कानपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार सुबह कानपुर के कंपनी बाग चौराहा पर स्वयं सेवकों के पथ संचलन का निरीक्षण किया. पथ संचलन के दौरान सभी स्वयं सेवक अपने पूर्ण गणवेश में दिखे. उनके द्वारा बैंड की प्रस्तुति दर्शनीय रही. संघ प्रमुख की एक झलक पाने के लिए शहर के कंपनी बाग चौराहा पर लोगों की बड़ी भीड़ लग गई.
'हिन्दू समाज को वाल्मीकि समाज पर करना चाहिए गर्व'
हिन्दू समाज को वाल्मीकि समाज पर गर्व करना चाहिए. क्योंकि, भगवान राम को हिन्दू समाज से परिचित कराने वाले भगवान वाल्मीकि ही थे. रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह बात कही. वह कानपुर के फूलबाग स्थित नानाराव पार्क में महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा अगर भगवान वाल्मीकि रामायण न लिखते, तो आज हिन्दू समाज को भगवान राम न मिलते. ऐसा नहीं है कि मैं आज पहली बार वाल्मीकि समाज के कार्यक्रम में आया हूं. इससे पहले नागपुर में हुए कार्यक्रम में शामिल हो चुका हूं.
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवती सीता को अपनी बेटी कर तरह रखा था. वहीं, वाल्मीकि को रामायण के लिए भगवान नारद ने प्रेरित किया था. भगवान वाल्मीकि के चलते देश में भगवान राम की पूजा होती है. धर्म को लेकर संघ प्रमुख ने कहा सनातन धर्म में करुणा, एक अहम विषय है. कोई भी धर्म बिना करुणा के पूरा नहीं हो सकता. वाल्मीकि जयंती हमारे लिए राष्ट्रीय उत्सव है. आरएसएस अपनी पूरी ताकत के साथ वाल्मीकि समाज के साथ है. हमारे लोग आपके पास खुद आएंगे. उन्हें पता है कि पूरा हिन्दू समाज हमारा है ये समाज अपना है. भारतवर्ष अपना है. जो सदैव रहेगा. इससे पहले शहर के कंपनी बाग चौराहा पर हुए पथ संचलन कार्यक्रम में 1 हजार से अधिक स्वयं सेवकों ने पथ संचलन किया.
बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन
वीएसएसडी डिग्री कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सभी छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जाए, जिससे वह राष्ट्र भक्त बनें. छात्रों के सर्वाँगीण विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें घर व स्कूल में एक तरह की ही शिक्षा दी जाए. रविवार को यह बातें बतौर मुख्य अतिथि आरएसएस के संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहीं. उन्होंने कहा कि कोई छात्र या शिक्षक अंग्रेजी भाषा सीखता है तो बुरी बात नहीं है लेकिन अगर वह अपनी मातृ भाषा से दूर हो रहा है तो यह उचित नहीं है. कार्यक्रम में 50 से अधिक पूर्व शिक्षकों व छात्रों को सम्मानित किया गया. संघ प्रमुख ने कहा कि जैसे सारे काम जीवन में जरूरी हैं, ठीक वैसे ही हर व्यक्ति का यह लक्ष्य होना चाहिए कि वह एक अच्छा इंसान जरूर बनें. उन्होंने वीएसएसडी डिग्री कॉलेज की उपलब्धियों को सराहा. साथ ही इस मौके पर बैरिस्टर नरेंद्र जीत सिंह के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया. कार्यक्रम में वीरेंद्रजीत सिंह, सांसद सत्यदेव पचौरी, प्रो. विनय पाठक, प्रांत प्रचारक श्रीराम, सीए नीतू सिंह, डॉ. मनोज अवस्थी, डॉ. दिवाकर मिश्रा समेत कई अन्य आंगतुक मौजूद रहे.
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