कानपुर : विदेशों में सिर्फ भारत में बने जूतों का ही क्रेज नहीं है, फुटवियर कंपोनेंट्स की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है. इंडियन फुटवियर कंपोनेंट्स मैन्युफेक्चर्स एसोसिशएन (इफकोमा) के आंकड़े बताते हैं कि बांग्लादेश से लेकर ब्राजील तक फुटवियर कंपोनेंट्स भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा यूरोप, अमेरिका में भी देश की लेदर इंडस्ट्री का डंका बज रहा है.
केवल बांग्लादेश में ही डेढ़ बिलियन डॉलर के फुटवियर कंपोनेंट्स की खपत
इफकोमा के आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश का कुल निर्यात लगभग 7 बिलियन डॉलर का है. इसमें एक से डेढ़ बिलियन डॉलर के फुटवियर कंपोनेंट्स केवल बांग्लादेश में ही भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा ब्राजील, अमेरिका, यूरोप, मैक्सिको, वियतनाम समेत कई ऐसे देश हैं, जहां इंडियन फुटवियर कंपोनेंट्स की बराबर मांग बनी हुई है. मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि इफकोमा पर देश की लेदर इंडस्ट्री निर्भर हो चुकी है. जबकि एक दौर था जब हम चीन की ओर देखने के लिए मजबूर थे. कहा कि अब देश के फुटवियर कंपोनेंट्स कारोबारी लगातार नई रेंज ला रहे हैं, जिन्हें चमड़ा कारोबारी भी पसंद कर रहे हैं.आज विदेशों में लेदर इंडस्ट्री का डंका जब रहा है.
फुटवियर कंपोनेंट्स लेदर इंडस्ट्री के लिए बैकबोन की तरह
सीएलई के पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने कहा कि जो फुटवियर कंपोनेंट्स हैं, वह लेदर इंडस्ट्री के लिए बैकबोन का काम करते हैं. अगर कंपोनेंट्स नहीं होंगे तो हम उत्पाद कैसे तैयार करेंगे. कहा कि दिनोंदिन इफकोमा का प्रदर्शन शानदार होता जा रहा है. कानपुर की लेदर इंडस्ट्री तो फुटवियर कंपोनेंट्स पर ही टिकी है. बताया कि आगामी 6 और 7 दिसंबर को कानपुर-लखनऊ हाईवे पर केएलसी कॉम्प्लेक्स में इफकोमा की ओर से प्रदर्शनी व बायर-सेलर मीट का आयोजन हो रहा है. जिसमें देशभर के 62 कारोबारी अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे. इस मौके पर इफकोमा के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एसके वर्मा, संजय गुप्ता, शेख मोहम्मद शाहिद आदि उपस्थित रहे. वहीं देश की लेदर इंडस्ट्री में बूम आ सके, इसके लिए एफडीडीआई देशभर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगा. प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी एफडीडीआई के वरिष्ठ अधिकारी पंकज सिन्हा ने दी.
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