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बिकरू कांड के अभी और खुलेंगे राज, दोषी पुलिसकर्मियों पर गिरेगी गाज - कानपुर खबर

कानपुर के बिकरू कांड में अभी भी खुलासे हो रहे हैं. इन खुलासों के बाद कई अफसरों पर कार्रवाई होना बाकी है. एसआईटी विकास दुबे और उसके गैंग को बढ़ावा देने वाले इन अफसरों पर कार्रवाई के लिए सिफारिश की है.

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बिकरू कांड के अभी और खुलेगें राज
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Published : Dec 22, 2020, 8:01 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 9:35 PM IST

कानपुर: पूरे देश में बहुचर्चित कानपुर के बिकरू कांड में अभी कई अफसरों पर कार्रवाई होना बाकी है. विकास दुबे और उसके गैंग को बढ़ावा देने वाले इन अफसरों पर कार्रवाई के लिए एसआईटी ने सिफारिश की है. जांच के बाद दोषी पुलिस प्रशासनिक अफसरों पर गाज गिरेगी. एसआईटी की जांच के बाद एक के बाद एक हो रहे खुलासे से पुलिस महकमे में सरगर्मियां जोरो पर हैं. एसआईटी ने शहीद सीओ व एसपी ग्रामीण को भी दोषी माना है. जिसके बाद एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव से स्पष्टीकरण मांगा है. तो वहीं शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के संबंध में लिखा गया है कि घटना में सीओ शहीद हो चुके हैं, अतः उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं बनती है.

बिकरू कांड के अभी और खुलेगें राज



एसपी ग्रामीण से मांगा गया स्पष्टीकरण

एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव पर एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार आरोप है कि उन्होंने दबिश देने जा रही टीम को दिए जाने वाले सुरक्षा संबंधी उपकरण जैसे बॉडी प्रोटेक्टर, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट की जांच को नहीं करवाई. जबकि पुलिस टीम के लिए जांच बेहद जरूरी थी. आईजी जोन मोहित अग्रवाल ने एसपी ग्रामीण से स्पष्टीकरण मांगा है.


संरक्षण देने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

विकास दुबे को संरक्षण देने वाले 11 सीओ की जांच एसपी पश्चिम डॉ० अनिल कुमार कर रहे है. जबकि 23 पुलिसकर्मियों की प्रारंभिक जांच एसपी पूर्वी को दी गई है. आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट में आरोप 14(1), 14(2) की जांच रिपोर्ट तैयार कराएंगे. विकास दुबे पर एसआईटी ने विस्तृत जांच की थी. कई पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अफसरों को आरोपी बनाया गया है. एसआईटी द्वारा उन पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है. इस रिपोर्ट के आधार पर शासन ने पूर्व डीआईजी अनन्त देव तिवारी को निलंबित कर चुका है. रिपोर्ट में 8 पुलिसकर्मियों को वृहद दंड जबकि छह पुलिसकर्मियों को लघु दंड का आरोपित माना गया है.

कानपुर: पूरे देश में बहुचर्चित कानपुर के बिकरू कांड में अभी कई अफसरों पर कार्रवाई होना बाकी है. विकास दुबे और उसके गैंग को बढ़ावा देने वाले इन अफसरों पर कार्रवाई के लिए एसआईटी ने सिफारिश की है. जांच के बाद दोषी पुलिस प्रशासनिक अफसरों पर गाज गिरेगी. एसआईटी की जांच के बाद एक के बाद एक हो रहे खुलासे से पुलिस महकमे में सरगर्मियां जोरो पर हैं. एसआईटी ने शहीद सीओ व एसपी ग्रामीण को भी दोषी माना है. जिसके बाद एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव से स्पष्टीकरण मांगा है. तो वहीं शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के संबंध में लिखा गया है कि घटना में सीओ शहीद हो चुके हैं, अतः उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं बनती है.

बिकरू कांड के अभी और खुलेगें राज



एसपी ग्रामीण से मांगा गया स्पष्टीकरण

एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव पर एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार आरोप है कि उन्होंने दबिश देने जा रही टीम को दिए जाने वाले सुरक्षा संबंधी उपकरण जैसे बॉडी प्रोटेक्टर, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट की जांच को नहीं करवाई. जबकि पुलिस टीम के लिए जांच बेहद जरूरी थी. आईजी जोन मोहित अग्रवाल ने एसपी ग्रामीण से स्पष्टीकरण मांगा है.


संरक्षण देने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

विकास दुबे को संरक्षण देने वाले 11 सीओ की जांच एसपी पश्चिम डॉ० अनिल कुमार कर रहे है. जबकि 23 पुलिसकर्मियों की प्रारंभिक जांच एसपी पूर्वी को दी गई है. आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट में आरोप 14(1), 14(2) की जांच रिपोर्ट तैयार कराएंगे. विकास दुबे पर एसआईटी ने विस्तृत जांच की थी. कई पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अफसरों को आरोपी बनाया गया है. एसआईटी द्वारा उन पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है. इस रिपोर्ट के आधार पर शासन ने पूर्व डीआईजी अनन्त देव तिवारी को निलंबित कर चुका है. रिपोर्ट में 8 पुलिसकर्मियों को वृहद दंड जबकि छह पुलिसकर्मियों को लघु दंड का आरोपित माना गया है.

Last Updated : Dec 22, 2020, 9:35 PM IST
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