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बेटी खोजने के लिए पुलिस ने लिए थे दिव्यांग मां से पैसे, दो दारोगा निलंबित - कानपुर खबर

कानपुर में लापता बेटी को ढूंढने के लिए डीजल के नाम पर गरीब दिव्यांग वृद्धा से वसूली करने के आरोप में दो दारोगाओं को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही दोनों दारोगाओं पर विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है. प्रारंभिक जांच में पुलिस कर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए हैं.

बेटी को ढूंढने के नाम पर वसूली करने के आरोप में दो दारोगा को निलंबित
बेटी को ढूंढने के नाम पर वसूली करने के आरोप में दो दारोगा को निलंबित
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Published : Feb 3, 2021, 12:20 PM IST

कानपुर: महानगर में खाकी के दामन को दागदार करने वाले मामले पर आला अधिकारीयों ने कार्रवाई करते हुए दो दारोगाओं को न सिर्फ निलंबित कर दिया है. बल्कि विभागीय जांच भी शुरू कर दी है. गौरतलब रहे कि लापता बेटी को ढूंढने के नाम पर गरीब दिव्यांग वृद्ध महिला से पुलिस वालों ने मानवता की सारी हदों को पार करते हुए पुलिस के वाहन में डीजल भरवाने के नाम पर वसूली की थी. इस घटना को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया. उसके बाद आनन-फानन में डीआईजी डॉ. सिंह ने दोनों दरोगा को निलंबित कर दिया है.

जांच में पाए गए दोषी
प्रारंभिक जांच में पुलिस कर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए हैं. आपको बता दें कि थाना चकेरी के सनिगवां गांव में रहने वाली वृद्ध दिव्यांग महिला अपनी नाबालिग बेटी जो कि 7 जनवरी से लापता हो गई थी. उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें 5 लोगों को नामजद किया गया था और दो अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. महिला ने आरोप लगाया था कि चौकी इंचार्ज राजपाल सिंह और अरुण कुमार ने लापता बेटी को ढूंढने के नाम पर गाड़ी में डीजल भरवाने को कहा था. जिसकी एवज में 12 हजार रुपए वसूले गए थे.

इसे भी पढ़ें:- शर्मनाक ! बेटी खोजने के लिए दारोगा ने लिए दिव्यांग मां से डीजल के पैसे

भीख मांग कर वृद्धा ने जुटाई थी रकम
अपनी बेटी को ढूंढने के लिए बेचारी दिव्यांग महिला ने पुलिस कर्मियों को डीजल भरवाने के लिए भीख मांग कर 12 हजार रुपए की रकम को बड़ी मुश्किल से जुटाई थी. जब पीड़ित दिव्यांग महिला ने डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह की चौखट पर आपबीती सुनाई तो आनन-फानन में प्रारंभिक जांच शुरू कराई गई. इसके बाद वसूली करने वाले दोनों दारोगाओं को निलंबित कर जांच बैठा दी गई है. साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

आखिर एफआईआर क्यों नही
पुलिस की कारगुजारी की पोल खोलने के बाद सवाल उठना लाजमी है. आखिर क्यों आला अधिकारी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रंगदारी की धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं कर रहे हैं. जबकि पुलिस की जांच में दारोगा ऊपर लगे आरोप सही पाए गए हैं.

कानपुर: महानगर में खाकी के दामन को दागदार करने वाले मामले पर आला अधिकारीयों ने कार्रवाई करते हुए दो दारोगाओं को न सिर्फ निलंबित कर दिया है. बल्कि विभागीय जांच भी शुरू कर दी है. गौरतलब रहे कि लापता बेटी को ढूंढने के नाम पर गरीब दिव्यांग वृद्ध महिला से पुलिस वालों ने मानवता की सारी हदों को पार करते हुए पुलिस के वाहन में डीजल भरवाने के नाम पर वसूली की थी. इस घटना को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया. उसके बाद आनन-फानन में डीआईजी डॉ. सिंह ने दोनों दरोगा को निलंबित कर दिया है.

जांच में पाए गए दोषी
प्रारंभिक जांच में पुलिस कर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए हैं. आपको बता दें कि थाना चकेरी के सनिगवां गांव में रहने वाली वृद्ध दिव्यांग महिला अपनी नाबालिग बेटी जो कि 7 जनवरी से लापता हो गई थी. उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें 5 लोगों को नामजद किया गया था और दो अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. महिला ने आरोप लगाया था कि चौकी इंचार्ज राजपाल सिंह और अरुण कुमार ने लापता बेटी को ढूंढने के नाम पर गाड़ी में डीजल भरवाने को कहा था. जिसकी एवज में 12 हजार रुपए वसूले गए थे.

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भीख मांग कर वृद्धा ने जुटाई थी रकम
अपनी बेटी को ढूंढने के लिए बेचारी दिव्यांग महिला ने पुलिस कर्मियों को डीजल भरवाने के लिए भीख मांग कर 12 हजार रुपए की रकम को बड़ी मुश्किल से जुटाई थी. जब पीड़ित दिव्यांग महिला ने डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह की चौखट पर आपबीती सुनाई तो आनन-फानन में प्रारंभिक जांच शुरू कराई गई. इसके बाद वसूली करने वाले दोनों दारोगाओं को निलंबित कर जांच बैठा दी गई है. साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

आखिर एफआईआर क्यों नही
पुलिस की कारगुजारी की पोल खोलने के बाद सवाल उठना लाजमी है. आखिर क्यों आला अधिकारी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रंगदारी की धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं कर रहे हैं. जबकि पुलिस की जांच में दारोगा ऊपर लगे आरोप सही पाए गए हैं.

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