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अब आईआईटी कानपुर में बनेगा शुद्धम वाटर प्यूरीफायर कम कूलर, आसानी से खरीद सकेंगे ग्रामीण

आईआईटी कानपुर में बना शुद्धम वाटर प्यूरीफायर कम कूलर आने वाले दिनों में लोगों को सस्ते दामों में मिल मिलेगा. विशेषज्ञों ने बताया कि यह कूलर तीन अलग-अलग चरणों में पानी को शुद्ध करता है.

प्रोफेसर जे रामकुमार
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Published : May 15, 2023, 9:19 PM IST

प्रोफेसर जे रामकुमार ने बताया.

कानपुर: IIT कानपुर के प्रोफेसर और छात्र आए दिन नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने शुद्धम नाम से एक वाटर प्यूरीफायर कम कूलर बनाया है. आने वाले दिनों में यह महज 4 हजार रुपये में आसानी से लोगों को उपलब्ध हो सकेगा. विशेषज्ञों का दावा है कि भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान (IIT) का यह शुद्धम वाटर कूलर ग्रामीणों के लिए बहुत अधिक उपयोगी होगा.

शुद्धम को लेकर IIT कानपुर के प्रोफेसर जे रामकुमार ने बताया (समन्वयक, इमेजिनियरिंग लेबोरेट्री एंड रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप) कि इसे बनाने के लिए न्यू उन्नत इंडिया टेक्नो सॉल्यूशंस एंड इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के सदस्यों ने संपर्क किया गया था. उस टीम के जितेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि उनका मकसद है कि आमजन को वह सस्ती दरों पर जल शोधन और शीतल जल प्रदान करना. इसके लिए ऐसा उपकरण बनाया है, जो ग्रामीणों को सहजता से मिल सके. इसलिए IIT कानपुर के विशेषज्ञों संग मिलकर शुद्धम को वाटर फिल्टर के रूप में विकसित किया गया.

IIT कानपुर के विशेषज्ञों के अनुसार शुद्धम वाटर कूलर में पानी तीन अलग-अलग चरणों से गुजरता है. इस वजह से यह पूरी तरह से शुद्ध रहता है. इस उत्पाद को आईआईटी कानपुर की इमेजिनियरिंग प्रयोगशाला में बनाया गया है. इसमें पहले चरण में पानी एक कॉटन फिल्टर के माध्यम से गुजरता है. इसके बाद सक्रिय कार्बन के साथ एक कॉट्रिज के माध्यम से दुर्गंध व क्लोरीन को हटा दिया जाता है.

सक्रिय कार्बन को इमेजिनियरिंग लेबोरेट्री IIT कानपुर के अंतर्गत मेडटेक लैब में नारियल के गोले और मित्रा नामक एक हीटिंग भट्टी का उपयोग करके तैयार किया गया था. अगले चरण में आयन एक्सचेंज के लिए एक पॉलीमर मेम्ब्रेन का उपयोग किया जाता है. जिसके बाद शुद्ध पानी को तांबे से बने निचले रिजर्व टैंक में संग्रहित किया जाता है. जो तांबे की विशेषता को फैलाता है.

IIT कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने बताया कि इमेजिनरी लैब सस्ती और कुशल तकनीकों को सामने लाने के लिए काम कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने शुद्धम बनाने वाली पूरी टीम को बधाई दिया.

यह भी पढ़ें- कीमोथैरेपी का अधिक प्रयोग शारीरिक के लिए नुकसानदेह : डॉ. मंजिरी

प्रोफेसर जे रामकुमार ने बताया.

कानपुर: IIT कानपुर के प्रोफेसर और छात्र आए दिन नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने शुद्धम नाम से एक वाटर प्यूरीफायर कम कूलर बनाया है. आने वाले दिनों में यह महज 4 हजार रुपये में आसानी से लोगों को उपलब्ध हो सकेगा. विशेषज्ञों का दावा है कि भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान (IIT) का यह शुद्धम वाटर कूलर ग्रामीणों के लिए बहुत अधिक उपयोगी होगा.

शुद्धम को लेकर IIT कानपुर के प्रोफेसर जे रामकुमार ने बताया (समन्वयक, इमेजिनियरिंग लेबोरेट्री एंड रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप) कि इसे बनाने के लिए न्यू उन्नत इंडिया टेक्नो सॉल्यूशंस एंड इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के सदस्यों ने संपर्क किया गया था. उस टीम के जितेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि उनका मकसद है कि आमजन को वह सस्ती दरों पर जल शोधन और शीतल जल प्रदान करना. इसके लिए ऐसा उपकरण बनाया है, जो ग्रामीणों को सहजता से मिल सके. इसलिए IIT कानपुर के विशेषज्ञों संग मिलकर शुद्धम को वाटर फिल्टर के रूप में विकसित किया गया.

IIT कानपुर के विशेषज्ञों के अनुसार शुद्धम वाटर कूलर में पानी तीन अलग-अलग चरणों से गुजरता है. इस वजह से यह पूरी तरह से शुद्ध रहता है. इस उत्पाद को आईआईटी कानपुर की इमेजिनियरिंग प्रयोगशाला में बनाया गया है. इसमें पहले चरण में पानी एक कॉटन फिल्टर के माध्यम से गुजरता है. इसके बाद सक्रिय कार्बन के साथ एक कॉट्रिज के माध्यम से दुर्गंध व क्लोरीन को हटा दिया जाता है.

सक्रिय कार्बन को इमेजिनियरिंग लेबोरेट्री IIT कानपुर के अंतर्गत मेडटेक लैब में नारियल के गोले और मित्रा नामक एक हीटिंग भट्टी का उपयोग करके तैयार किया गया था. अगले चरण में आयन एक्सचेंज के लिए एक पॉलीमर मेम्ब्रेन का उपयोग किया जाता है. जिसके बाद शुद्ध पानी को तांबे से बने निचले रिजर्व टैंक में संग्रहित किया जाता है. जो तांबे की विशेषता को फैलाता है.

IIT कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर ने बताया कि इमेजिनरी लैब सस्ती और कुशल तकनीकों को सामने लाने के लिए काम कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने शुद्धम बनाने वाली पूरी टीम को बधाई दिया.

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