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जब लोग हिम्मत हारते हैं, तो साहित्य ही संघर्ष का जज्बा दिखाता है: डॉ. हरिओम - litterateur Dr Hariom Interview

साहित्यकार छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में हिंदी दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और साहित्यकार डॉ. हरिओम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 15, 2023, 6:54 PM IST

समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम से खास बातचीत.

कानपुर: यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी कि देश का युवा साहित्य से दूर हो रहा है. क्योंकि मेरा मानना है, साहित्य वह है जब लोग हिम्मत हारते हैं तो उन्हें संघर्ष का जज्बा दिखाता है. बेहतर काम करने की जिजिविषा देता है और यही साहित्य हमारे जीवन में किसी न किसी रूप से हमेशा मौजूद रहता है. वैसे भी दुनिया में जो लोकप्रिय किस्म की चीजें हैं, वह एक समय के लिए आती-जाती रहती हैं पर साहित्य हमेशा साथ रहता है. एक युवा 25 साल की उम्र के बाद जब मैच्योर होता है, तब वह प्रेम में पड़ता है, उसका दिल टूटता है, वह जिंदगी के झमेलों को सहता है, तब उस दौर में उसका साथ साहित्य देता है. प्रमुख सचिव समाज कल्याण, कवि, शायर और आईएएस डॉ. हरिओम ने यह बातें ईटीवी भारत संवाददाता से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान कही.

fछत्रपति शाहू जी महाराज विवि में हिंदी दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में प्रस्तुति देते डॉ. हरिओम.
छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में हिंदी दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में प्रस्तुति देते डॉ. हरिओम.

साहित्य से जुड़ने के लिए किताबों से दोस्ती करिएः आईएएस डॉ. हरिओम छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में हिंदी दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में शामिल होने आए. इस दौरान ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि 'साहित्य से जुड़ने के लिए सबसे आसान तरीका है, किताबों से दोस्ती करिए. मेरी एक किताब है कैलाश मानसरोवर यात्रा जोकि बेहद रोचक वृतांत है. इस किताब में तिब्बत में मौजूद भगवान भोलेनाथ का जो वर्णन है, वह हर वर्ग को बहुत पसंद आएगा ऐसा मेरा दावा है'.

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अभ्युदय योजना को सफल बनाने पर विभाग का फोकस: डॉ. हरिओम ने आगे कहा कि मौजूदा समय में विभाग का पूरा फोकस अभ्युदय योजना को सफल बनाने में है. इसमें खासतौर से युवा वर्ग को हम टारगेट कर रहे हैं. ऐसे युवा जो सिविल सेवा, इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, उनके लिए फ्री कोचिंग क्लासेस का कांसेप्ट है. महानगरों में एक से अधिक केंद्र संचालित हो रहे हैं. इनका दिनों दिन विस्तार करना है. इसके अलावा, पारिवारिक लाभ योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, सामूहिक विवाह योजना समेत अन्य योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इस दिशा में काम कर रहे हैं.

विभागीय योजनाओं को धरातल पर लेकर जाएंगे कल्याण मित्र: प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने कहा कि विभाग की ओर से जल्द सूबे में कल्याण मित्र तैनात किए जाएंगे. जोकि पंचायत मित्र व स्वास्थ्य मित्रों की तरह ही काम करेंगे. इन्हें तैनात करने का मकसद है कि जो विभागीय योजनाएं हैं, वह धरातल पर क्रियान्वित हों. सभी कल्याण मित्र जल्द फील्ड पर उतरेंगे. फिलहाल इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

इसे भी पढ़ें-एक अच्छा कवि बनने के लिए एक अच्छा व्यक्ति बनना होगा : अखिलेश मिश्रा

समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम से खास बातचीत.

कानपुर: यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी कि देश का युवा साहित्य से दूर हो रहा है. क्योंकि मेरा मानना है, साहित्य वह है जब लोग हिम्मत हारते हैं तो उन्हें संघर्ष का जज्बा दिखाता है. बेहतर काम करने की जिजिविषा देता है और यही साहित्य हमारे जीवन में किसी न किसी रूप से हमेशा मौजूद रहता है. वैसे भी दुनिया में जो लोकप्रिय किस्म की चीजें हैं, वह एक समय के लिए आती-जाती रहती हैं पर साहित्य हमेशा साथ रहता है. एक युवा 25 साल की उम्र के बाद जब मैच्योर होता है, तब वह प्रेम में पड़ता है, उसका दिल टूटता है, वह जिंदगी के झमेलों को सहता है, तब उस दौर में उसका साथ साहित्य देता है. प्रमुख सचिव समाज कल्याण, कवि, शायर और आईएएस डॉ. हरिओम ने यह बातें ईटीवी भारत संवाददाता से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान कही.

fछत्रपति शाहू जी महाराज विवि में हिंदी दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में प्रस्तुति देते डॉ. हरिओम.
छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में हिंदी दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में प्रस्तुति देते डॉ. हरिओम.

साहित्य से जुड़ने के लिए किताबों से दोस्ती करिएः आईएएस डॉ. हरिओम छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में हिंदी दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में शामिल होने आए. इस दौरान ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि 'साहित्य से जुड़ने के लिए सबसे आसान तरीका है, किताबों से दोस्ती करिए. मेरी एक किताब है कैलाश मानसरोवर यात्रा जोकि बेहद रोचक वृतांत है. इस किताब में तिब्बत में मौजूद भगवान भोलेनाथ का जो वर्णन है, वह हर वर्ग को बहुत पसंद आएगा ऐसा मेरा दावा है'.

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अभ्युदय योजना को सफल बनाने पर विभाग का फोकस: डॉ. हरिओम ने आगे कहा कि मौजूदा समय में विभाग का पूरा फोकस अभ्युदय योजना को सफल बनाने में है. इसमें खासतौर से युवा वर्ग को हम टारगेट कर रहे हैं. ऐसे युवा जो सिविल सेवा, इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, उनके लिए फ्री कोचिंग क्लासेस का कांसेप्ट है. महानगरों में एक से अधिक केंद्र संचालित हो रहे हैं. इनका दिनों दिन विस्तार करना है. इसके अलावा, पारिवारिक लाभ योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, सामूहिक विवाह योजना समेत अन्य योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इस दिशा में काम कर रहे हैं.

विभागीय योजनाओं को धरातल पर लेकर जाएंगे कल्याण मित्र: प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने कहा कि विभाग की ओर से जल्द सूबे में कल्याण मित्र तैनात किए जाएंगे. जोकि पंचायत मित्र व स्वास्थ्य मित्रों की तरह ही काम करेंगे. इन्हें तैनात करने का मकसद है कि जो विभागीय योजनाएं हैं, वह धरातल पर क्रियान्वित हों. सभी कल्याण मित्र जल्द फील्ड पर उतरेंगे. फिलहाल इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

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