कानपुर: जिले में शनिवार को घूसखोरी के आरोप में कलेक्ट्रेट के तीन बाबुओं को पुलिस अपने साथ कोतवाली ले गई, जिससे कलेक्ट्रेट परिसर में हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक, रिकॉर्ड रूम में तैनात ये तीनों लिपिक सरकारी नकल देने के नाम पर घूस की मांग करते थे. इस पर एक वकील ने अपने मोबाइल से घूसखोरी का वीडियो बनाकर जिलाधिकारी आलोक तिवारी को दिखाया, जिसके बाद डीएम के आदेश पर यह कार्रवाई की गई. वहीं कोतवाली पुलिस ने तीनों बाबूओं से पूछताछ के बाद छोड़ दिया. हालांकि इस मामले में अभी तक किसी ने भी शिकायत नहीं दर्ज कराई है.
दरअसल कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम में तैनात तीनों बाबुओं को लेकर पिछले कई दिनों से जिलाधिकारी को इस बात की शिकायत पहुंच रही थी कि इनके द्वारा सरकारी नकल देने के नाम पर लोगों से रिश्वतखोरी की जा रही है. शनिवार को शिकायतकर्ता वकील ने जिलाधिकारी के पास पहुंचकर जब रिश्वतखोरी का वीडियो दिखाया तो इसे देखकर डीएम ने आनन-फानन में कोतवाली पुलिस से तीनों बाबुओं से कड़ाई से पूछताछ के लिए कहा. डीएम के आदेश के बाद पुलिस तीन बाबुओं को अपने साथ कोतवाली ले गई.
कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम में तैनात तीनों बाबुओं के नाम शैलेंद्र, गिरवर और राजेश श्रीवास्तव बताए जा रहे हैं. वहीं इस मामले पर जिलाधिकारी और पुलिस के अधिकारी मीडिया से कोई भी बात नहीं कर रहे हैं. पुलिस ने 4 घंटे तक कोतवाली में बैठाए रखने के बाद तीनों बाबुओं से पूछताछ कर उन्हें छोड़ दिया.