कानपुर: जिले में लापता किशोरी की हत्या के मामले में पीड़ित परिजनों ने रावतपुर चौकी के पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का आरोप है कि 26 मई को जब वे चौकी में बेटी के बारे में जानकारी लेने पहुंचे थे, तो एक पुलिसकर्मी ने कहा था कि 'जो लड़कियां घर से भाग जाती हैं वो दुखी नहीं रहती.' इसके एक दिन बाद गुरुवार को पता चला कि बिठूर में जो दस दिन पहले शव मिला था, वह उसी किशोरी का था. परिजनों ने पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है. पुलिस की जांच की जद में मृतका के दो करीबी और एक महिला आई है. उनकी भूमिका पुलिस तलाश रही है.
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क्या है पूरा मामला?
कानपुर के रावतपुर निवासी 17 वर्षीय किशोरी 17 मई की सुबह घर से लापता हो गई थी. 20 मई को परिजनों ने कल्याणपुर थाने में केस दर्ज कराया था. उधर, बिठूर के लक्ष्मण घाट पर 18 मई को एक किशोरी का शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई थी. अखबारों में खबर पढ़कर प्रगति के परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया. तब पता चला कि बिठूर में बरामद शव प्रगति का ही था. प्रगति के मामा छोटू ने बताया कि केस दर्ज करने के बाद पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी थी, इसके चलते शव की शिनाख्त देर से हुई.
'जो लड़कियां भाग जाती हैं वो दुखी नहीं रहतीं'
मृतका के मामा ने बताया कि प्रगति की मां जब 26 तारीख को रावतपुर चौकी गईं थीं, तो पुलिसकर्मियों ने कहा था कि 'जो लड़कियां भाग जाती हैं वो दुखी नहीं रहतीं'. पुलिस की ये बात सुनकर पीड़ित मां उल्टे पांव लौट गई थीं. हालांकि अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है. घटना को लेकर मृतका के दो करीबी और एक महिला पर पुलिस की नजर है. पुलिस की जांच पड़ताल जारी है.