कानपुर: अभी तक आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ प्रदेश सरकार के साथ विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे. अब आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ रक्षा संगठनों और सुरक्षा बलों की समस्याओं का समाधान निकालेंगे. 22 अप्रैल को नई दिल्ली विज्ञान भवन में रक्षा नवाचार संगठन और आईआईटी के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेल के बीच करार हुआ है. इस करार के तहत आईआईटी विभिन्न स्टार्टअप कंपनियों और अन्य संस्थानों की मदद से उत्पाद व तकनीकी विकसित कराने का भी काम करेगा. सरकार इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक बजट भी मुहैया कराएगी.
रक्षा तकनीक और रक्षा उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के नजरिए से रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) द्वारा उत्कृष्टता को लेकर नवाचार प्राइम (आइडेक्स) शुरू किया गया है. इसी कार्यक्रम के अंतर्गत आईआईटी कानपुर एक सहयोगी इंक्यूबेटर होगा. रक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार पारिस्थितकी तंत्र को विकसित करने के लिए ऐसी परियोजनाओं को स्वीकृत देगा, जो डेढ़ करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक के बीच की होंगी. इसके लिए संबंधित स्टार्टअप कंपनियां और उनके उत्पादों का आंकलन, निगरानी आदि का जिम्मा आईआईटी पर होगा.
यह भी पढ़ें: देश में पहली बार ताजमहल के पास वैक्यूम सीवर का इस्तेमाल, जानिए इसकी खासियत
इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए डीआईओ के अपर सचिव संजय जाजू व एसआईआईसी के सह प्रभारी प्रो. अंकुश शर्मा के बीच इस कार्यक्रम को विस्तार देने के लिए समझौता किया गया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित रहे. वहीं, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि आइडेक्स कार्यक्रम देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप