कानपुरः कोरोना वायरस की दोनों लहरों ने जमकर देश और दुनिया को नुकसान पहुंचाया है. लोगों ने ऐसा दौर देखा जब उन्हें इलाज नहीं मिल पाया और ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों ने अपनों को खोया है. वहीं अब लोग तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं. लेकिन इसको लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने तीसरी लहर को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने अपने गणिती मॉडल सूत्र के आधार पर आकलन कर बताया कि फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है. भारत में तीसरी लहर नहीं आएगी और आएगी भी तो अक्टूबर-नवंबर से पहले उसके आने की कोई संभावना नहीं है.
कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर के आने की चर्चा जोरों शोरों से चल रही है. दूसरी लहर में भारत में सबसे ज्यादा कहर ढाया है. वहीं तीसरी लहर को लेकर भी कई अनुमान लगाए जा रहे हैं. इसी बीच आईआईटी कानपुर से आई इस ख़बर ने लोगों को राहत पहुंचाई है. पद्मश्री से सम्मानित प्रोफेसर अग्रवाल ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अभी भारतीयों को डरने की जरूरत नहीं है, तीसरी लहर अभी नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि जिन देशों में कोविड-19 के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, वहां डेल्टा वेरीएंट कहर ढा रहा है. उन्होंने बताया कि भारत में डेल्टा प्लस वेरीएंट दूसरी लहर के वक्त मौजूद था. फिलहाल अब इस वेरीएंट के केस न के बराबर हैं. ऐसे में अब भारत में तीसरी लहर का खतरा ज्यादा बड़ा नहीं है.
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उन्होंने बताया कि वो पिछले 1 महीने से गणिती मॉडल सूत्र के जरिए कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर शोध कर रहे थे. शोध में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक दूसरी लहर के वक्त भारत में डेल्टा प्लस ने कहर बरपाया था. ठीक हुए मरीजों के शरीर में इम्यूनिटी बढ़ी है. ये तीन महीने तक रहेगी. कोरोना वैक्सीन भी लगाई जा रही है. ऐसे में तीसरी लहर को लेकर फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है. प्रोफेसर अग्रवाल ने अपने इस मॉडल में कोरोना की पहली लहर के केस जनसंख्या और इम्यूनिटी स्तर को आधार बनाया है. वहीं करोना संक्रमण की दूसरी लहर के डाटा के आधार पर कम्प्यूटिंग मॉडल सूत्र तैयार किया है. गणितीय विश्लेषण के आधार पर प्रोफेसर अग्रवाल ने कोरोना वायरस से जुड़ी ये रिपोर्ट तैयार की है. इसी के जरिए उन्होंने तीसरी लहर के बारे में सटीक विश्लेषण के बाद जानकारी दी है.