कानपुरः कानपुर नगर निगम का सत्र शाम होते हंगामे के साथ स्थागित हो गया. सत्र में भाजपा के दो पार्षद रमेश हठी और उपनेता सदन पार्षद महेंद्र शुक्ल आपस में भिड़ गए और इसके बाद नौबत मारपीट तक पहुंच गई. इसे सदन के अन्य सदस्यों ने रोका, इस दौरान महेंद्र शुक्ला की महापौर प्रमिला पांडेय से तलख बहस होने लगीं. जिसके बाद उपनेता सदन पर कार्यवाही करते हुए महापौर ने पार्षद महेंद्र शुक्ला को 6 महीने के लिए सदन की कार्यवाही में भाग लेने से निलंबित कर दिया. इसके बाद सदन को स्थागित कर दिया.इस दौरान सिर्फ बजट पर ही चर्चा हो सकीं. उपनेता सदन की इस तरह अमर्यादित तेवर पर न सिर्फ विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी विरोध दर्ज कराया.
सदन में भाजपा के पार्षद रमेश हठी ने भाजपा के सीनियर पार्षद महेंद्र शुक्ल पर धर्मशाला की दुकानें कब्जा करने का आरोप लगाया. इसके बाद महेंद्र शुक्ल का पारा इतना चढ़ गया कि वो रमेश हठी की ओर दौड़ पड़े. इस दौरान सदन के अन्य पार्षदों ने उन्हें रोका. सदन के बिगड़ते इस माहौल को शांत करने की कोशिश करते हुए महापौर ने शुक्ला को शांत कराने की कोशिश की. शांत होने की जगह शुक्ल महापौर से ही बहस करने लगे. इसके बाद महापौर ने अनुशासनहीनता मानते हुए शुक्ल को 6 महीने तक सदन की कार्यवाही से निलंबन कर दिया.
निलंबन की कार्यवाही के बाद महेंद्र शुक्ल ने कहा कि महापौर का बेटा कुछ पार्षदों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्यवाही कर रहा है. उसने ही यह कब्जे की बात कहलाई, जबकि मेरे पास इस दुकान का अवांटन पत्र है. वहीं रमेश हठी ने कहा कि मैंने सिर्फ दुकान के बारे में उपनेता सदन से जानकारी मांगी तो वो गाली-गलौज करने लगे जिसके बाद बहस होने लगी. मैंने इस मामले में पुलिस को जानकारी दे दी. अब मैं शुक्ल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाउंगा.
पार्षद कमल शुक्ल ने सफाई कर्मचारियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अधिकांश सफाई कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके हैं लेकिन निगम इसकी सुध नहीं ले रहा है. जिस वजह करीब 80 फीसदी बीट खाली पड़ी है. एक सफाई कर्मचारी पर चार जगह का काम आ रहा है. इसलिए सदन जल्द से जल्द इनकी भर्ती करवाएं. इसी के साथ रिबोर के 4200 से 4300 रिबोर के हैंडपाइप है, इन्हें ही ठीक करवाया जाएं जिससे नए हैंडपाइप का खर्चा बढ़ सकें.
सदन की शुरूआत जहां हंगामे के साथ हुई वहीं पूरा सदन हंगामे के साथ ही स्थागित हुआ, जिस वजह से विज्ञापन नीति पास नहीं हो सकी. सिर्फ बजट ही पास हो सका। वहीं अब अगले सत्र में विज्ञापन सत्र पास होने की संभावना है.