कानपुर: कहते हैं कि जल की बूंद-बूंद में कई जीवन बसा होता है...ऐसे में जब नदी के पानी में सूखापन या बीच में रेत उभरे हुए दिखने लगे तो? कानपुर की 50 लाख से अधिक आबादी को जिस पानी की सप्लाई होती है, उसका सबसे बड़ा और अहम स्रोत यहां बहने वाली गंगा नदी है. वैसे तो पिछले सालों में मई-जून के बीच गंगा का पानी घाटों से दूर हो जाता था और रेत के टीले नजर आते थे. मगर, इस बार यह समस्या और भी गहराती दिख रही है. अप्रैल के पहले हफ्ते से ही गंगा नदी में रेत उभरे दिख रहे हैं.
हालांकि, गर्मी को देखते हुए घरों, कार्यालयों व संस्थानों समेत अन्य स्थानों पर पानी का अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है. इस वजह से शहर में आए दिन किसी न किसी मोहल्ले में पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. जलकल सचिव केपी आनंद ने कहा कि शहर में जलसंकट की स्थिति न बने, इसके लिए विभाग सभी तरह के प्रबंध कर रहा है.
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