कानपुर: वैसे तो कानपुर जू के किसी भी वन्यजीव को जब आप देखेंगे तो निश्चित तौर पर वह अपनी हरकतों या अदाओं से आपका दिल जीत लेंगे. यहां के वन्यजीवों की खासियत है कि वह कभी दर्शकों को निराश नहीं करते हैं. दर्शकों की आवाज सुनते ही जानवर लोगों की तरफ आने की कोशिश करने लगते हैं.
यहां वाइल्डलाइफ लवर्स को वन्यजीवों में शामिल बब्बर शेरों की दहाड़ सुनने को मिलती है. यहां के बब्बर शेर अजय और उसकी संगिनी नंदिनी को रायपुर से 2016 में कानपुर जू लाया गया था. हरियाली वाले वातावरण में अगले ही साल 2017 में नंदिनी ने 3 शावकों को जन्म दिया था. जिसका नाम कानपुर जू के अधिकारियों ने उमा, शंकर और सुंदरी का नाम दिया था.
बता दें कि यह वह दौर था, जब इटावा लायन सफारी से शेरों के बीमार होने और शावकों की मृत्यु वाली खबरें सामने आ रही थी. लेकिन, नंदिनी ने 3 शावकों को एक साल बाद ही जन्म देकर खूब सुर्खियां बटोरी थी. हालांकि उसके बाद मानो नंदिनी को किसी की नजर लग गई. अब कहा जा रहा है कि नंदिनी की उम्र 15 से 16 साल के बीच है. जिसके चलते शायद वह कभी मां नहीं बन सकती है.
आईवीआरआई ने बताई सूडो प्रेग्नेंसी: कानपुर जू के चिकित्सकों व प्रशासनिक अधिकारियों के पास पिछले साल एक राहत भरी खबर सामने आई थी. अधिकारियों के मुताबिक नंदिनी गर्भवती हो गई थी. आनन-फानन में ही चिकित्सकों ने इसकी पुष्टि के लिए नंदिनी के सैंपल इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई) को भेजा था. वहां से आई रिपोर्ट में चिकित्सकों ने बताया कि नंदिनी गर्भवती नहीं है. ऐसे में कानपुर जू के अधिकारी और चिकित्सक निराश हो गए.
औसतन उम्र 20 वर्षः कानपुर जू के निदेशक केके सिंह ने बताया कि अगर कोई चमत्कार होता है तभी नंदिनी मां बन सकती है. क्योंकि उम्र अधिक होने के चलते यह संभव नहीं है. कानपुर जू के चिकित्सक आरके सिंह ने बताया कि बब्बर शेरों की औसत आयु 20 वर्ष तक होती है. ऐसे में वह 10 से 12 वर्षों तक ही प्रजनन करते हैं. इसके बाद उनके प्रजनन का क्रम रुक जाता है. उन्होंने बताया कि शेरनी के गर्भवती होने का औसतन समय 110 दिनों का होता है.
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