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मनीष गुप्ता हत्याकांड : व्यापारी के घर पहुंची एसआईटी, दोस्तों और परिजनों के दर्ज किए बयान

मनीष गुप्ता हत्याकांड केस में जांच कर रही एसआईटी (SIT) की टीम ने बुधवार को मनीष गुप्ता के घर पहुंचकर गवाहों के बयान दर्ज किए. एसआईटी ने मनीष गुप्ता के परिजन और दोस्तों से लगभग तीन घंटे पूछताछ की.

व्यापारी के घर पहुंची एसआईटी
व्यापारी के घर पहुंची एसआईटी
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Published : Oct 6, 2021, 7:30 PM IST

कानपुर : मनीष गुप्ता हत्याकांड केस में जांच कर रही एसआईटी (SIT) की टीम कानपुर स्थित मनीष के घर पहुंची. एसआईटी ने मनीष के घर पहुंचकर की उसकी पत्नी मीनाक्षी गुप्ता के बयान दर्ज किए. बता दें, कि व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले की जांच पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में एसआईटी की टीम कर रही है. इसी क्रम में बुधवार को एसआईटी की टीम ने मनीष की पत्नी और दोस्त हरवीर और प्रदीप के बयान दर्ज किए. एसआईटी ने लगातार 3 घंटे मनीष की पत्नी और दोस्तों से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान डीसीपी साउथ रवीना त्यागी भी मौजूद रहीं. बता दें, कि डीसीपी रवीना त्यागी भी एसआईटी टीम का हिस्सा हैं.

इस संबंध में कानपुर कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि जांच गोरखपुर में चल रही है, जिसमें कानपुर की टीम भी शामिल है. कानपुर में भी एसआईटी जांच कर रही है और जो मौके पर 2 मुख्य गवाह मौजूद थे. उनके बयान बुधवार को लिए गए हैं. उन्होंने बताया, कि दोनों गवाहों के मन में डर था. कानपुर की एसआईटी टीम से मिलने के बाद वह संतुष्ट हैं, उनका डर खत्म हो गया है. पुलिस और प्रदेश की सरकार पर उनको पूरा भरोसा है. कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया, कि गवाहों के बयानों से जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस पर एसआईटी टीम जांच करेगी.

व्यापारी के घर पहुंची एसआईटी

ये है मामला

गोरखपुर में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेस में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद मनीष की गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी.

इसे पढ़ें- मनीष गुप्ता के सिर-चेहरे पर गंभीर चोटों के निशान, क्या पुलिस ने ले ली जान !

मनीष की मौत के बाद सीएम योगी के हस्तक्षेप के बाद रामगढ़ताल थाना के 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं, यूपी सरकार ने मनीष गुप्ता की पत्नी को सरकारी नौकरी दे दी है. साथ ही परिवार को 40 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सिफारिश भी की है.

कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता मौत मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) शनिवार को कानपुर से गोरखपुर पहुंची थी और जांच की थी. अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद कुमार तिवारी के नेतृत्व में एसआईटी ने मनीष गुप्ता होटल के जिस कमरे में अपने दोस्तों के साथ ठहरे थे, उसकी जांच-पड़ताल की थी. वहीं आज कानपुर पुलिस की टीम मामले में जांच करने होटल कृष्णा पैलेस पहुंची. इसके बाद जांच-पड़ताल शुरू की.

इसे पढ़ें- मनीष गुप्ता हत्याकांड : आला अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध, परिवार को कैसे मिलेगा इंसाफ

कानपुर : मनीष गुप्ता हत्याकांड केस में जांच कर रही एसआईटी (SIT) की टीम कानपुर स्थित मनीष के घर पहुंची. एसआईटी ने मनीष के घर पहुंचकर की उसकी पत्नी मीनाक्षी गुप्ता के बयान दर्ज किए. बता दें, कि व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले की जांच पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में एसआईटी की टीम कर रही है. इसी क्रम में बुधवार को एसआईटी की टीम ने मनीष की पत्नी और दोस्त हरवीर और प्रदीप के बयान दर्ज किए. एसआईटी ने लगातार 3 घंटे मनीष की पत्नी और दोस्तों से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान डीसीपी साउथ रवीना त्यागी भी मौजूद रहीं. बता दें, कि डीसीपी रवीना त्यागी भी एसआईटी टीम का हिस्सा हैं.

इस संबंध में कानपुर कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि जांच गोरखपुर में चल रही है, जिसमें कानपुर की टीम भी शामिल है. कानपुर में भी एसआईटी जांच कर रही है और जो मौके पर 2 मुख्य गवाह मौजूद थे. उनके बयान बुधवार को लिए गए हैं. उन्होंने बताया, कि दोनों गवाहों के मन में डर था. कानपुर की एसआईटी टीम से मिलने के बाद वह संतुष्ट हैं, उनका डर खत्म हो गया है. पुलिस और प्रदेश की सरकार पर उनको पूरा भरोसा है. कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया, कि गवाहों के बयानों से जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस पर एसआईटी टीम जांच करेगी.

व्यापारी के घर पहुंची एसआईटी

ये है मामला

गोरखपुर में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेस में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद मनीष की गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी.

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मनीष की मौत के बाद सीएम योगी के हस्तक्षेप के बाद रामगढ़ताल थाना के 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं, यूपी सरकार ने मनीष गुप्ता की पत्नी को सरकारी नौकरी दे दी है. साथ ही परिवार को 40 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सिफारिश भी की है.

कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता मौत मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) शनिवार को कानपुर से गोरखपुर पहुंची थी और जांच की थी. अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद कुमार तिवारी के नेतृत्व में एसआईटी ने मनीष गुप्ता होटल के जिस कमरे में अपने दोस्तों के साथ ठहरे थे, उसकी जांच-पड़ताल की थी. वहीं आज कानपुर पुलिस की टीम मामले में जांच करने होटल कृष्णा पैलेस पहुंची. इसके बाद जांच-पड़ताल शुरू की.

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