कानपुर: कुछ दिनों पहले सूबे के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा कानपुर आए थे और उन्होंने शहर के बेनाझाबर क्षेत्र में बने द स्पोर्ट्स हब में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पहले उस स्पोर्ट्स हब के सभी 22 खेलों की गतिविधियों को देखा था. मुख्य सचिव ने अपने दौरे के अगले दिन ही कानपुर के कमिश्नर डा.राजशेखर व अन्य अफसरों संग आनलाइन संवाद किया और घोषणा कर दी, कि अब सूबे के 10 स्मार्ट सिटी शहरों में द स्पोर्ट्स हब का मॉडल लागू किया जाएगा यानी, सूबे के 10 स्मार्ट सिटी शहरों से जो खिलाड़ी तैयार होकर निकलेंगे, वह अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा बिखरेंगे. कमिश्नर ने इस मॉडल को सभी 10 स्मार्ट सिटी शहरों में लागू कराने के लिए योजना बनानी शुरू कर दी है. मुख्य सचिव ने द स्पोर्ट्स हब मॉडल में सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल व ईडब्ल्यूएस सुविधा को वरीयता देने के साथ ही कई अन्य सुविधाओं को भी सराहा है.
कानपुर के द स्पोर्ट्स हब मॉडल को तैयार करने वाले एमएचपीएल संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर (फाउंडिंग) पीयूष अग्रवाल ने बताया कि महज 10 हजार गज (आठ हजार वर्गमी.) जमीन पर उन्होंने 42 करोड़ रुपये की लागत से 22 इंडोर खेलों वाला ऐसा स्टेडियम तैयार किया हैं, जिसमें खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि कानपुर स्मार्ट सिटी कार्यों के तहत बनाए गए इस स्टेडियम से हर साल इकनॉमिक वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) सुविधा वाले 1000 खिलाड़ी तैयार कराए जाएंगे. उन्हें प्रशिक्षित करने का जिम्मा टीएसएच के प्रशिक्षकों का होगा. यह मल्टी काम्प्लेक्स स्टेडियम पूरी तरह से स्ववित्तपोषी है जिस तरह पीएम मोदी आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना चाहते हैं, ठीक वैसे ही इस टीएसएच का संचालन सेल्फ सस्टेनेबल मोड में होगा.
द स्पोर्ट्स हब में ये सुविधाएं दी जा रहीं
मल्टी परपज हॉल: इस मल्टी परपज हाल में आठ बैडमिंटन कोर्ट बने हैं, 20 टेबल टेनिस की टेबल्स हैं. बास्केटबाल कोर्ट व कबड्डी हॉल है. यह सभी खेल एक साथ आयोजित हो सकते हैं. पीयूष अग्रवाल का कहना है कि टीएसएच में अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं वाला स्विमिंग पूल है. इसके अलावा शूटिंग रेंज व स्क्वैश की सुविधा भी खिलाड़ी ले सकते हैं.
ये भी पढ़ेंः mathura news: श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण पर 10 मार्च को कोर्ट सुनाएगी फैसला