कानपुर: जिले में बिल्हौर सूबे की योगी सरकार की ओर से कोरोना महामारी से गरीबों को नि:शुल्क राशन वितरण किया जा रहा है. लेकिन, कुछ दबंग कोटेदार गरीबों के हक पर डाका डालकर सरकारी राशन की काला बाजारी कर रहे हैं. मामला कानपुर नगर की बिल्हौर तहसील के सिहुरामऊ ग्राम पंचायत से है. यहां के ग्रामीण कोटेदार की दबंगई और मनमानी राशन की काला बाजारी से परेशान हैं. सिहुरामऊ ग्राम पंचायत कोटेदार रंनोदेवी पर ग्रामीणों ने कई आरोप लगाए हैं.
बता दें कि, बिल्हौर तहसील का राशन से जुड़ा यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी गरीबों के हक पर डाका डाल रहे राशन माफियाओं के कई मामले सामने आ चुके हैं. सख्त कार्रवाई न होने के कारण बिल्हौर तहसील क्षेत्र में राशन माफियाओं के हौसलें बुलंद हो रहे है.
हाल ही में हुए एक ताजा मामले ने तहसील प्रशासन की जमकर किरकिरी कराई है. गुरुवार की शाम ग्रामीणों ने सक्रियता दिखाते हुए गरीबों के लिए आये राशन को बेचने जा रहे कोटेदार के ट्रैक्टर ट्राली को सरकारी राशन के साथ उत्तरीपूरा चौकी इंचार्ज को रंगे हाथ पकड़वा दिया. बताया जा रहा है कि, इस ट्राली में करीब 80 बोरी सरकारी राशन लदा था. इस दौरान मौके पर पहुंचे एक भाजपा पदाधिकारी ने इस सम्बंध में पुलिस को कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया.
लेकिन, 24 घंटे तक सरकारी राशन लदी गाड़ी को उत्तरीपूरा चौकी में खड़ा रखने के बाद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर छोड़ दिया गया. इससे ग्रामीणों में बिल्हौर तहसील प्रशासन के प्रति रोष है. कई ग्रामीणों का आरोप है कि, ग्राम प्रधान के घर में ही कोटा है. राशन कम देने और महीनों राशन न बांटने की बात पर कई बार प्रधान को भी अवगत कराया गया पर हुआ आज तक कुछ भी नही.
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इस बारे में भाजपा के जिलाध्यक्ष कृष्ण मुरारी शुक्ला ने कहा उन्होंने कोटेदारों को अपनी सत्ता के साथ होने और कार्यकर्ता सर्वोपरि की बात कही. अब सोचने वाली बड़ी बात यह है कि, एक तरफ कोटेदार है जिसे वह अपनी पार्टी का कार्यकर्ता मान रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ शिकायतकर्ता भी उनकी पार्टी बीजेपी का ही पदाधिकारी है. जिसने ग्रामीणों के साथ मिलकर रंगे हाथ कोटेदार को राशन सहित पुलिस को पकड़वाया था.
शिकायतकर्ता भाजपा पदाधिकारी का साफ तौर पर कहना है कि यदि इस भ्रष्ट कोटेदार की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई नहीं की गई तो मैं पार्टी पद से इस्तीफा दे दूंगा. इसकी वजह से भाजपा कार्यकर्ता दो धड़ों में बंटे नज़र आ रहे हैं. इस प्रकरण में कार्रवाई को लेकर उत्तरीपूरा पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
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