कानपुरः बिल्हौर विधानसभा की यह सीट पिछले चुनाव में भाजपा ने सपा से छीनी थी. अगर इस सीट पर पिछले चुनावों के प्रदर्शन की बात की जाए तो 2012 में जहां इस सीट पर सपा और बसपा की सीधी लड़ाई थी तो वहीं 2017 के चुनाव में बीजेपी प्रत्य़ाशी ने एकतरफा जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया था. हालांकि चुनावी विश्लेषक पिछली जीत को मोदी लहर का असर मान रहे थे. अब विधानसभा चुनाव 2022 आ रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर यहां चुनावी हलचल तेज हो गई है. सपा और बसपा जहां इस बार इस सीट पर जीत की आस लगाए हैं तो वहीं बीजेपी इस बार फिर यह सीट पार्टी की झोली में आने का दावा कर रही है. इस बार भी इस विधानसभा का मुद्दा बिजली, पानी और सड़क रहेगा.
मतदाताओं पर एक नजर
पुरुष | 2,07,793 |
महिला | 1,75,195 |
16वीं विधानसभा चुनाव 2012
प्रत्य़ाशी | पार्टी | वोट |
अरुणा कोरी | सपा | 87804 |
कमलेश चंद्र दिवाकर | बसपा | 71747 |
राकेश सोनकर | बीजेपी | 25473 |
राम लखन गौतम | कांग्रेस | 22640 |
17वीं विधानसभा 2017 में प्रदर्शन
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
भगवती प्रसाद सागर | बीजेपी | 1,02326 |
कमलेश चंद्र दिवाकर | बीएसपी | 71,160 |
शिवकुमार बेरिया | सपा | 60,023 |
मुद्दे जो पहले थे, वो आज भी हैं
बिल्हौर विधानसभा में सबसे बड़े मुद्दे सड़क, पानी और बिजली हैं. यहां के कई गांवों में अभी विकास कोसों दूर है. कई गांवों में अभी तक बिजली कनेक्शन भी नहीं हो सके हैं. इसके अलावा गांवों में सड़क, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसे कई मुद्दे अभी भी बरकरार हैं. ग्रामीणों की शिकायत है कि जिन गांवों में बिजली है वहां नियमित नहीं आती है. यहां जाम भी बड़ी समस्या है. अगर आगामी चुनाव की बात की जाए तो इस बार बीजेपी और सपा में यहां टक्कर इस बार देखने को मिल सकती है.
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ये रहा ऐतिहासिक महत्व
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