नहीं छिनती.

अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी
इस मामले पर बात करने पर सीएमओ अनिल कुमार मिश्रा ने बताया मामला संज्ञान में नही है. आप लोगों के माध्यम से जानकारी हुई है. बिना लाइसेंस व नोटिस बोर्ड के संचालित क्लीनिक संचालकों पर कार्यवाही हेतु एडिशनल सीएमओ को मार्क कर दिया जाता है. जल्द ही ऐसे लोगों के खिलाफ़ अभियान चलाकर कार्रवाई की जायेगी.

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