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कानपुरः मोबाइल से पता चल जाएगा दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र, जानिए कैसे

यूपी के कानपुर जिले में 160 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना ऐप (आइआरएडी) को लेकर प्रशिक्षित किया जाना है. हादसा होते ही ऐप पर क्षतिग्रस्त गाड़ी का नंबर, घटनास्थल से थाने की दूरी, कितने घायल हुए आदि जानकारियों को अपलोड करनी होगी.

kanpur traffic police
कानपुर ट्रैफिक.
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Published : Oct 11, 2020, 7:15 AM IST

कानपुरः महानगर में आए दिन हो रहे सड़क हादसे को लेकर अब कानपुर ट्रैफिक पुलिस, हादसों को रोकने के लिए एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना (आइआरएडी) ऐप की मदद लेगी. सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार कर हादसा रोकने की कोशिश करेगी.

बता दें कि कानपुर महानगर में यातायात की सबसे बड़ी समस्या है. इसी वजह से इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) भी लगाया गया है. वहीं अब यहां पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पहले चरण में 160 पुलिसकर्मी शामिल किए गए हैं. आपको बता दें कि आइआरएडी ऐप की मदद से दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र की आसानी से पहचान हो सकेगी. जिससे सड़क हादसे रोकने में मदद मिलेगी.

ऐप की मदद से तैयार होगा डेटाबेस
कानपुर में सड़क दुर्घटनाओं का डाटाबेस तैयार करने के लिए इस ऐप का प्रयोग जरूरी है. इस ऐप में जो दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र हैं. उनको लोकेट किया जाएगा. इस ऐप को पुलिसकर्मी अपने मोबाइल पर डाउनलोड करेंगे. डाउनलोड करने पर अलग-अलग जानकारी भरने के लिए फॉर्म होंगे. जिसमें क्षतिग्रस्त गाड़ी का नंबर, निर्माता कंपनी, घटनास्थल से थाने की दूरी, घायल को कैसी चोट आई है, कितने समय में अस्पताल पहुंचाया गया, कितनी देर में प्राथमिक उपचार मिला, घटनास्थल पर सड़क की क्या हालत है, घटनास्थल पर दुर्घटनाओं का इतिहास समेत अन्य जानकारियां फीड करनी होंगी.

समय की होगी बचत
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि इस ऐप की मदद से आंकड़ों को देखने में समय की बचत होगी. आसानी से इसे कहीं से भी देखा जा सकेगा. इस ऐप की मदद से अधिक हादसे वाले स्थानों को चिन्हित करने में मदद मिलेगी और सड़क का बुनियादी ढांचा भी सुधारा जा सकेगा.

कानपुरः महानगर में आए दिन हो रहे सड़क हादसे को लेकर अब कानपुर ट्रैफिक पुलिस, हादसों को रोकने के लिए एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना (आइआरएडी) ऐप की मदद लेगी. सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार कर हादसा रोकने की कोशिश करेगी.

बता दें कि कानपुर महानगर में यातायात की सबसे बड़ी समस्या है. इसी वजह से इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) भी लगाया गया है. वहीं अब यहां पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पहले चरण में 160 पुलिसकर्मी शामिल किए गए हैं. आपको बता दें कि आइआरएडी ऐप की मदद से दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र की आसानी से पहचान हो सकेगी. जिससे सड़क हादसे रोकने में मदद मिलेगी.

ऐप की मदद से तैयार होगा डेटाबेस
कानपुर में सड़क दुर्घटनाओं का डाटाबेस तैयार करने के लिए इस ऐप का प्रयोग जरूरी है. इस ऐप में जो दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र हैं. उनको लोकेट किया जाएगा. इस ऐप को पुलिसकर्मी अपने मोबाइल पर डाउनलोड करेंगे. डाउनलोड करने पर अलग-अलग जानकारी भरने के लिए फॉर्म होंगे. जिसमें क्षतिग्रस्त गाड़ी का नंबर, निर्माता कंपनी, घटनास्थल से थाने की दूरी, घायल को कैसी चोट आई है, कितने समय में अस्पताल पहुंचाया गया, कितनी देर में प्राथमिक उपचार मिला, घटनास्थल पर सड़क की क्या हालत है, घटनास्थल पर दुर्घटनाओं का इतिहास समेत अन्य जानकारियां फीड करनी होंगी.

समय की होगी बचत
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि इस ऐप की मदद से आंकड़ों को देखने में समय की बचत होगी. आसानी से इसे कहीं से भी देखा जा सकेगा. इस ऐप की मदद से अधिक हादसे वाले स्थानों को चिन्हित करने में मदद मिलेगी और सड़क का बुनियादी ढांचा भी सुधारा जा सकेगा.

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