कानपुर : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जहां प्रितिदिन मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, वहीं कोविड मरीज ऑक्सीजन की किल्लत के साथ एम्बुलेंस सेवाओं की मार झेलने लगे हैं. दरअसल, सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों को जहां घंटों इंतजार करने के बाद भी बेड नहीं मिल रहा है, वहीं इस बीच प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों ने भी अपना रेट तीन गुना तक बढ़ा दिया है. एक ओर जहां सरकारी एम्बुलेंस कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से समय पर नहीं मिल पा रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर निजी एम्बुलेंस संचालकों ने मनमाने तरीके से आपदा में अवसर तलाशने के लिए अपना किराया काफी बढ़ा दिया है.
आप को बता दें कि कानपुर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 80 एम्बुलेंसों को वर्तमान समय में संचालित किया जा रहा है. इनमें से कोरोना संक्रमितों के 20 सरकारी एंबुलेंस लगाई गई हैं, तो वहीं 60 एंबुलेंस को इमरजेंसी हादसे और गर्भवती महिलाओं की सेवाओं में लगाया गया है. सरकारी एम्बुलेंस की व्यवस्था के प्रभारी डॉ. सुबोध प्रकाश का कहना है कि अभी तक एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कोई खास किल्लत नही हैं, फिर भी हालातों के मद्देनजर ऑक्सीजन के बैकअप को लेकर भी प्रयास जारी है.
एम्बुलेंस में भी ऑक्सीजन का टोटा
प्राण वायु की किल्लत से सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के हाहाकार के साथ अब एंबुलेंस की सेवाओं पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कानपुर जनपद में रोजाना कोरोना मरीजों को अस्पताल ले जाने के साथ उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराने तक घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इसमें एम्बुलेंस के ऑक्सीजन की भी खासा खपत हो रही है. हालांकि कांशीराम कोविड अस्पताल में केवल एंबुलेंस में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रिजर्व किया गया है, लेकिन बैकअप को लेकर वहां भी संकट मंडराने लगा है.