कानपुर: कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन का प्रभाव हर वर्ग पर पड़ा है. हालांकि अब धीरे-धीरे परिस्थितियां सामान्य हो रही हैं. मगर अभी भी एक ऐसा वर्ग है जिसको अनलॉक के बाद भी कोई राहत नहीं मिली है और न ही अभी दूर-दूर तक आशा की कोई किरण नजर आ रही है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं लोगों के यहां शादी पार्टी और अन्य शुभ अवसरों में हंसी-खुशी का माहौल बनाने वाले कलाकारों की. ये कलाकार अभी भी परेशान हैं. गायक, संगीत वादक, मंच संचालन करने वाले एंकर, कॉमेडियन, डांस ग्रुप, भजन गायक, साउंड सर्विसेज, इवेंट ऑर्गेनाइज जैसी सेवाएं देने वाले प्रदेश के लाखों लोगों को अभी भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
आर्थिक संकट में वेडिंग इंडस्ट्री के कलाकार अनलॉक में शादी समारोह सहित अन्य मांगलिक कार्यक्रमों की परमिशन तो मिली, लेकिन सीमित गाइडलाइन के साथ. शादी समारोह में सिर्फ 100 लोगों की परमिशन दी गई. ऐसे में इन कलाकारों की डिमांड भी कम हो गई है. इसके चलते इन लोगों को घर चलाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. इनका मानना है कि यह लिमिटेशंस 100 से 300 लोगों की जाएं और उन 300 मेहमानों की लिस्ट में इन सभी कलाकारों की गिनती न की जाए, क्योंकि अचानक पड़ी इस आपदा में संगीत के क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को आगे भी उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है. कलाकारों का कहना है कि अनलॉक होने के बाद भी अब ऑर्डर या काम मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. पहले की तरह अब शादियां व अन्य कार्यक्रमों को धूमधाम से करने की परमिशन नहीं हो रही है. हम कलाकार मंच पर अपना हुनर दिखाकर अपना घर चलाते हैं, लेकिन इस लॉकडाउन के कारण काफी परेशानी हुई. अब जब सबकुछ पटरी पर लौट रहा है फिर भी हमें कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही. सरकार भी हम लोगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही. मैं करीब 38 साल से इस फील्ड में हूं विदेशों में भी कई शो किये हैं. इस समय हमारे लिए काफी बुरी स्थिति है. मुझे नहीं लगता 100 लोगों के अंदर हमलोगों को शामिल किया जाएगा.
-धर्मेंद्र यादव, कलाकार