कानपुर: जल संचय पर चर्चा और परिचर्चा तो बहुत होती है. इतना ही नहीं जल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से बंजर जमीन में रात-दिन एक करके तालाब को खोदकर पानी से भर दिया. कानपुर जनपद मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर विधनू ब्लॉक के करियाझाल गांव में ग्रामीणों ने नजीर पेश की है. ग्रामीणों ने सालों से जल संकट के दंश को अपनी मेहनत की दम पर दूर करके दिखा दिया है. जिससे अब यहां का ग्राउंड वाटर लेवल भी बढ़ रहा है. साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए तालाब के आसपास बंजर जमीन पर 65,000 पौधे भी रोपे हैं.
ग्रामीणों ने भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने की ठानी
करियाझाल गांव में जल संकट का आलम यह था कि ग्रामीणों को अपने मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता था. ग्रामीण बाबू सिंह बताते हैं कि कई सालों से लगातार जल स्तर घट रहा था. गांव के बाहर पशु पक्षियों को ग्रामीण पानी के अभाव में दम तोड़ते हुए देख रहे थे. उसके बाद लगभग 500 ग्रामीणों ने तय किया कि जल संकट के दंश को हर हाल में दूर करना है. जिसके बाद ग्राम समाज की 65 बीघा बंजर जमीन खोज निकाली. इसके बाद उन्होंने 2 बीघा जमीन में तालाब खोदकर जल संरक्षण के लिए ठाना. इसके बाद ग्रामीणों ने दो साल की कड़ी मेहनत के बाद रात दिन एक करके 2 बीघा जमीन में तलाब खोद दिया. तालाब 80 मीटर लंबा और 40 मीटर चौड़ा है. इसकी गहराई 6 फिट है. जिसको आसमानी जलधारा से लबालब भर के आदर्श स्थापित किया.
तालाब के बाद बढ़ाया हरियाली की ओर कदम
मेहनतकश ग्रामीणों ने तालाब को बनाने के बाद अपने हौसलों की उड़ान को और पंख देते हुए बंजर जमीन को हरियाली से लहराने के लिए 10 बीघा जमीन में 65 हजार पौधों को न सिर्फ रोपा बल्कि उनको तालाब के पानी से सींचकर तालाब के आसपास के क्षेत्र को हरा-भरा कर दिया.